Thursday, 23 February 2023

म्हारी ये कौन नाक कटावैं ना उनकी चाल जाणी क्यों

 नया हरियाणा

म्हारी ये कौन नाक कटावैं ना उनकी चाल जाणी क्यों

व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों

पुलिसिया बीस रपिये लेले उसकी चर्चा अखबार पुकारैं

ऊंचे महलां होज्यां सौदे करोड़ों कमीशन बदकार डकारैं

शरीफ खड़े लाचार निहारैं जनता जाणै ना कहाणी क्यों

भ्रष्टाचार बलात्कार रिश्वत खोरी ये फण सैं व्यवस्था के

नैतिकता की बात करैं वे जो चाकर इसी व्यवस्था के

अमीर मालिक व्यवस्था के गरीब की कुन्बा घाणी न्यों

गरीब हकां की लड़ै लड़ाई लड़कै व्यवस्था नै बदलांगे

गरीब अमीर की चौड़ी खाई राज व्यवस्था का समझांगे

पासा रलमिल पलटांगे पाळां इसी नागण काली क्यों

पीस्से आले इजारेदार नै म्हारी सरकार बढ़ावै लोगो

तब दिली करकै कानूनां मैं इनकी टहल बजावै लोगो

बहुराष्ट्रीय कम्पनी ल्यावै लोगो देखै ना म्हारी हाणी क्यों

छोटी पूंजी मेहनत मिलकै बड़ी पूंजी तैं हम टकरावांगे

किसान मजदूर दूकानदार सब मिल यो नारा लावांगे

यो नया हरियाणा बनावांगे रणबीर बीमारी पिछाणी न्यों

ranbir dahiya

 यो सी ए ए के बला सै?

 कमलू -- रमलू

कमलू-- रै रमलू ! यो सी ए ए के बला सै?

रमलू- यो सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट ( नागरिकता संशोधन अधिनियम ) का छोटा नाम सै कमलू

कमलू-- यो नागरिकता अधिनियम कद बनाया था रमलू?

रमलू-- न्यों कहैं सैं अक यो 1955 मैं बनाया था।

कमलू-- इस संशोधन तैं पहलम भी कोये संशोधन होए थे इसमैं?

रमलू--हाँ ! यो पांचवां संशोधन बतावैं सैं ।

कमलू-- पहले चार संशोधन कुणसे थे रमलू?

रमलू-- भाई उनका तो मनै बेरा कोण्या। किसे भाई नै बेरा होगा तो बतावैगा।

कमलू-- तो यो पांचवां संशोधन के सै?

रमलू-- इस संशोधन के द्वारा अफगानिस्तान,  पाकिस्तान और बंगलादेश इन तीन देशां तैं 31 दिसंबर 2014 तैं पहले भारत मैं प्रवेश करे औड़ हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाईयों नै अवैध आप्रवासी नहीं मान्या जागा बल्कि उन ताहिं भारतीय नागरिकता दी जावैगी।

कमलू-- इसमैं तो कई पड़ौसी देश छोड़ दिये। ये बस तीन देश क्यूँ? अर जै इन देशां मैं कोये दुखी पीड़ित मुसलमान हो तै उसका के बनैगा?

रमलू--ये बात बूझिये उन नेतावां धोरै जिणनै यो संशोधन करया सै।

नौंजवानों का हाल सुनाऊं, साच्ची बात ना झूठ भकाऊं,

 हरियाणा के युवाओं -लड़के

और लड़कियों की मेहनत ने
हरयाणा नम्बर वन बनाया ,
मगर हमने युवाओं को कहां पहुंचाया?
क्या बताया भला--
नौंजवानों का हाल सुनाऊं,
साच्ची बात ना झूठ भकाऊं,
बिना नौकरी दुखी दिखाऊं ,
के होगा इस हरियाणे का।।
बेरोजगारी बढ़ती जावै सै,
शिक्षा महंगी होंती आवै सै,
युवक युवती हाँडै खाली,
खत्म हुई चेहरे की लाली,
नशे नै कसूती घेरी घाली,
के होगा इस हरियाणे का।।
छोटा मोटा ठेके का काम यो,
ठेकेदार खींचै म्हारा चाम यो,
तनखा मिलती घणी थोड़ी,
मालिक बणे हाँडै करोड़ी,
काम नै म्हारी कड़ तोड़ी,
के होगा इस हरियाणे का ।
बेरोजी नै युवा रूआया रै,
संकट सिर ऊपर छाया रै
नशे का पैकेज ल्याये देखो ,
युवा इसमें फँसाये देखो,
अंधविश्वासी बनाये देखो,
के होगा इस हरियाणे का।
मजबूत संगठन बनाना हो
संघर्ष मिलकै चलाना हो
सोचां युवा युवती सारे रै,
कैसे क्लेश मिटेंगे महारे रै,
छोड़ जात पात के नारे रै ,
फेर कुछ होगा हरियाणे का ।