1
हिम्मत इतनी आज यार नहीं कर पा रहे
खुद को नंगा सरे बाजार नहीं कर पा रहे
दिल में सोचते रहे पूरी दुनिया की बाबत
चौखट घर की मगर पार नहीं कर पा रहे
सच पर न चल पाये मगर झूठ बोलने से
चाह कर भी हम इन्कार नहीं कर पा रहे
तुम्हें देख कर गफलत में डूबे हम भी अभी
अपने गुस्से का इजहार ही नहीं कर पा रहे
पता है गल्त हो रहा मेरे पड़ोस में हर रोज
इसके खिलाफ खड़ा विचार नहीं कर पा रहे
घुसते ही जा रहे हैं अंधियारों में सब्र से हम
उजाले का भी आज इन्तजार नहीं कर पा रहे
रणबीर जरुरी है बदलना इस सिस्टम का अब
इस सच्चाई पर अभी ऐतबार नहीं कर पा रहे
2
दुनिया को देखते हैं कितनी हैरानी के साथ दोस्तो
जिन्दगी गुजार दी है हमने परेशानी के साथ दोस्तो
तुम्हारे साथ गर्दिश में भी कभी मायूस ना हुए हम
गरीबी में किसी तरह गुजरी आसानी के साथ दोस्तो
हमको गर्दिश में भी तुम्हारी वो अदाएं याद हैं अभी
सम्मान के साथ खाती थी रोटी पानी के साथ दोस्तो
हमको तुम्हारे दिल की धड़कनें याद हैं अभी तक
काम करती पसीने में तर पूरी जवानी के साथ दोस्तो
कभी भी षिकन नहीं देखी चेहरे पर तुम्हारे हमने
जीवट जीवन तुम्हारा पास है वीरानी के साथ दोस्तो
टूटे बदन काम के बाद हमेषा बुलन्द होसले के साथ
कहती दिन बदलेंगे एक नई कहानी के साथ दोस्तो
3
मानस तो बनै बिचारा कहैं बीघनों क़ी जड़ नारी ।।
बतावें वासना छिपाने को चोट कामनी क़ी हो न्यारी ।।
1
योग ध्यान करनीया नारद पूरा योगी गया जताया
विश्व मोहिनी पै गेरी लार काया मैं काम जगाया
पाप लालसा डटी ना उसकी मोहिनी का कसूर बताया
सदियाँ होगी औरत उप्पर हमेशा यो इल्जाम लगाया
आगा पाछा देख्या कोन्या सही बात नहीं बिचारी ||
बतावें वासना छिपाने को चोट कामनी क़ी हो न्यारी ।।
2
कीचक बी एक हुआ बतावें विराट रूप का साला
दासी बणी द्रोपदी पै दिया टेक पाप का छाहला
अपनी बुरी नजर जमाई करना चाहया मुंह काला
भीम बलि नै गदा उठाई जिब देख्या जुल्म कुढाला
सारा राज पुकार उठया था नौकरानी क़ी अक्कल मारी ||
बतावें वासना छिपाने को चोट कामनी क़ी हो न्यारी ।।
3
पम्पापुर मैं रीछ राम का एक बाली बेटा होग्या रै
सुग्रीव क़ी बहु खोस लई बीज कसूते बोग्या रै
गेंद बना दी जमा बीर क़ी उसका आप्पा खोग्या रै
ज़मीन का हक़ खोस लिया मोटा रास्सा होग्या रै
सबते घनी सताई जावै घर मैं हो चाहे कर्मचारी ||
बतावें वासना छिपाने को चोट कामनी क़ी हो न्यारी ।।
4
पुलस्त मुनि का पोता हांगे मैं पूरा ए मगरूर था
पंचवटी तैं सीता ठाकै वो घमंड नशे मैं चूर था
सीता बणी कलंकिनी थी धोबी का वचन मंजूर था
उर्मिला का तप फालतू था जिकरा चाहिए जरूर था
झूठी श्यान क़ी बाली चढ़ाई रणबीर या सबला नारी ||
बतावें वासना छिपाने को चोट कामनी क़ी हो न्यारी ।।
4
म्हारी खोज म्हारी सभ्यता
घड़ी बंधी जो हाथ पै इटली मैं हुई खोज बताई।।
भाप के इंजन की खोज करी इंग्लैंड नै ली अंगड़ाई।।
1
खुर्दबीन की खोज कदे नीदरलैंड मैं हुई बताई सै
बैरोमीटर तै टारिसैली नै मौसमी खबर सुणाई सै
गुबारा सतरा सौ तिरासी मैं यो हमनै दिया दिखाई सै
टेलीग्राफ की खोज नै फेर फ्रांस की श्यान बढ़ाई सै
गैस लाइट के आणे तै जग मैं हुर्इ घणी रूसनाई।।
भाप के इंजन की खोज करी इंग्लैंड नै ली अंगड़ाई।।
2
इटली के पी टैरी नै टाइप राइटर फेर बणाया रै
हम्फ्री डेवी नै लैंप सेफटी बणा माडल दिखलाया रै
माचिस की खोज नै ठारा सौ छब्बीस याद कराया रै
साइकिल के बणाणे आला मैकलिन नाम बताया रै
ठारा सौ तितालिस सन मैं फैक्स मशीन बणाई।।
भाप के इंजन की खोज करी इंग्लैंड नै ली अंगड़ाई।।
3
ज्ञान विज्ञान आगै बढ़ग्या करे नये-नये आविष्कार
अमरीका नै लिफट खोजी मंजिलां की फेर लागी लार
ठारा सौ बावण मैं वायुयान नै फ्रांस मैं भरी उडार
टेलबेट नै फोटो खींचण की विधि कर दी तैयार
वैज्ञानिक सोच के दम पै नई-नई तरकीब सिखाई।।
भाप के इंजन की खोज करी इंग्लैंड नै ली अंगड़ाई।।
4
थामसन नै वैलिडंग मशीन अमरीका मैं त्यार किया
एडीसन नै बलब बिजली जगमगा पूरा संसार दिया
मोटर साइकिल डैमलर नै सड़कां पै फेर उतार दिया
उन्नीस सौ बावण मैं हाइड्रोजन बम बी सिंगार लिया
रणबीर आगे की फेर कदे बैठ करैगा कविताई।।
भाप के इंजन की खोज करी इंग्लैंड नै ली अंगड़ाई।।
1
5
म्हारा हरयाणा
फोर लेन और मॉल म्हारा चेहरा खूब चमकाया रै।।
लिंग अनुपात अनीमिया नै महारै कालस लगाया रै।।
1
दो छोर म्हारे हरयाने के नहीं मेरी समझ मैं आवें
एक कान्ही सबते बाध कार हरियानावासी बनावें
महिला भ्रूण हत्या करके सबते तेज कार चलावें
गर्भ वती महिला खून कमी जापे के माह मरजयावें
सोच सोच इन बातां नै दिमाग मेरा चकराया रै।।
लिंग अनुपात अनीमिया नै महारै कालस लगाया रै।।
2
आर्थिक विकास घना सामाजिक विकास थोडा बताते
विकास मॉडल मै मोजूद कमी नहीं खोल कै दिखाते
सचाई नै आंकड़ो बीच कई बुद्धिजीवी बी छिपाते
म्हारे नेता बी सचाई तै बहोत घना आज घबराते
पांचो घी मैं जिसकी सें हरियाणा नंबर वन भाया रै।।
लिंग अनुपात अनीमिया नै महारै कालस लगाया रै।।
3
आर्थिक विकास की माया देखो पैसा छाया चारो और
नंबर वन हरियाणा का मचाया चारो कान्ही शोर
धरती बिकती जा म्हारी औरो के बिक़े डांगर ढोर
शाह नै मात देवें ये समाज सेवी बनके ठग चोर
चोर दवारा साह खुले के मैं जाता रोजाना धमकाया रै।।
लिंग अनुपात अनीमिया नै महारै कालस लगाया रै।।
4
कई बार सोचूँ लोट खाट मैं आज हुआ किसा विकास यो
दिमाग भन्नाया सै मेरा सोचै कदे होरया हो विनास यो
ठेकेदारी का बोलबाला सै करता म्हारा उपहास यो
विकास हुआ या विनास हिल गया मेरा विश्वास यो
रणबीर बरोने वाला ना इनकी बहका मैं आया रै ।।
लिंग अनुपात अनीमिया नै महारै कालस लगाया रै।।
6
शाबाश बेटियो
गोठड़ा टप्पा राजगढ़ मैं बेटियों नै मिशाल बनाई।।
स्कूल अपग्रेड करवाने नै भूख हड़ताल पै आई।।
1
दसवीं करे पाछै कित पढाँ यूं घणा बड्डा सवाल था
बहोत घणी बेटियों का इस कारण हाल बेहाल था
बात बातों मैं चर्चा करकै धरणे पै बैठ मांग ठाई।।
स्कूल अपग्रेड करवाने नै भूख हड़ताल पै आई।।
2
मुंज़ेड़ी गाँव फरीदाबाद मैं बेटियों नै यो बीड़ा ठाया
भूख हड़ताल करकै नै चंडीगढ़ का राज हिलाया
तेज बहादुर गैल बैठग्या राज पै ये मांग मनवाई ।।
स्कूल अपग्रेड करवाने नै भूख हड़ताल पै आई।।
3
अपग्रेड एकसौ बाइस स्कूल बेटियों नै करवाये
शिक्षा के हक की खातर हरियाणे मैं अलख जगाये
मिलकै सबनै नारा लाया करो संघर्ष और पढ़ाई ।।
स्कूल अपग्रेड करवाने नै भूख हड़ताल पै आई।।
4
रणबीर शाबाशी देवै सै बनियो तम नई मिशाल
मेहनत करकै नै बेटियों थाम करियो कोये कमाल
धन्यवाद हिम्मत का थारी गेल्याँ मुलाकात कराई।।
स्कूल अपग्रेड करवाने नै भूख हड़ताल पै आई।।
7
देखो नव उदारीकरण नै यो किसा ऊधम मचाया
शिक्षा का ढांचा सरकारी प्राइवेट की भेंट चढ़ाया
1
शिक्षा के सरकारी ढांचे नै शासन तंत्र खराब करै
इसका दोष जान बूझ कै टीचरां उप्पर ताण धरै
कितै स्कूलों का टोटा कितै यो टीचर बिराण फिरै
सही ढाल का टीचर यो नौकर शाही कै पाणी भरै
दोष टीचरां कै लादया प्राइवेट का धर्राटा ठाया ||
2
या एक बात समझल्यां जनता की मदद चाहवैगी
सरकारी ढांचा बचैगा तो गरीब की पार जावैगी
ना तो देख लियो जनता धक्के पै धक्के खावैगी
महंगी शिक्षा के बोझ नै या किस तरियां ठावैगी
भक्षक बणकै रक्षक आगे कसूता माहौल बनाया||
3
यूनिवर्सिटी स्कूल कालेज सबपै हमला बोल दिया
गंगा जमुनी संस्कृति का उड़ा आज मखौल दिया
हिंदुत्व की तकड़ी मैं बहु धर्मा भारत तोल दिया
जातधर्म पै करा झगड़े भाईचारे मैं जहर घोल दिया
आम जन की शिक्षा का जान बूझ कै भट्ठा बिठाया ||
4
पढ़े लिखे बालक म्हारे कदे बेरा पाड़ लें लूटेरे का
उलझाओ जात धर्म पै जितना बालक कमरे का
कमेंरे समझे कोन्या खेल यो गाय और बछेरे का
जय भीम इंकलाब जिंदाबाद यो नारा चितेरे का
रणबीर नै जोर लगा कै यो अपना कलम घिसाया।।
8
महाकाव्यों को जब इतिहास बनाया जाने लगे तो वैज्ञानिकों के सामने एक चुनौती आ खड़ी होती है। क्या बताया भला---
विकास का नाम लेकै नै ये समाज बाँटना चाहवैं सैं।।
महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।।
1
अंधविश्वसां की जड़ गहरी उनपै आज खेल रहे
मुट्ठी भर ऐस करते बाकि सारे संकट झेल रहे
सवाल मतना ठावो कति आज हमनै धमकावैं सैं।।
महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।।
2
बेरोजगारी नै चारों कान्ही कहर कसूता मचाया रै
म्हारे युवक और युवती के जीवन पै संकट छाया रै
पक्की नौकरी बन्द करकै ठेकेदारी प्रथा बढ़ावैं सैं ।।
महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।।
3
ये रोजगार देते कोण्या जात पात धर्म पै बाँट रहे
कितै सिख पटेल कितै किसान की मांग नाट रहे
चाल आजादी पाछै इनकी हम उलझते ए जावैं सैं।।
महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।।
4
झूठ बोल बोल कै रोजाना जनता खूब भकाई जावै
गऊ गीता गंगा के पाछै असली संकट छिपाई जावै
रणबीर सिंह के छन्द ये सच का साथ निभावैं सैं।।
महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।।
9
बुलेट ट्रेन
काफी चर्चा में है बुलेट ट्रेन। एक ट्रेक पर सवा लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं जबकि काकोदकर कमेटी ने कहा था कि मौजूदा रेल पटरियों के पूरे ढांचे को ठीक करने के लिए एक लाख करोड़ चाहिए । क्या बताया भला -----
बुलेट ट्रेन चलावैगा जरूर, कसूता चढ़रया इंके शरूर
खड़या देखै किसान मजदूर,पूरे सवा लाख करोड़ गालैगा
1
इसकी जरूरत कति कोण्या, फेरबी बता क्यों ल्यावै सै
झूठे साच्चे फायदे बताकै जनता नै खामखा भकावै सै
बाकि रेलां का हाल बताऊँ, बुरी हालत इनकी दिखाऊं
जनता का मैं दुखड़ा सुनाऊं,भक्कड़ घणा कसूता बालैगा
2
दुसरे देशां मैं बुलेट ट्रेन या फेल होली बतावैं देखो
किराया आम नागरिक नहीं जमा बी दे पावैं देखो
जापान का हाल देखियो भाई, दूजे देशां मैं तबाही मचाई, फेरबी भारत मैं जागी चलाई, अडाणी अम्बानी नै पालैगा
3
अस्सी हजार करोड़ खर्च इस एक ट्रेन पै होवैगा रै
बाकी ट्रेन जाओ धाड़ कै रेल यात्री बैठया रोवैगा रै
विकास नहीं विनाश राही चाले, गरीबों कै आज पूरे घर घाले, इनै कालजे म्हारे कसूते साले,आंदोलन के बिना नहीं टालैगा
4
बेरोजगारी पै ध्यान कोण्या नौजवान मारे मारे फिरते
शिक्षा सेहत बाजार हवाले महिलावां के ये चीर चिरते
कलम चलाई रणबीर देखो, नहीं झूठी दिखाई तस्वीर देखो , स्थिति बताई घणी गंभीर देखो,हमनै यो डोबै बीच बिचालैगा
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दुनिया को देखते हैं कितनी हैरानी के साथ दोस्तो
जिन्दगी गुजार दी है हमने परेषानी के साथ दोस्तो
तुम्हारे साथ गर्दिष में भी कभी मायूस ना हुए हम
गरीबी में किसी तरह गुजरी आसानी के साथ दोस्तो
हमको गर्दिष में भी तुम्हारी वो अदाएं याद हैं अभी
सम्मान के साथ खाती थी रोटी पानी के साथ दोस्तो
हमको तुम्हारे दिल की धड़कनें याद हैं अभी तक
काम करती पसीने में तर पूरी जवानी के साथ दोस्तो
कभी भी षिकन नहीं देखी चेहरे पर तुम्हारे हमने
जीवट जीवन तुम्हारा पास है वीरानी के साथ दोस्तो
टूटे बदन काम के बाद हमेषा बुलन्द होसले के साथ
कहती दिन बदलेंगे एक नई कहानी के साथ दोस्तो
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जल रहा सब जहां उम्मीद करें भी तो कैसे करें
नहीं पहली सी फिजां यकीन करें भी तो कैसे करें
अनुषासन की सीख हमें खुद सभी कानून तोड़ो
ऐसा इन्साफ यहां तस्लीम करें भी तो कैसे करें
खानाबदोष बनाओ हमको हमसे ही गिला करो
प्यार की गुंजाइष कहां दुष्मनी करें भी तो कैसे करें
हमारी आह भी गुनाह कत्ल भी मुआफ उनके
कैसे जल जाती ये षमां ब्यां करें भी तो कैसे करें
किसने किसे तड़फाया है सही हिसाब करेगा कौण
ये तुम्हारी बात यहां मंजूर करें भी तो कैसे करें
सच कहना अगर बगावत है तो हम भी बागी हैं
रणबीर झूठा इम्तिहां पास करें भी तो कैसे करें
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मेरी सूरत ना पहचानो है ये तो गंवारा मुझको
अपने दुष्मन को पालो नहीं मंजूर नजारा मुझको
खुद ही राह बदल गये अब खड़े अनजान बने
कहो ए खुदा के इन्सानो किसलिए पुकारा मुझको
हमसे मुहब्बत की थी तब कितनी कसमें खाई थी
अब खंजर मुझ पर तानो क्या है इषारा मुझको
नजरें क्यों झुकरई हैं सिर उठाके देखो तो सही
तुम मानो या मत मानो तुमने ही संवारा मुझको
कसमे वादे भूलने वालो यही षिकवा तुमसे है
लगता है आज तुमने समझा है बेचारा मुझको
कहां से चल कहां पहुंचे दंग है रणबीर आज
सम्भलो कदर दानों लगता है दूर किनारा मुझको