Tuesday, 22 July 2014

दिल्ली आल्यो


गिणकै दिये बोल तीन सौ साठ दिल्ली आल्यो।
नहीं सुणते बात हम देखैं बाट दिल्ली आल्यो।।
र्इब खत्म म्हारी पढ़ार्इ कति गोलते कोण्या
हम मरते बिना दवार्इ कति तोलते कोन्या
कति बोलते कोण्या बनरे लाट दिल्ली आल्यो।।
इसी नीति अपनार्इ किसान यो बरबाद करया
घर उजाड़ कै म्हारा अपणा यो आबाद करया।
घणायो फसाद करया तोल्या घाट दिल्ली आल्यो।।
म्हारे बालक सरहद पै अपनी ज्यान खपावैं
थारे घूमैं जहाज्यां मैं म्हारे खेत खान कमावैं
भूख मैं टेम बितावैं थारे सैं ठाठ दिल्ली आल्यो।।
सात सौ चीजां की रणबीर ये सीम खोल दर्इ
गउ भैंस बकरी म्हारी ये बिकवा बिन मोल दर्इ
मचा रोल दर्इ गया बेरा पाट दिल्ली आल्यो।।


आयी तीज


मॉनसून नै इबकै बहोतै बाट या दिखाई बेबे 
बरस्या नहीं खुलकै बूंदा बांदी सी आयी बेबे 
साम्मण के मिहने मैं सारे कै हरयाली छाज्या
सोचै प्रदेश गया पति भाज कै घर नै आज्या  
ना गर्मी ना सर्दी रूत या घणी ए सुहाई बेबे 
कोये हरया लाल कोये जम्फर पीला पहर रही 
बाँट गुलगुले सुहाली फैला खुशी की लहर रही 
कोये भीजै बूंदां मैं कोये सुधां लत्यां नहाई बेबे 
आयी तीज बोगी बीज आगली फसल बोई या 
झूला झूल कै पूड़े खाकै थाह मन की टोही या 
पुरानी तीज तो इसी थी आज जमा भुलाई बेबे 
बाजार की संस्कृति नै म्हारी तीज जमा भुलाई 
इस मौके पर जाया करती  प्रेम की पींघ बढ़ायी 
कहै रणबीर सिंह कैसे करूँ आज की कविताई 

ईद और तीज



तीजां का त्यौहार आ जाता है मगर मेहर सिंह को फ़ौज से छूटी नहीं मिलती । गॉव बरौना बहुत याद आता है । वो बाग़ भरा पूरा और वहां डाले गए झूले । बार बार उसके इमाग में घूमते हैं । सोचता है और क्या लिखता है । 
मतना देखिये बाट प्रेमकौर छूटी मनै मिली कोन्या।  
मनै कई तरियां बात करी कोए चाल चली कोन्या । 
पहर कै दाम्मण काला तीज मनावन जाईये जरूर 
फ़ौजी नै गीत लिख कै भेज्या सबनै बताईये जरूर
जरूर तीज मनाईये कदे कहै पींघ तो घली कोन्या । 
पींघ बढ़ा कै नाक सासू की जरूर तोड़ कै नै ल्याईयो 
सुहाली पूड़े और गुलगले सब रेल मिल कै नै खाईयों 
आपस की राड़ घरां मैं होती जमा या भली कोन्या । 
सारे गाम  नै मेरे तरफ की या राम राम दियो जरूर 
दोनो भान रहियो प्रेम तैं आदर सम्मान कियो जरूर 
फ़ौज मैं हालात नहीं अच्छे लड़ाई इब्बै टली कोन्या । 
 इस मिहने साम्मण की या रुत घनी गजब बताई
ईद बी आज काल मैं या जावै पूरे गुहांड मैं मनाई    
रणबीर करै कविताई छाणी बरोने की गली कोन्या ।