सन 14 की तीज का सुण्लयो हाल सुणाउंमैं।।
बोहर भालोठ आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
1
गुलगुले सुहाली मनै कितै टोहै पाये कोण्या सुनियो
नीम पीपल झूलैं जिनपै नजर आये कोण्या सुनियो
काला दामण लाल चूंदड़ी ल्याकै कड़े तैं दिखउं मैं।।
बोहर भालोठ आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
2
नीम पीपल के डाहले पै जेवड़यां की पींग घालते रै
झूल झूलते तो ये पते टहनी उनकी गैल हालते रै
मिलकै पड़ौसन झूल्या करती ईब कड़े तैं ल्याउं मैं।।
बोहर भालोठ आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
3
कोथली मैं सुहाली आन्ती ये पूड़े घरां बनाया करते
कई दिन सुहानी घेवर रल मिलकै सब खाया करते
लंगर बांध देवर झोटे देता ये के के बात गिणाउं मैं।।
बोहर भालोठ आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
4
तीजां का त्यौहार साम्मण मैं मौसम बदल जावै देखो
अकेलापन दूर होज्या सै मेल मिलाप यो बढ़ावै देखो
क बोहर भालोठ आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
कहै रणबीर हुड्डा पार्क मैं तीस नै तीज मणाउं मैं।।