Tuesday, 19 November 2019

चिट्ठी ---360---/


चिट्ठी
चिट्ठी आई सै बदायूं तै मेरे दोनों बेटे मार दिये।
राम मंदिर के झंझट नै लोगां पै कसूते वार किये।।
1. हिन्दू मुस्लिम का धुर तै बदायूं मैं भाई चारा था
  कट्ठे खावैं खेलैं मिलकै मुस्लिम नै हिन्दु प्यारा था
  बहू बेटी बरोबर सबकी शहर का अजब नजारा था
  यो झंझट याद नहीं था म्हंगाई का बुलन्द सितारा था
  रेलगाड़ी पै हमला बोल दिया हिस्से धड़ के चार किये।।
2. म्हउ रतलाम जलण लागरे माणस देश के तंग होगे
  बिना बात के रास्से मैं हिन्दू मुस्लिम के जंग होगे
  मुल्ला पंडे और पुजारी ये जमा उघाड़े नंग होगे
  फिरका परस्ती चला दई देश टूटण के
  बालक औरत मरे बिचारे कर दुखी नर नार दिये।।
3. फेर कहैं मोहम्मद खां नै भारत तै कोए प्यार नहीं
  कुणबा घाणी कर दी मेरी आड़ै किसे का इतबार नहीं
  जाउं तो जाउं कित मैं और कितै तो घरबार नहीं
  पींडी कापै डर लागै सै पावै मनै मददगार नहीं
  हर हर महादेव के नारे त्रिशूल सभी नै धार लिये।।
4. सन सैंतालीस मैं बाप मेरा दंग्यां नै छीन लिया
  रोटी लत्ता मिल्या नहीं था इसा मेरी दीन किया
  दर-दर ठोकर खाउं था खोस मेरा यकीन लिया
  देश छोड़ परेदश मैं आग्या गात बना मशीन दिया
  रणबीर सिंह पूछै हटकै कर क्यों अत्याचार दिये।।

बम्बई

कोठा बंगले अर भूखे कंगले बम्बई की तसबीर भाई रै।
मेहनत करता वो भूख मरता दुनिया की तकदीर भाई रै।।
1. समुद्र किनारा शहर प्यारा इसतै आच्छी बात नहीं सै
  महल अट्टारी बनती जारी बिन पीस्से औकात नहीं सै
  पीस्सा ईमान हुया भगवान रही माणस की जात नहीं सै
  इनसान मशीन करले यकीन फुरसत दिन रात नहीं सै
  होटल आलीशान ये बढ़ावैं मान मनै सही तदबीर लड़ाई रै।
2. शिवसेना भाई उड़ै छाई बदमाशी का कोए औड़ नहीं
  माफिया राज बताया आज इसका कहैं कोए जोड़ नहीं
  फिल्मी सितारे टोर बनारे राजकुमार तै घणी मरोड़ नहीं
  सारी बात मिलै फुटपाथ छत नीचे कई करोड़ नहीं
  हुया हैरान मैं करूं बखान परेशान चलता राहगीर भाई रै।।
3. परिन्दा नया टोहलें एक पल मैं जेब साफ करैं
  उपर नीचे नीचे उपर पीस्सा बांट कै इन्साफ करैं
  करैं हद बन्दी और पाले बन्दी ना दूजे नै माफ करैं
  बड़े घराने शाही खजाने लूट का हाफ-हाफ करैं
  नजर आवै इनै कोन छिपावै जो लूट अमीर मचाई रै।।
4. घणी लम्बाई और चौड़ाई इस शहर बम्बई की रै
  उंची इमारत और तिजारत मशहूर शहर बम्बई की रै
  फुटपाथ बतावैं शर्त लगावैं बड्डी शहर बम्बई की रै
  ठगी बतावैं किस्से सुनावैं नामी शहर बम्बई की रै
  सुण कमल या कहै अमन या लिखै रणबीर कतिवाई रै।।

जागी महिला हरियाणे की

जागी महिला हरियाणे की
करकै कमाल दिखाया सै, यो घूंघट तार बगाया सै,
खेतां मैं खूब कमाया सै, जागी महिला हरियाणे की।।
1. देश की आजादी खातर अपणी ज्यान खपाई बेबे
  गामड़ी सांघी खिडवाली मैं न्यारी रीत चलाई बेबे
  लिबासपुर रोहणात मैं बहादरी थी दिखलाई बेबे
  अंग्रेजां तै जीन्द की रानी गजब करी लड़ाई बेबे
  अंग्रेजां का भूत बनाया, यो सब कुछ दापै लाया,
  देश आजाद कराणा चाहया जागी महिला हरियाणे की।।
2. देश आजाद होये पाछै हरित क्रांति ल्याई बेबे
  खेत क्यार कमावण तै कदे नहीं घबराई बेबे
  डांगर ढोर संभाले हमनै दिन रात कमाई बेबे 
  घर परिवार आगै बढ़ाये स्कूलां करी पढ़ाई बेबे
  हरियाणा आगै बढ़ाया सै ,सात आसमान चढ़ाया सै,
  गुण्डयां का जुलूस कढ़ाया सै, जागी महिला हरियाणे की।।
3. हमनै गाम बराहणे मैं दारू बन्दी पै गोली खाई सै
  खेलां के मैदानां मैं जगमति सांगवान खूबै छाई सै
  सुशीला राठी बड्डी डॉक्टर हरियाणे की श्यान बढ़ाई सै
  नकल रोकती बाहण सुशीला जमा नहीं घबराई सै
  चावला नै नाम कमाया सै, महिला का मान बढ़ाया सै
  यो रस्ता सही दिखाया सै, जागी महिला हरियाणे की।।
4. संतोष यादव बाहण म्हारी करकै कमाल दिखाया हे
  सुमन मंजरी डीएसपी पुलिस मैं नाम कमाया हे
  सांगवान मैडम नै बिमल जैन तै सबक सिखाया हे
  नवराज जयवन्ती श्योकन्द जीवन सफल बनाया हे
  ज्योति अरोड़ा सरोज सिवाच प्रशासन खूब चलाया हे
  ये आगै बढ़ती जारी बेबे, करकै कमाल दिखारी बेबे
  रणबीर मान बढ़ारी बेबे, जागी महिला हरियाणे की।।

जाइये मनै बताकै


घसे कसूते दुःखी होरे सां देख मुरारी आकै।
अपणे हाथां क्यूं ना गेरता कुएं के मां ठाकै।।
1. देश दम म्हारे पै फल्या यो
  अमीर घर दीवा बल्या यो
  म्हारा सब किमै छल्या यो घिटी मैं गूंठा लाकै।।
2. तेरा चेला दुखड़ा
  मेहनत कर भूखा सोवै सै
  तनै सारे कै टोहवै सै सोग्या अमीरां कै जाकै।।
3. तनै गरीब क्यों नहीं भाता
  क्यों ना म्हारी तरफ लखाता
  तूं कद खोलै म्हारा खाता जाइये मनै बताकै।।
4. बचया छिदा इन्सान आड़ै
  सब देखै भगवान आडै़
  घर होगे शमशान आड़ै रणबीर कथा सुणाई गाकै।।

चापलूस

चापलूसां का चारों कान्हि घणा जमघट होग्या रै।
घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।।
1. स्वार्थी कामचोरां की ईब लागी आड़ै लार दखे
  हांडैं नशे के गुलाम हुये ये कई हजार दखे
  टूटैं सैं परिवार दखे सूना पनघट होग्या रै।।
2. अफरा तफरी माची म्हारे मानव समाज मैं
  आज महिला बेहाल हुई इस जंगल राज मैं
  फंसाई पुराने रिवाज मैं जीने का संकट होग्या रै।।
3. माणस माणस नै खावै ऐसा चल्या रिवाज सै
  पांच सितारा मैं जावैं बेची शर्म लिहाज सै
  भूखा मरै समाज सै यो जीणा सिरकट होग्या रै।।
4. उपेक्षा तिरिस्कार का हुया आज ठाड्डा पाला रै
  धोला पिटता हांडै सै राज करै धन काला रै
  रणबीर सिंह नै दोष दें कहैं लम्पट होग्या रै।।

करजा


करजे नै कड़ तोड़ी म्हारी दिया पूरे घर कै घेरा।
एक औड़ गहरा कुआं दीखै यो दूजे औड़ नै झेरा।।
1. ट्रैक्टर की बाही मारै ट्यूबवैल का रेट सतावै
  थ्रेसर की कढ़ाई मारै भा फसल का ना थ्यावै
  फल सब्जी दूध सीत सब
  माट्टी गेल्यां माट्टी होकै बी सुख का सांस ना आवै
  बैंक मैं सारी धरती जाली दीख्या चारों ओर अन्धेरा।।
2. निहाले धोरै रमूल तीन रुपइया सैकड़े पै ल्यावै
  वो सांझ नै रमलू धोरै दारू पीवण तांहि आवै
  निहाला करज की दाब मैं बदफेली करना चाहवै
  विरोध करया तो रोजाना पीस्यां की दाब लगावै
  बैंक आल्यां की जीप का रोजना लागण लाग्या फेरा।।
3. बेटा बिन ब्याहया हांडै सै घर मैं बैठी बेटी कंवारी
  रमली रमलू न्यों बतलाये कट्ठी होगी मुसीबत सारी
  खाद बीज नकली बिकते होगी खत्म सब्सिडी म्हारी
  मां टी बी की बीमार होगी छाग्या हमपै संकट भारी
  रोशनी कितै दीखती कोन्या छाया चारों कूट अन्धेरा।।
4. मां अर बाबू इनके नै जहर धुर की नींद सवाग्या
  इनके घर का जो हाल हुया वो सबकै साहमी आग्या
  जहर क्यूं खाया उननै यो सवाल कचौट कै खाग्या
  आत्म हत्या ना सही रास्ता रणबीर सिंह समझाग्या
  मिलकै सोचां क्यूकर आवै घर मैं सो नया सबेरा।।





त्रिमूर्ति

बैंक फंड व्यापार त्रिमूर्ति मिलकै खाल तारै म्हारी रै।।
इसके काटे घूमण लागरे गरीब नर और नारी रै।।
1. सिरकी घाल कै करैं गुजारा जिननै ताज महल बनाये
  उनके बालक भूखे मरते जिननै जमकै खेत कमाये
  तन पै उनके लत्ता ना जिननै कपड़े के मील चलाये
  वे बिना दूध सीत रहते, जिननै डांगर खूब चराये
  भगवान भी आन्धा कर दिया ना कितै दीखता भ्रष्टाचारी रै।।
2. जितना करड़ा काम म्हारा नहीं सम्मान उतना मिलता
  दस नम्बरी माणस जितने उनका हुकम सारै पिलता
  नकली फूल सजावैं देखो यो क्यों ना असली खिलता
  कहैं उसके बिना आड़ै यो पत्ता तक नहीं हिलता
  सबके उपर ध्यान नहीं उसका फेर किसा न्यायकारी रै।।
3. डांगर की कदर फालतू माणस बेकदरा सै संसार मैं
  छोरे की कदर घणी सै छोरी धन पराया परिवार मैं
  किसे जुल्म होण लागरे ये छपते रोज अखबार मैं
  कति छांट कै इसनै चलाई महिला भ्रूण पै कटारी रै।।
4. इस व्यवस्था मैं मुट्टीभर तो घणे हो मालामाल रहे
  हमपै चलाकै  चाल अपणी ये पूर कसूता  जाल रहे
  सोच कै बढ़ियो आगै नै ये माफिया काले पाल रहे
  पुलिसिया और फौजी कर रणबीर इनकी रूखाल रहे
  सही सोच कै संघर्ष बिना ईब जनता पिटती जारी रै।।

एक बी पीस्सा


फरवरी पाछै दिया कोन्या एक बी पीस्सा म्हारे तैं।
एमडी बोल्या टोटा आग्या बताती साच्ची बात थारे तै।।
1. बड़े जतन करकै हमनै यो खेत बोया बाहया देख
  गंडेरी बोई खेत म्हारे मैं कई बै कुण्बे नै नुलाया देख
  छोल कै जाड्डे मैं ल्याया देख बुग्गी मांगी मुखत्यारे तैं।।
2. ये मिल के चक्कर काटे कई दिन मैं नम्बर थ्यावै था
  कदे कम तोलैं कदे नुक्स किमै दम नाक मैं आवै था
  रोटी टूक कड़ै भावै था जिब काम चालता उधारे तैं।।
3. पन्दरा हजार खड़े मिल मैं कोए अता पता देन्ता ना
  बाली नेता म्हारा इस बात पै किसे नै बी सेहन्ता ना
  सीएम दरखास्त लेन्ता ना बात करै घणे इशारे तैं।।
4. मिलकै सोचां कष्ट निवारण न्यों पार ना पड़ै म्हारी
  मजबूत संगठन बणा अपणा पेमैंट लेवांगे सारी
  किसानां नै दी किलकारी एमडी आज्या तलै चौबारे तैं।।

Surgeon Conf

छाती गुदा पै चर्चा होरी इन्सान चरचा मैं नहीं पाया।
कैंसर इलाज पै जोर था रोक पै बखत नहीं लागया।।
1. खाने की नली में कैंसर पै पहले दिन गैहटा तार दिया
  संजय शर्मा और कोठारी चारों तरफ तै इपैं वार किया
  एकाध फांचर ठोक आन मरया घणा उलटा सवाल ठाया।।
2. जेम्ज रूसनिस्की और कैयाव आये अमरीका जापान तै
  घणे जोर कै लैक्चर दिये कुछ सोन्ते पाये थे ध्यान तै
  नई तकनीक कई बताई कई सवालां पै हाथ हिलाया।।
3. कोए किसे अंग का माहिर करकै मेहनत खासा होग्या रै
  पेनल डिस्टकस्सन कई हुए कई बातां का खुलासा होग्या रै
  किततै चाल कित पहुंचगे डी सूजा नै सवाल घुमाया।।
4. कैंसर लाइलाज बीमारी ना फेर इलाज आसान कड़ै सै
  उस घर की करै तबाही जिसमैं एक बर आन बड़ै सै
  कान्फ्रैंस नै थोड़ा घणा पीजीआईएमएस का मान बढ़ाया।।

स्वास्थ्य दिवस--370---

स्वास्थ्य दिवस
सेहत दिवस सात अप्रैल का दुनिया मैं जावै मनाया रै।।
विकास की गलत राही बीमारियां नै हाहाकार मचाया रै।।
1. तनाव बढ़े तरां-तरां के मानवता थरथर कांप रही
  खतरनाक हथियारां की दौड़ सबका बधा या ताप रही
  उद्योग करैं प्रदूषण पैदा बढ़ दिलां की चाप रही
  विकसित दुनिया उदारीकरण की क्यों माला या जाप रही
  अमरीका नै सब सूधे करण का आज पूरा ठेका ठाया रै।।
2. बीस देश दुनिया के छियासी प्रतिशत साधन लेरे रै
  मौज उड़ावै म्हारे दम पै न्यों भारत मैं गरीबी के डेरे रै
  तरां-तरां की ये बधैं बीमारी हम दुख घणा खेहरे रै
  उनके मुंह पै लाली चमकै म्हारे पीले पड़गे चहेरे रै
  हमनै कहवैं जनसंख्या बधाली ज्यां यो संकट छाया रै।।
3. म्हारे साधनां पै कर कमब्जा भारतवासी बणा दिये बोड़े रै
  उनकी लूट के कारण म्हारे देश के साधन पड़गे थोड़ै रै
  म्हारे देश के अमीर घराने आज बणगे इनके घोड़े रै
  भूख गरीबी जनसंख्या के भारत मैं ज्यां पड़गे भोड़े रै
  म्हारी सेहत अर शिक्षा का इननै भट्ठा कति बिठाया रै।।
4. पचास साल राज करया उननै गलत रास्ते पै डाल दिये
  मेहनत करी हम सबनै बंटवारे मैं घर घाल दिये
  अपणी खातर अपोलो म्हारे तै खैराती अस्पताल दिये
  दे कै लालच म्हारे बेटा बेटी अपणे रूखाले पाल दिये
  रणबीर म्हारी सेहत नहीं बणै यो इसा खेल रचाया रै।।



               

सपना टूट गया


डॉक्टर बनूं पढ़ लिख कै यो मन का सपना मेरा।
मरीजां का इलाज करूंगी हो घर का दूर अन्धेरा।।
1. मां बाबू अनपढ़ म्हारे घणे लाड प्यार तैं पढ़ाई
  खेती मैं नहीं पूरा पाटै उल्टी सीधी ना कोए कमाई
  धरती गहणे धरकै पढ़े दो बाहण एक भाई
  मेहनत कर आगै बढ़िये मेरे तैं सीख सिखाई
  दो भैंस बांध दूध बेचैं करजे का बढ़ता आवै घेरा।।
2. भाई नै एम ए करकै बी नहीं कितै नौकरी थ्याई
  गाम मैं किरयाणे की फेर उसकी दुकान खुलाई
  बड्डी बाहण बीएड कर बैठी घर मैं बिन ब्याही
  मेरा पी एम टी टैस्ट मैं सत्तरहीं पोजीसन आई
  काउंसलिंग खातर गई उड़ै दिया दिखाई झेरा।।
3. ठारा हजार म्हिने की पहले साल की फीस बताई
  पसीना आया गात मैं धरती घूमती नजर आई
  आंख्यां मैं आंसूं आगे फेर मां की तरफ लखाई
  हाल क्यूकर ब्यां करूं मैं ना कलम मैं ताकत पाई
  अपने दलाल बिठारया सै दीख उडै़ वर्ग लुटेरा।।
4. फीस देण की आसंग कोण्या मन मारकै आगी फेर
  गाम मैं यकीन करैं ना बोले माच्या किसा अन्धेर
  इस
  सरकार मैं बैठे जितने ना कटावैं गरीबां की मेर
  रणबीर न्यों बूझै ये बालक क्यूकर पढ़ावै कमेरा।।