Friday, 1 June 2018

बाजे भगत


बाजे भगत तो दुनिया से चला गया परन्तु वह अपने पीछे बहुत बड़ी धरोहर छोड़ गया । इस धरोहर का नाश करने के प्रयत्न किये गए मगर यह अभी भी जिन्दा है। क्या बताया भला***
घणा गुणवान था, सही इन्सान था, गीत घणे सुरीले गाग्या।
न्यों बाजे भगत कहवाग्या।।
1
वचन का धनी माणस था चौगिरदे नै मशहूर हुया
मौका कदे नहीं चूक्या इसा गावण का शरूर हुया
लख्मी दादा नै टक्कर ले ली बाजे का के कसूर हुया
दिल के मैं जो खटक गई वा कहवण ताहिं मशहूर हुया
वे साहमी अड़गे, फेर रुक्के पड़गे , रंग काट नया छाग्या।।
न्यों बाजे भगत कहवाग्या।।
2
लाम्बा सांस घणा बताया तर्ज बनाई थी न्यारी
ना मंदा बोल्या चाल्या ना चलायी तलवार दुधारी
मनै कोण्या बेरा लाग्या किसनै बात दबाई सारी
बाजे का छन्द कड़ै गया किसनै रोल मचाई भारी
वो गरीब बताया, घणा रै दबाया, मनै राज बात का पाग्या।
न्यों बाजे भगत कहवाग्या।।
3
हाजिर जवाब हद दर्जे का करै घणा कमाल था रै
बहरे तबील जब गावै था झूमै बांके लाल था रै
उपरा तली की कली भरै छोड्डे नहीं मलाल था रै
उल्टा सीधा मैं कोण्या गाँऊं बतावै अपना ख्याल था रै
नहीं भुंडा गाया,ना कदे घबराया,वो अपना फर्ज निभाग्या।
न्यों बाजे भगत कहवाग्या।।
4
आज कही मेरी याद राखियो बाजे नै फ़रमाया न्यों
अमीर का कत्ल माफ़ हो गरीब जासै सताया क्यों
गरीब की बहू सबकी जोरू इसा खेल रचाया क्यों
द्रोपदी पै महाभारत होग्या म्हारा चीर हरण दबाया क्यों
तेरी याद सतावै, नहीं पार बसावै, रणबीर कोण चूट कै खाग्या।
न्यों बाजे भगत कहवाग्या।।