Friday, 6 May 2011

AAJ KA SHIMLA

शिमला का ठंडा मौसम कद कौन इन्ने खाग्या
देख आज नजारा इसका मेरा जी दुःख पाग्या
पुराने रूख रहे ना पहलम सी बरफ नहीं
कैसे करूँ बडाई मैं मिलते मनाई हरफ नहीं
फैक्ट्री  आगी कई  जगह  धूंआ   चौगेर्दें छाग्या ||
मॉल की देख कई हालत जी दुःख पावै मेरा
सैर  सपाटे करते मानस ना दीखे हँसता चेहरा
सादापन शिमला का इनकी गहन कौन लाग्या||
पूरे देश की शान धीरे धीरे या  बिखरती जावै  
सोच नहीं पाया क्यों पुरानी बात याद आवै
क्यूकर लोगों  को इसका नया रंग रूप भाग्या||
यो गर्मी की राजधानी  भारत की हुआ करता
शिमला का नाम जी नै राहत सी दिया करता
हाल आज का देख्या तो पुराना बख्त याद आग्या||