Friday, 5 August 2016

म्हारे देश म्हं(....... 3)




आज म्हारे आजाद देश म्हं मेहनतकश इन्सान पिटैं
कम्पनियाँ के चलैं इशारे , न्यूं मजदूर - किसान पिटैं............ (टेक)
1. विदेशी कम्पनी गुडगामे म्हं पूरा दमन चलाया था
भारी फोर्स पुलिस की लेकै डी०सी० आगै आया था
डाँगर की ज्यूं माणस पिट्टे, बिल्कुल ना शरमाया था
धार खून की बहती देखी , पाट काळजा आया था
राज करणिये करैं दलाली , जनता के अरमान पिटैं..........
2. उदारीकरण का नारा लाकैं गोरयां नै बुलवाएं जां
लाल किले पै झण्डे नीचै झूठे सपन दिखाएं जां
बेकारी और तंगहाली अडै अपणे पैर फलाएं जां
कदे कितेऔर कदे किते , गोळी रोज चलाएं जां
मूर्खमण्डल मौज करैं अडै सरेआम गुणवान पिटैं............
3. किते , किते गोदाम सडैं , किते भूखे बच्चे रोते हैं
टूक मिलै ना पेट भराई सुुबक-सुबक कै सोते हैं
मांस रह्या ना उनके तन पै , अस्थि-पंजर ढोते हैं
कर्मां का फळ बतलावणियें , बीज बिघ्न का बोते हैं
ढाब्याँ के म्हं बर्तन मलती , नन्हीं - नन्ही जान पिटैं.............
4. सही आजादी ल्यावण खातर भगतसिंह कित पावैगा
हँसकै फाँसी चूमण नै वो , हटकै ठाणा ठावैगा
ना कोय चारा दिक्खै , म्हारा धीरज कौण बँधावैगा
समाजवाद नै जो ल्यादे वो इंकलाब कद आवैगा
"रामधारी" तू जाग नींद तै बिना साज तेरे गान पिटैं................
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