Wednesday, 8 February 2023

भारत को सही तस्वीर की फ़िलहाल जरूरत है

 भारत को सही तस्वीर की फ़िलहाल जरूरत है

झलकारी बाई गंभीर की फ़िलहाल जरूरत है

कुरुक्षेत्र के मैदान में कहते सच की जीत हुई थी

द्रोपदी चीर हरण हुआ कलंकित ये रीत हुई थी

एकलव्य वाले तीर की फ़िलहाल जरूरत है

बुराई फैलती जा रही थी इस भारत के समाज में

ज्योतिबाफुल्ले रमाबाई उभरे थे नए अंदाज में

दोहों वाले उस कबीर की फ़िलहाल जरूरत है

अंड वंड पाखंड खिलाफ जमके लड़ी लडाई देखो

सत्य की खोज में त्यार करे थे भाई बहन देखो

स्वामी दयानंद फकीर की फ़िलहाल जरूरत है

ठारा सौ सतावन में लाखों फांसी फंदा चूम गए

राजगुरु सुखदेव भी आजादी की खातिर झूम गए

उस भगत सिंह रणधीर की फ़िलहाल जरूरत है

जलियाँ वाले बैग का बदला दिल में ज्योत जलाई

जालिम डायेर कै जाकै छाती मैं गोली मार दीखाई

उस उधम सिंह बलबीर की फ़िलहाल जरूरत है

जवाहर रविंदर गाँधी देस आजाद करना चाहया

अनगिनत लोग थे जिन्होंने अपना खून बहाया

अहिंसा पुजारी गाँधी पीर की फ़िलहाल जरूरत है

मजदूर किसान की खातिर जिंदगी ही न्योछार दई

मार्क्स नै दुनिया के बारे मैं एक नई सी विचार दई

आज मार्क्सवादी शूरवीर की फ़िलहाल जरूरत है

महिला दलित का दोस्त आज चाहिए समाज इसा

पूंजीवाद राज अन्यायी ख़त्म हो मंदी का राज इसा

एक सही लिखारी रणबीर की फ़िलहाल जरूरत है

No comments: