Thursday, 7 March 2019

सपना टूट गया


डॉक्टर बनूं पढ़ लिख कै यो मन का सपना मेरा।
मरीजां का इलाज करूंगी हो घर का दूर अन्धेरा।।
1. मां बाबू अनपढ़ म्हारे घणे लाड प्यार तैं पढ़ाई
  खेती मैं नहीं पूरा पाटै उल्टी सीधी ना कोए कमाई
  धरती गहणे धरकै पढ़े दो बाहण एक भाई
  मेहनत कर आगै बढ़िये मेरे तैं सीख सिखाई
  दो भैंस बांध दूध बेचैं करजे का बढ़ता आवै घेरा।।
2. भाई नै एम ए करकै बी नहीं कितै नौकरी थ्याई
  गाम मैं किरयाणे की फेर उसकी दुकान खुलाई
  बड्डी बाहण बीएड कर बैठी घर मैं बिन ब्याही
  मेरा पी एम टी टैस्ट मैं सत्तरहीं पोजीसन आई
  काउंसलिंग खातर गई उड़ै दिया दिखाई झेरा।।
3. ठारा हजार म्हिने की पहले साल की फीस बताई
  पसीना आया गात मैं धरती घूमती नजर आई
  आंख्यां मैं आंसूं आगे फेर मां की तरफ लखाई
  हाल क्यूकर ब्यां करूं मैं ना कलम मैं ताकत पाई
  अपने दलाल बिठारया सै दीख उडै़ वर्ग लुटेरा।।
4. फीस देण की आसंग कोण्या मन मारकै आगी फेर
  गाम मैं यकीन करैं ना बोले माच्या किसा अन्धेर
  इस
  सरकार मैं बैठे जितने ना कटावैं गरीबां की मेर
  रणबीर न्यों बूझै ये बालक क्यूकर पढ़ावै कमेरा।।

स्वास्थ्य दिवस


सेहत दिवस सात अप्रैल का दुनिया मैं जावै मनाया रै।।
विकास की गलत राही बीमारियां नै हाहाकार मचाया रै।।
1. तनाव बढ़े तरां-तरां के मानवता थरथर कांप रही
  खतरनाक हथियारां की दौड़ सबका बधा या ताप रही
  उद्योग करैं प्रदूषण पैदा बढ़ दिलां की चाप रही
  विकसित दुनिया उदारीकरण की क्यों माला या जाप रही
  अमरीका नै सब सूधे करण का आज पूरा ठेका ठाया रै।।
2. बीस देश दुनिया के छियासी प्रतिशत साधन लेरे रै
  मौज उड़ावै म्हारे दम पै न्यों भारत मैं गरीबी के डेरे रै
  तरां-तरां की ये बधैं बीमारी हम दुख घणा खेहरे रै
  उनके मुंह पै लाली चमकै म्हारे पीले पड़गे चहेरे रै
  हमनै कहवैं जनसंख्या बधाली ज्यां यो संकट छाया रै।।
3. म्हारे साधनां पै कर कमब्जा भारतवासी बणा दिये बोड़े रै
  उनकी लूट के कारण म्हारे देश के साधन पड़गे थोड़ै रै
  म्हारे देश के अमीर घराने आज बणगे इनके घोड़े रै
  भूख गरीबी जनसंख्या के भारत मैं ज्यां पड़गे भोड़े रै
  म्हारी सेहत अर शिक्षा का इननै भट्ठा कति बिठाया रै।।
4. पचास साल राज करया उननै गलत रास्ते पै डाल दिये
  मेहनत करी हम सबनै बंटवारे मैं घर घाल दिये
  अपणी खातर अपोलो म्हारे तै खैराती अस्पताल दिये
  दे कै लालच म्हारे बेटा बेटी अपणे रूखाले पाल दिये
  रणबीर म्हारी सेहत नहीं बणै यो इसा खेल रचाया रै।।

स्वास्थ्य ढांचा ---380----

मुनाफाखोर कम्पनियां नै यो स्वास्थ्य  ढांचा कब्जाया।।
पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।।
1
सरकारी स्वास्थ्य सेवा ढावैं प्राईवेट नै बढ़ावा देवैं
जनता धक्के खा सरकारी मैं प्राईवेट घणे पीस्से लेवैं
दवा मशीन महंगी करदी गरीब मुश्किल तैं खेवैं
पीस्से आले की ज्याण बचै गरीब दुत्कार सेहवैं
बीमारियां का औड़ नहीं कदे डेंगू कदे स्वाइन फ्लू आया।।
पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।।
2
एम्पेनलमेंट पै प्राईवेट का इलाज लेते कर्मचारी
बड़े अस्पतालों मैं जावै अफसरशाही या सारी
लाखों मैं इलाज हर्ट अटैक का बचै जेब जिसकी भारी
प्राइवेट बीमा कंपनी भी भ्रष्टाचार मैं धँसती जारी
घर फूंक तमाशा पड़ै देखना जै चाहते ज्याण बचाया।।
पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।।
3
वातावरण प्रदूषण तैं बढ़ी कैंसर और दमा बीमारी
कीटनाशक बढे गात मैं जिंदगी मुश्किल होती जारी
झोला छाप दवा देसी ये बनी गरीब की लाचारी
ये आर एम पी डॉक्टर स्टीरायड खिलावैं भारी
घणे बढ़गे टोने टोटके बढ़ी अन्धविश्वास की माया।।
पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।।
4
एक तरफ हैल्थ टूरिज्म दूजी तरफ झाड़ फूंक छाये
कितै कमी नर्सों की कितै ये डॉक्टर कम बताये
कितै कमी दवा की कितै औजार कम ल्या पाये
निजी अस्पताल रोज खुलैं ना कोये कानून बनाये
रणबीर सिंह मुनाफे नै म्हारी सेहत का धुम्मा ठाया।।
पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।।