Thursday, 3 August 2017

आजादी म्हारी


खतरे मैं आजादी म्हारी जिंदगी बणा मखौल दी || 
जिसपै भगत सिंह नै जवानी लुटा निरोल दी ||
1  
 आजादी लेवण की खातर उठया असली तूफ़ान था 
लाठी गोली बरस रही थी जेलां मैं नहीं उस्सान था 
एक तरफ बापू गाँधी दूजै कान्ही मजदूर किसान था 
कल्पना दत्त भगत सिंह का सरे आम यो एलान था 
इंकलाब जिंदाबाद की फांसी तैं पहल्यां बोल दी || 
जिसपै भगत सिंह नै जवानी लुटा निरोल दी ||

सत्तावन की जंग तै यो गद्दर का झूठा नाम दिया 
घणा दमन किया फिरंगी नै उदमी रूख पै टांग दिया 
सैंतीस दिन तड़फ्या शेर कोए ना मिलने जान दिया 
हंस हंस फांसी चढ़गे हिन्दुस्तान का राख मान दिया
जनता की एकता नै गोरी ताकत जमा खंगोल दी || 
 जिसपै भगत सिंह नै जवानी लुटा निरोल दी ||

देश वासी अपने दिल मैं नए नए सपने लेरे थे 
ना भूख बीमारी रहने की सब नेता नारे देरे थे 
इस कारण लाखों भाण भाई गए जेलां के घेरे थे 
मुफ्त दवायी और पढ़ाई का नेक इरादा सेहरे थे 
गोरे गए और आये काले चालू कर वाहे रोल दी || 
 जिसपै भगत सिंह नै जवानी लुटा निरोल दी ||

फूट गेरो और राज करो ये नीति वाहे चाल रहे 
आज जात धर्म ऊपर ये घर कसूते घाल रहे 
आपस मैं लोग लड़ा दिए अपणी लूट नै पाल रहे 
महंगाई  ऊपर चढ़ा कै कर किसकी रूखाल रहे 
रणबीर छठी शदी की या उल्टी राही खोल दी || 
जिसपै भगत सिंह नै जवानी लुटा निरोल दी ||


चोरी की क्या कहें कहानी चोरी चौकीदार करैं 
बड़ी बड़ी सरकार करती या चोरी साहूकार करैं  
कई छोटे बड़े हाकिम चोरी सिपाही थानेदार करैं 
रिश्वत मैं ये  करैं गर्म हथेली खूब सरे बाजार करैं 

धर्म पै लड़न ना देने

बढ़न ना देने 
साम्प्रदायिक लोग जगत मैं कति बढ़न ना देने सैं || 
चाहे कुछ हो जाओ लोग धर्म पै लड़न ना देने सैं || 

साम्प्रदायिक जहर जगत मैं घटिया माणस फैलारे सैं 
आड़ै धर्म पै जूत बाजज्या न्यों पूरा जोर लगारे सैं 
जगह जगह  जलूस निकाले उल्टे नारे लारे सैं 
अमरीका पै पीस्से खाकै देश तुड़ाना चाहरे सैं 
हिन्दू मुस्लिम सिख आपस मैं कति भिड़न ना देने सैं || 
चाहे कुछ हो जाओ लोग धर्म पै लड़न ना देने सैं || 

साम्प्रदायिक लोग जगत मैं अमरीका नै ठा राखे 
कोये देश ना ईसा मिलै जड़ै एजेंट ना बिठा राखे 
सब देशां के पूंजीपति भी अपणी गैल लगा राखे 
मेहनत कश क्यूकर लड़वाने न्यूं सारे समझा राखे 
धर्म ज़ात के चक्कर मैं यहाँ लोग पड़ण ना देने सैं || 
चाहे कुछ हो जाओ लोग धर्म पै लड़न ना देने सैं || 

कोए कहै सिख धर्म नै खतरा न्यारा देश बनाओ 
कोए कहै हिन्दू धर्म नै खतरा सब त्रिशूल उठाओ 
कोए कहवै इस्लाम नै खतरा दौड़ दौड़ कै आओ 
कोए कहवै ईसाई नै खतरा सब कठ्ठे हो जाओ 
माणस पीड़न के कोल्हू चलारे माणस पीड़न ना देने सैं ||   
चाहे कुछ हो जाओ लोग धर्म पै लड़न ना देने सैं || 

किसे  धर्म नै खतरा कोन्या खतरा म्हारी कमाई नै 
मेहनतकश पै बाँगड़ बाजै खाना चाहवैं मलाई नै 
गौरयां के पिठठू चाहवैं लड़ाना भाई गेल्याँ भाई नै
आड़ै धर्म के नेता जोड़े इस अमरीका कसाई नै
अंग्रेज सिंह कहै दंगे हिन्द मैं कति छिड़न ना देने सैं || 
 चाहे कुछ हो जाओ लोग धर्म पै लड़न ना देने सैं ||