Wednesday, 8 February 2023

मेहनत कश जमाने मैं तूँ घणा पाछै जा लिया ।

 #अपनीरागनी 

मेहनत कश किसान

मेहनत कश जमाने मैं तूँ घणा पाछै जा लिया ।

देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया ।

1

चार घड़ी के तड़कै उठ रोज खेत मैं जावै सै

दोपहरी का पड़ै घाम या सर्दी घणी सतावै सै

दस बजे घर आली तेरी रोटी लेकै नै आवै सै

सब्जी तक मिलती कोण्या ल्हूखी सूखी खावै सै

नून मिर्च धरकै रोटी पै लोटा लाहसी का ठा लिया।

देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया ।

2

थारा पूरा पटता कोण्या तूँ दिन रात कमावै सै

बीज बोण के साथै तूँ आस फसल पर लावै सै

लेकै अपनी फसल कमाई तूँ फेर मंडी के मैं जावै सै

उड़ै भी सुख का सांस कोण्या खूबै धक्के खावै सै

ब्याज ब्याज मैं नाज तेरा लाला जी नै पा लिया ।

देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया ।

3

कदे तनै सूखा मारै कदे या बाढ़ रोपज्या सै चाला

सूखे मैं तेरी फसल सूखज्या होवै ज्यान का गाला

कदे कति बेढंगा बरसै भाई यो लीले तम्बू आला

कदे फसल तबाह होज्या कदे होवै गुड़ का राला

बिजली तक आती कोण्या माच्छरां नै रम्भा लिया।

देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया ।

4

बड़ी आशा से तमनै सै या सरकार बनाई देखो

कई काम करैगी थारे तमनै आस लगाई देखो

सरकार नै आँते ही बालक की नौकरी हटाई देखो

थारा माल खरीद सस्ते मैं और कीमत बढ़ाई देखो

रणबीर तेरी हुई तबाही सै आच्छी तरियां ढा लिया।

देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया ।

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