Tuesday, 7 February 2023

तीज मनाया करते--210 ----

 तीज मनाया करते

पींघ घालकै  खूब झूलते हम नयों तीज मनाया करते।।

छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।

1

पहरकै  सूट रंग बिरंगे सब झूलन जाया करती हे

मिलकै साम्मन  के गीत हम बहोतै गाया करती हे

देवर जयेठ  भी इधर  उधर डोलते नजर आया करते।।

छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।

2

दो दो पटड़ी पै खडी होकै खूब ए पींघ बधान्ती बेबे   

उप्पर जा सिर घूम जांता जिब ताले नै लखान्ती बेबे 

देवर जयेठ देख नज़ारे बहोतै मजाक उड़ाया करते।।

छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।

3

दो च्यार घंटे सुख की साँस थोड़ी देर लिया करती 

एक दूजी के साहमी दिल अपना खोल दिया करती  

मस्त साम्मन  का मौसम खीर हलवा बनाया करते।।

छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।

4

बेरा ना कित गयी वे तीज कर याद दिल भर आवै

बाजार की भेंट चढ़े त्यौहार म्हारी ना पर बासावै

रणबीर सिंह मेहर सिंह बरगे  न्यारे छंद बनाया करते।।

छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।

हिरोशिमा नागाशाकी

 हिरोशिमा नागाशाकी

लिटिल बॉय और फैटमेंन परमाणु बम्ब गिराये रै।।

हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं

धकाये रै।। 

1

हिरोशिमा मैं पांच अगस्त को अमरीका नै बम्ब गिराया

नौ अगस्त नै नागाशाकी पै दूजा फैटमैन बम्ब भड़काया

जापान देख हैरान रैहग्या अमरीका नै रोब जमाया

जमा उजाड़ दिए शहर दोनूं लाशां के ढेर लगाये रै।।

हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं

धकाये रै।। 

2

लाखों निर्दोष लोगों की इसमैं हुई मौत बताई देखो

दूसरे विश्व युद्ध मैं अमरीका नै फतूर मचाई देखो 

आत्म समर्पण जापान का फेर भी हेकड़ी दिखाई देखो

बिना बात बम्ब गिरा दिया अमरीका घना कसाई देखो

दो बम्ब गेर दादा गिरी का सारे कै सन्देश

पहोंचाये रै।।

हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं

धकाये रै।। 

3

औरत मर्द बच्चे इसके हजारों लाखों शिकार हुये

सालों साल बालकों कै जामनू कई विकार हुये

दौड़ रूकी ना हथियारों की सौला हजरत तैं पार हुये

एक हजार तैं फालतू अड्डे अमरीका के तैयार हुये

जीव मरैं निर्जीव बचैं इसे बम्ब आज बनाये रै।।

हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं

धकाये रै।। 

4

हिरोशिमा नागाशाकी तैं कोये सबक लिया कोण्या

हथियारों की होड़ बधाई शांति सन्देश दिया कोण्या

हथियार मुक्त दुनिया का आधार तैयार किया कोण्या

ईनके डर पै अमरीका नै खून किसका

पीया कोण्या

रणबीर नागाशाकी दिवस पै ये चार छन्द बनाये रै।।

हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं

धकाये रै।।

शरूपनखा के साथ ज्यादती/ सीता के साथ ज्यादती*


*शरूपनखा के साथ ज्यादती/ सीता के साथ ज्यादती*

*शरूपनखा के बारे आज सारी बात खोल बताऊँ मैं ।।*

*वा आजाद ख्यालात की महिला जंगलों मैं दिखाऊँ मैं।।*

रावण की भांण शरूपनखा चरित्रहीन बताई क्यों 

बिंदास महिला शरूपनखा साच्ची बात छिपाई क्यों 

लक्ष्मण तैं कुछ कैहदी बदले की आग जलाई क्यों 

वा भी इंसान बराबर की राम कै समझ ना आई क्यों 

*किसे बी बात पै क्यों काटे कान नाक सवाल ठाउँ मैं ।।*

म्हारी पौराणिक कथाओं मैं औराक़ को एक चीज दिखाया

बहन का बदला रावण नै लक्ष्मण तैँ क्यों ना चुकाया

उसनै भी सीता महिला पै यो अपना निशाना लगाया 

नाक काटण का दोषी लक्ष्मण सीता को सबक सिखाया

*लक्ष्मण रेखा क्यों लांघी सीता उसकै दोष लगाऊं मैं।।*

राम नै लंका फ़ूंकवादी सीता उल्टी ल्या लाज बचाई

असल मैं तै उसनै सीता बिलकुल नहीं थी अपनाई

अग्निपरीक्षा की मांग उसकी या सीता नै ठुकराई

सीता नै बूझी या परीक्षा रामजी तनै क्यों लेनी चाही

*सबके साहमी अपमान मेरा परीक्षा कैसे निभाऊं मैं।।*

सीता की हिम्मत देखो एकली जंगलों मैं चली गई

किसे नै भी रोकी कोन्या सीता राम राज मैं छली गई

लव कुश पाले कुटिया मैं या जिंदगी सारी दली गई

पुरुषवाद बचाने खातर चढ़ाई सीता की बलि गई

*रामायण की छिपी सच्चाई रणबीर साहमी ल्याऊं मैं।।*

26.6.2015

1se 10

 


1
पौह मास – पोह का म्हिना रात अंधेरी

पोह का म्हिना रात अन्धेरी, पड़ै जोर का पाळा।।
सारी दुनिया सुख तैं सोवै मेरी ज्यान का गाळा।।
1
सारे दिन खेतां के म्हां मनै ईख की करी छुलाई
बांध मंडासा सिर पै पूळी, हांगा लाकै ठाई
पूळी भारया जाथर थोड़ा चणक नाड़ मैं आई
आगे नै डिंग पाट्टी कोन्या, थ्योड़ अन्धेरी छाई
झटका देकै चणक तोड़ दी हुया दरद का चाळा।।
2
साझे का तै कोल्हू था मिरी जोट रात नै थ्याई
रुंग बुळथ के खड़े हुए तो दया मनै भी आई
इसा कसाई जाड्डा था भाई मेरी बी नांस सुसाई
मजबूरी थी मिरे पेट की, कोन्या पार बसाई
पकावे तैं न्यों कहण लग्या कदे होज्या गुड़ का राळा।।
3
कई खरच कठ्ठे होरे सैं, ज्यान मरण मैं आई
गुड़ नै बेचो गुड़ नै बेचो, इसी लोलता लाई
छोरी के दूसर की सिर पै, आण चढ़ी करड़ाई
सरकारी करजे आळयां नै, पाछै जीप लगाई
मण्डी के म्हां फंसग्या क्यूकर होवै लूट का टाळा।।
4
खांसी की परवाह ना करी, पर ताप नै आण दबोच लिया
डाक्टर नै एक सूआ लाया, दस रुपये का नोट लिया
मेरे पै गरदिश क्यों चढ़गी, मनै इसा के खोट किया
कई मुसीबत कठ्ठी होगी, सारियां नै गळजोट लिया
रणबीर साझे जतन बिना भाई टळै ना दुख का छाहला।।
        
2****
टुक ध्यान उरे नै लाइयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
बढ़िया सा एमएलए बनाइयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
1
चोर जार ठग जितने सबनै उल्टे करकै टांग दियो
शरीफ मेहनती लोगां नै सारे मिलकै तम बांग दियो
आच्छे करलयो इब एका भुंडयां नै तम छांग दियो
जात के ऊपर मतना जाइयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
2
दुख सुख के जो साझी म्हारे उणनै चुणकै ल्यावांगे
भाई भतीजावाद मिटादयां रिश्वत का खोट मिटावांगे
दारू सुल्फा बेच कसाई उणनै मिलकै धूल चटावांगे
इनका करकै इलाज दिखाइयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
3
रानी झाँसी बरगी लड़ाकू जिब महिला एमएलए चुणज्यांगी
जुल्म के आगै ढाल बणकै रानी की ढालां वे तनज्यांगी
दे कुर्बानी संघर्षों मैं वे म्हारी असली लीडर बण ज्यांगी
महिलाओं नै आगै ल्याईयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
4
आने आला दौर होगा अच्छाई और बुराई का सुणल्यो
खांडा बाजैगा लाजमी यो शरीफ और अन्यायी का सुणल्यो
नँगा नाच होगा आडै़ इस जुल्मी आत्मताई का सुणल्यो
रणबीर ना पाछै मुड़कै लखाइयो रे मेरे एमएलए चुननिया भाईयो।।
3******
26 जनवरी जींद रैल्ली
यो संयुक्त किसान मोर्चा जींद मैं कट्ठा होंता बताया ।।
छबीस जनवरी नै इसनै जींद मैं रैली का प्लान बनाया।।
1
उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान भाई उड़ै आवैंगे
पंजाब और हरियाणा के किसान भी सुर मैं सुर मिलावैंगे
सरकार कै याद करावैंगे  एक भी वायदा नहीं पुगाया।।
2
एमएसपी पै फसल खरीद गारंटी का मामला लटका राख्या देखो

दूसरी मांगां पै भी किसान सरकार नै भटका राख्या देखो
उसकै कर खटका राख्या देखो फेर तैं संघर्ष बिगुल बजाया।।
3
संयुक्त किसान मोर्चे नै अपने कदम आगै बढ़ाये सैं
रैली मैं होवैगी घोषणा आगे के जो प्लान बनाये सैं
संघर्ष के बिगुल बजाये सैं ना राज की बहका मैं आया।।
4
किसान मांग पूरी कराने नै हटकै सड़कां पै आवैगा
दिल्ली सरकार की फेर तैं किसान ईंट तैं ईंट बजावैगा
रणबीर भी गीत बनावैगा इसनै अपना कलम पिनाया ।।
4****

        शहीद उदमी राम
लिबासपुर गाम का उदमी राम आजादी खातर जीवन लाया।।
सैंतीस दिन हाथ पायां मैं कील गाड कै पेड़ कै ऊपर लटकाया ।।
1
सोनीपत जिले मैं जीटी रोड पै यो उसका गाम बताया
आजादी की लड़ाई का देश मैं उफान था कसूता आया
पानीपत करनाल थानेशर अम्बाला इंकलाब का नारा लगाया।।
कुंडली भालगढ़ अलीपुर गाम भी गोरयां स्याहमी अड़गे
उदमी राम अर बाइस नौजवान गुप्ति ढंग तैं उनतै भिड़गे
असला लूट्या गोरे सैनिक मारे न्यों गोरयां कै सांस चढ़ाया ।।
3
मुखबिर सीताराम नै उड़ै आकै नौजवानों की फहरिस्त बनाई
उदमी राम नेता सै इनका गोरयां तैं जाकै उठ बैठ सब बताई
उदमी राम हर नै घेरण का था पूरा प्लान उसनै बनवाया ।।
4
गोरे बगावत कुचलने खातर फौज गोला बारूद ले आये थे
उदमी राम हर रणबीर, कील गाड़ हाथों मैं पेड़ पै लटकाए थे
सैंतीस दिन ताहिं रहया लटकता माफी का नहीं डां ठाया ।।

5****
Subedar Singh

सीनियरिटी पढ़ण बिठाई , मेरिट फेर ना भाजी थ्याई , सिफारिश नै बिठाया जमाई प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
1
डॉक्टर खत्री काट्या फेर सूबेदार सिंह काट दिया
तीजे नम्बर आला डॉक्टर बिना बात के छांट दिया
प्रदीप गर्ग नै तगड़ी लाई, हिला दिया एकबै जमाई, कोर्ट नै थोड़ी रोक लगाई , प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
2
इस उठा पटक नै सारा सिस्टम उघाड़ा कर दिया रै
कायदे कानून तोड़ बगाये, किसा पवाड़ा कर दिया रै
रोज तारीख पड़ण लाग़री , फैकल्टी सारी सड़ण लाग़री,इल्जाम कसूते घड़ण लाग़री, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
3
आज हवा मैं शक की बदबू सारे कै फैल रही
टांग खिंचाई बिना बात हो डायरेक्टर की गैल रही
मौका परस्ती इब या छागी, कुन्बा परस्ती सबनै खागी, मैरिट हमेशा पिटती जागी, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
4
सर्जरी डिपार्टमेंट का भट्ठा बैठण मैं कोये कसर नहीं
इंसानियत रगड़ कै चाटगे इब्बी उनकै सबर नहीं
रणबीर की या कविताई, सदा साची लिखती आई, चाल कै पहोंचै सही राही, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।

6*****

गरीबों  की  मर आगई
गरीबां की मर आगी इस नए से बाजार मैं , हे मेरी भाण।।
1
रैहवण नै मकान कड़ै खावण नै नाज नहीं
पीवण नै पाणी कड़ै बीमार नै इलाज नहीं
महंगाई जमा खागी  इस नये से बाजार मैं, हे मेरी भाण।।
2
कपास पीटी धान पीट दिया गेहूं की बारी हे
जहर की गोली खा खा मरगे हुई सै लाचारी हे
या म्हारी धरती जागी इस नये से बाजार मैं, हे मेरी भाण।।
3
बदेशी कम्पनी कब्जा करगी  ये हिंदुस्तान मैं
लाल कालीन बिछाये हमनै क्यों इनकी श्यान मैं
इसकी रंग क्यों भागी इस नये से बाजार मैं, हे मेरी भाण।।
4
महिलाओं पै अत्याचार बढ़े आंख म्हारी मिचगी हे
दूजे धर्म आळ्यां ऊपर तलवार म्हारी खिंचगी हे
रणबीर की छंद छागी इस नये से बाजार मैं, हे मेरी भाण ।।
7*****
सन चोदा की तीज का सुण्लयो हाल सुणाउं मैं।।
कई गामां का आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
1
गुलगुले सुहाली मनै कितै टोहै पाये कोण्या सुनियो
नीम पीपल झूलैं जिनपै नजर आये कोण्या सुनियो
काला दामण लाल चूंदड़ी ल्याकै कड़े तैं दिखउं मैं।।
कई गामां का आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
2
नीम पीपल के डाहले पै जेवड़यां की पींग घालते रै
झूल झूलते तो ये पते टहनी उनकी गैल हालते रै
मिलकै पड़ौसन झूल्या करती ईब कड़े तैं ल्याउं मैं।।
कई गामां का आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
3
कोथली मैं सुहाली आन्ती ये पूड़े घरां बनाया करते
कई दिन सुहानी घेवर रल मिलकै सब खाया करते
लंगर बांध देवर झोटे देता ये के के बात गिणाउं मैं।।
कई गामां का आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
4
तीजां का त्यौहार साम्मण मैं मौसम बदल जावै देखो
अकेलापन दूर होज्या सै मेल मिलाप यो बढ़ावै देखो
कई गामां का आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
कहै रणबीर हुड्डा पार्क मैं तीस नै तीज मणाउं मैं।।
8*****
हरियाणा नंबर वन कोण्या
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
1
हरया भरया हरियाणा जित दूध दही का खाना
गर्भवती मैं कमी खून की दस प्रतिशत बढ़ जाना
हम सबके उपकार बिना, बसते हुए घरबार बिना
लिंग अनुपात सुधार बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
2
गुण गाते हरित क्रांति के नुक्सान ना कदे बतावैं
जहर घोल दिया पानी मैं कीटनाशक कहर ढावैं
बीमारियों के इलाज बिना, हम गरीबों की आवाज बिना
विकास के सही अंदाज बिना,हरियाणा नंबर वन ।कोण्या ।।
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
3
कीट नाशक तैं हरियाणा बहोत घणा दुःख पाग्या
हुई खाज बीमारी गात मैं ,घणा कसूता संकट छाग्या
इसकी पूरी रोकथाम बिना , पानी के सही इंतजाम बिना
अमीरों पर कसे लगाम बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या।।
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
4
अमीर गरीब के बीच की बढ़ती जावै या खाई देखो
बिना गरीब की मेहनत छाज्या घणी रुसवाई देखो
महिलाओं के सम्मान बिना, पढ़े लिखे नैजवान बिना
म्हारे पूरे हुये अरमान बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या।
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
5
मानस तैं मानस का भाईचारा , हो हर शहर गाम मैं
हम राजी होकै हाथ बँटावां एक दूसरे के काम मैं
भाईचारे की छाप बिना ,सबकी सांझी खुभात बिना
गरीब के सिर पै छात बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या
मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना
चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।।
9*****
इन कमीशन खावनियां का तै नाम लेण मैं भी टोटा हे।।
1
चौड़े के म्हं म्हारे नाक कटाये, ये बिचौलिया सिर पै बिठाये, मगरमच्छ के आंसू बहाये, जनता नै योहे दुख सै मोटा हे।।
2
घणा कमीशन खाया हथियारां पै, इन बंधुआँ नै साहूकारां पै, बूझल्यो राष्ट्र के ठेकेदारां पै,कौण खरया सै कौण खोटा हे।।
3
दुनिया मैं चर्चा होरी आज, चोर हुए देश के धौरी आज, इलाज ढूँढां कोये फौरी आज, देश का मुधा मारया लौटा हे।।
4
दो बर चढ़गी काट की हांडी, जमकै मारी सै इननै डांडी, ईब चाल होगी इनकी बांडी, होगे रणबीर गशीला झोटा हे।।
10****
ईब मरणा नहीं कति मंजूर या मनै कसम खाई बेबे।।
पति सास ससुर देख लिए सबनै रोल मचाई बेबे।।
1
मिला रेत मैं लाड दिया सै
बिना तेंगे गल बाढ़ दिया सै
मनै नतीजा काढ़ लिया सै, कोण्या होवै सुनाई बेबे।।
2
ईब ना तेरी बाहण दुखड़ा झोवै
नहीं बैठ आपणे करमां नै रोवै
बीज नई फसल के या बोवै, लांघ दहेल नै आई बेबे।।
3
औरत भी तै एक इंसान हो सै
इसकै भी तै मान सम्मान हो सै
क्यों शराबी पति भगवान हो सै,किसनै रीत चलाई बेबे।।
4
अपने पाहयाँ पै खड़ी होऊँ मैं
लगा फांसी ज्यान ना खोऊँ मैं
ईब राही अपनी नई टोहूं मैं ,रणबीर नै धीर बंधाई
बेबे।।


फागण

 फागण

यो बख्त फागण का आग्या,
जोश मेरे गात मैं छाग्या,
मनै यो जान्ता जाड़ा भाग्या,
देखूं तेरी बाट पिया।।
1.
सांझै लुगाई कट्ठी होज्यां सैं,
म्हां बीच कै ताने देज्यां सैं
तेरे बिन कोए फाग नहीं,
आच्छा लागै कोए राग नहीं
मेरे बरगा कोए निरभाग नहीं,
सबकी ओटूं डाट पिया।।
2.
तेरी फौज मेरी ज्यान का गाला,
अफसर तेरा सै घणा कुढाला
मैं भेज द्यूंगी तार फौजी,
ना करिये जमा वार फौजी
भली मिली तनै नार फौजी,
नहीं किसे तैं घाट पिया।।
3.
दुलहन्डी दोनों मिलकै खेलांगे,
दुख दरद हम सब झेलांगे
घणा बुरा जमाना आरया सै,
माणस नै माणस खारया सै
चमन मैं धुमां छारया सै,
इसनै आकै छांट पिया।।
4.
सास बहू हम मिलकै रहवां,
हाथ जोड़ बस इतना कहवां
करिए थोड़ा सा ख्याल तूं,
हो ल्याइये लाल गुलाल तूं
ले लिए म्हारी सम्भाल तूं,
करै रणबीर ठाठ पिया।

बाजार की आवाज

 बाजार की आवाज

पुकार म्हारे बाजार की इपै कान आज तूँ धरले।।
लेकै साहरा मक्कारी का दौलत तैं घर भरले।।
1
रिश्वत लेकै छवि बनाले करै सारा जगत बड़ाई
लालच मिशन होज्यावै पाप की फेर फ्लै कमाई
चोरीजारी जुआ जामनी भ्रष्टाचार की टोहकै राही
पीछै मुड़कै नहीं लखाना चाहे हो कितनी तबाही
आछ भूंड कर मनचाही छिपकै कै खुली करले।।
लेकै साहरा मक्कारी का दौलत तैं घर भरले।।
2
जीवन बिगड़ै ऐस बिना बिना तृष्णा के दुख पावै
बिना दारू ऐस होवै ना बिन औरत ना दारू भावै
नशा करण तैं श्यान बढ़ै दिल भोगों पर ललचावै
भोग फेर और भोग नित नया भोग माणस चाहवै
कार बदेशी बढ़िया कोठी सबके दिल नै हरले।।
लेकै साहरा मक्कारी का दौलत तैं घर भरले।।
3
पीसा दिखा रूतबा बढाले वाह वाही सबकी लूटै
कमीशन खोरी के दमपै ठेका तेरे नाम पै छूटै
नेता अफसर पुलिस की तिग्गी बाजार बीच चूटै
कई ढाल की शराब तै बनी कॉकटेल रोज घूंटै
मजबूत तेरा खूंटा इनै हिला हिला जनता मरले।।
लेकै साहरा मक्कारी का दौलत तैं घर भरले।।
4
झूठ साख सम्मान बढ़ावै तेरी बदमाश तैं यारी
दगाबाजी खूब सीखली थानेदार की थानेदारी
जी हजूराँ की लार लगी यो रूतबा तेरा बाजारी
चुगल खोरी तनै भावै सुनावनिया तनै देवै उडारी
बदेशी ऐस हो न्यारी जब अमरीका मैं फिरले।।
लेकै साहरा मक्कारी का दौलत तैं घर भरले।।
5
नशा हिंसा पोर्न फैला मिनिस्टर बन अनीति तैं
दगा कपट का छोंक लगा आगै बढ़ले कुरीति तै
खुदगर्जी बेईमानी बाकी काम करले भभूति तै
झूठी तोहमद लगाकै सबक सिखादे समिति तै
रणबीर लिखैगा साच्ची दिखा कितना ए डरले।।
लेकै साहरा मक्कारी का दौलत तैं घर भरले।।
2008

एक पगली सी लड़की थी,

 एक पगली सी लड़की थी, खेलती छांव में बड़ की थी,घर में उसके कड़की थी, मुझे वह लगती थी प्यारी।।

1
रोजाना भेड़ चराने जाती घर का उस पर बोझा था
फिर भी उसने खुश रहने का नया तरीका खोजा था
दूसरे गडरिये थे साथ, डाले फिरती हाथ में हाथ
उधम मचाती दिन रात,उसकी छवि सबसे न्यारी।।
2
फ़टे पुराने कपड़े उसके बाल भी कुछ थे उलझे से
वह बाला चतुर बहोत थी ख्याल भी कुछ सुलझे से
ना सिर पर माता का साया, बूढ़े बाप का हाथ बंटाया,गडरियों ने साथ निभाया, जब भी आई हारी बीमारी।।
3
भेड़ जितनी उस बाड़े की उस बाला को सब चाहती थी
दुख होता था जब उनको वो आकर पास मिमियाती थी
वह हाथ फेर कर सहलाती, जख्म पर मरहम लगाती, वक्त उनके संग बिताती, ये थी उसकी दुनिया सारी।।
4
उसकी सुंदर दुनिया में फिर भेड़िया था आया एक
दो भेड़ खा गया उनकी घायल भी करदी भेड़ अनेक
हुआ था कोमल दिल दुखी, अंदर तक थी हिल उठी,साहस करके जिल उठी, उसकी हिम्मत बड़ी भारी।।

कोई सीखे तुमसे।

 गरीब गुरबे का दुख लहना, कोई सीखे तुमसे, बिना कहे बहुत कुछ कहना कोई सीखे तुमसे। लालच में भोग का बाजार जकड़े हुए है हमको

इस बाजारी दुनिया से फ़हना कोई सीखे तुमसे।
इंट के नीचे बीछू बिछाया हमें दिखाई देता है,
बिछुओं के दंश को न सहना कोई सीखे तुमसे। सांप्रदायिकता का जाल फैलाया कदम कदम पे
इस भ्रमजाल को आज दहना कोई सीखे तुमसे।
सोने पर ये रांग का पानी चढ़ा कर बेच रहे देखो, कैसे पहचानें असली गहना कोई सीखे तुमसे। वैश्वीकरण को तूफान बना सब कुछ बहा रहे हैं, इसके झोंके मैं न बहना कोई सीखे तुमसे।

सोने का दिया रांग बना यो

 सोने का दिया रांग बना यो मोटा चाला होग्या।।

खांड बना दी पतासे की गुड़ का राला होग्या ।।
1
आज पीतल के ऊपर सोने का घोल चढ़ावैं सैं
गल घोट कै साच का इब झूठ का ढोल बजावैं सैं
ये ठग चोर शरीफ बनकै रापट रोल मचावैं सैं
कहै अमृत जहर नै इसका आज मोल बढ़ावैं सैं
चारों कूट बदमाशी देखो मरण का ढाला होग्या।।
2
सच्चाई छोड़ कै क्यूं इब झूठ तैं नाता जोड़ लिया
मेहनत करने आळ्यां का क्यों खून निचोड़ लिया
थामनै देश बेच दिया कमीशन कई करोड़ लिया
पीसा आज भगवान होग्या घर म्हारा तोड़ दिया
औरत एक चीज बनादी यो ढंग कुढ़ाला होग्या।।
3
तम आज जात धर्म नै सींचो बाग बगीचे सूक गए
मुनाफाखोरी के कारण ये बदल म्हारे सलूक गए
ईब तो साच जानल्यां कौण म्हारे देश नै लूट गए
अफरा तफरी घणी मचाई गरीब मार ये हुक गए
हम पै जाल गेर दिया बैरी म्हारा रुखाला होग्या।।
4
इस दिन खातर के भगत सिंह नै फांसी परणाई थी
इस दिन खातर के महात्मा गांधी नै गोली खाई थी
इस दिन खातर के रानी झांसी नै या लड़ी लड़ाई थी
इस दिन खातर के सुभाष बोस नै  फौज बनाई थी
रणबीर किसी आजादी सै यो ज्यान का गाला होग्या।।

बेहतरीन जानकारी (2023)

 बेहतरीन जानकारी (2023)

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ये आने वाली फरवरी आखिरी फरवरी है जो अब जिंदा नजर आएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल का फरवरी अगले 823 सालों में सिर्फ एक बार आता है। यह फरवरी आ रहा है:
  4 रविवार
  4 सोमवार
  4 मंगलवार
  4 बुधवार
  4 गुरुवार
  4 शुक्रवार
  4 शनिवार।
  यह कहा जाता है
  मिरेकलइन।

  तो कम से कम 5 लोगों को या 5 समूहों को भेजें, और चमत्कार 4 दिनों में होगा।

  अवर्णनीय चमत्कारों पर आधारित है। पढ़ने के 11 मिनट के भीतर भेजें।

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मैंने इसे 5 से अधिक लोगों को भेजा है

कसूते मोदी सरकार के वार

 हम दिए धरती कै मार, कसूते मोदी सरकार के वार, करने हाथ पड़ैं दो चार , सुणियो भारत के नर नारी।।

1
खेती पर काले बादल छाए कमर तोड़ कै धरदी
धान कपास गेहूं पिटग्या जमा नाड़ मोड़ कै धरदी
या सब्सीडी खत्म करदी, क्यों हांडी पाप की भरदी, असली नहीं हमदर्दी, क्यों नीतियां की डांडी मारी।।
2
कारखाने लाखां बन्द होगे बच्या कितै रोजगार नहीं
भ्रष्ट नेता अपराधी माफिया का खाली जाता वार नहीं
काला धन बाजार मैं आया, अमरीका नै जाल बिछाया, मध्यम वर्ग खूब भकाया, दिखा कै सपने बड़े भारी।।
3
मीडिया को काबू कर लिया अपनी खबर दिखाई जां
औरत दी एक चीज बना बाजार मैं बोली लगाई जां
महिला भी इंसान हो सै, क्यों उसका अपमान हो सै,ना हमनै उन्मान हो सै, पुरानी रीत घणी अत्याचारी।।
पढ़ाई लिखाई म्हंगी करदी, आम आदमी कित जावै
पढ़ लिख कै बिना सिफारिश दफ़्तरां के धक्के खावै
अनैतिकता पै पलै बढ़ै, वो नैतिकता के नारे गढ़ै,
रणबीर की छाती पै चढ़ै, छलनी करदी छाती सारी।।

Kissa 1857

 Kissa 1857

17 अगस्त को बाबर खान के तहत 300 रांघड़ घुडसवारों और 1000 पैदल सैनिकों ने अंग्रेजी सेना पर रोहतक पर धावा बोल दिया। लड़ाई बड़ी भीषण थी। परन्तु कुछ समय बाद अंग्रेजी सैनिक शक्ति की और अधिक कुमुक आ जाने के बाद बागियों को रोहतक छोड़कर हांसी के पास बसी गांव मंे मोर्चा जमाना पड़ा। हडसन खरखोदा, सांपला, पानीपत, महम गोहाना आदि कस्बों का दबाने के बाद इलाके को जींद के महाराजा और चौधारियों के हाथ सौंप कर चला गया। इस लड़ाई में खिडवाली के कई शहीद हुए थे। क्या बताया भलाः

ठारा सौ सतावण में आजादी की पहली जंग लड़ी॥
खिडवाली की पलटन नै तोड़ी कई मजबूत कड़ी॥
माणस खिडवाली के भिड़गं अंग्रेजां के साहमी जाकै
दो फिरंगी तहसील मैं मारे मेम पड़ी तिवाला खाकै
भीतरला जमा भरया पड़या बाट देखैं थे एडडी ठाकै
पाछले जुल्मां का सारा हिसाब फेर धरा लिया आकै
फिरंगी से लड़णे की पूरी गुप्त योजना सही घड़ी॥
बही शेख और लालू वाल्मिकी जमकै लड़ी लड़ई थी
तिरखा बाल्मिकी मोहमा शेख हिम्मत खूब दिखाई थी
जुलफी मोची सुनार राम बक्स आजादी पानी चाही थी
बेमा बाल्मिकी इदुर मौची ने ज्यान की बाजी लाई थी
मुफी औला पठान लडया साथ मैं जनता खूब भिड़ी॥
मोहर नीलगर खिडवाली का ना मुड़कै कदे लखाया
सायर बाल्मिकी लड़ाकू नै फिरंगी तै सबक सिखाया
सुनाकी बाल्मिकी साथ लड़या वो कदे नहीं घबराया
बीर मरद जितने सबनै धुर ताहिं का साथ निभाया
फिरंगी राज के कफन मैं इस जंग नै कील जड़ी॥
खिडवाली ना रहया एकला साथ गामड़ी आया था
एक बै कब्जा रोहतक पै सबने मिलकै जमाया था
फिरंगी भाज लिया था नहीं कोए रास्ता पाया था
बहादुर शाह जफर को राजा सबने ही अपनाया था
रणबीर बरोने आला बतावै जंग की बात बड़ी॥

गरीबां की मर आगी मोदी थारे राज मैं।।--220 ----

 गरीबां की मर आगी मोदी थारे राज मैं।।

1
रैहवण नै मकान कड़ै खावण नै नाज नहीं
पीवण नै पाणी कड़ै बीमारां नै इलाज नहीं
या महंगाई जमा खागी मोदी थारे राज मैं।।
2
कपास पीटी धान पीट दिया गिहूँ की बारी सै
जहर की गोली खा खा मरगे हुई घणी लाचारी सै
किसान की धरती जागी मोदी थारे राज मैं।।
3
बदेशी कम्पनी कब्जा करगी ये सारे हिंदुस्तान मैं
लाल कालीन बिछाये थामनै क्यों इनकी श्यान मैं
इतनी घणी क्यों भागी मोदी थारे राज मैं।।
4
महिला और दलित पै अत्याचार बढ़े आंख थारी मींचगी
मुसलमानों ईसाइयों पै नफरत की लाइन क्यों खींचगी
रणबीर की छंद छागी मोदी थारे राज मैं।।

संदीप सिंह मंत्री तमनै 

 संदीप सिंह मंत्री तमनै अपमानित करी महिला खिलाड़ी।।

महिला नै दुखी होकै थारी सारी काली करतूत उघाड़ी।।
1
चंडीगढ़ पुलिस नै मुश्किल तैं एफआईआर दर्ज करया
छेड़छाड़ के आरोपों बीच मंत्री साहब तू पाया घिरया
पूरे हरियाणा के म्हं महिला संगठनों नै रोष मार्च लिकाड़ी।।
2
कहती महिला खिलाड़ी मेरे को मंत्री नै अपने घर बुलाया
आफिस की बजाय उसनै न्यारे कमरे मैं लेजा कै बिठाया
कैह खुश रैह खुश राख़ चाही करी यौन शोषण की जुगाड़ी।।
3
महिला नै पुरजोर विरोध करया तो जबरदस्ती करनी चाही
धक्का मार कै मंत्री के वा अपना पिंड छुटा कै घर नै आयी
इसे करकै मंत्री नै कई तरियां चाही उंकि हालत बिगाड़ी।।
4
नौकरी मिली फेर बी दुखी राखी तो प्रशासन को बताया
फेर प्रशासन भी नहीं उसकी मदद करण खातर आया
पुलिस मैं दरखास्त दी सुणकै करी जनता नै करड़ी जाड़ी।।
5
न्याय मिलना चाहिए खिलाड़ी नै जन संगठन आगै आये
सरकार पै दबाव नै मंत्री के पुतले दहन करकै विरोध जताये
रणबीर भी मदद मैं कलम ठाई मंत्री की सरकार भी लताड़ी।।

नेता की जागां पार्टी की नीति 

 


नेता की जागां पार्टी की नीति असल मैं बोल्या करै।।
या हिम्माती बैरी किसकी सबके भेद खोल्या करै।।
1
स्वदेशी का नारा लाकै देश बेच्या म्हारा किसनै
देश द्रोही सरकार कै यो लाया सै साहरा किसनै
या रीजनल पार्टी न्योंए बीच के म्हां डोल्या करै।।
2
पूंजीवादी सोच की पार्टी नीति एकसी अपनारी देखो
वैश्वीकरण और निजीकरण का ये झंडा ठारी देखो
पूंजीपति के इशारे पै म्हारी चमड़ी छोल्या करै।।
3
बदेशी कम्पनी सिर पै इन सबनै चढ़ाई देखो
देशी कम्पनी छोटी छोटी सारी पढ़ण बिठाई देखो
इन बाताँ नै धर तराजू मैं वोटर नहीं तोल्या करै।।
4
सीपीएम नै वैश्वीकरण का करकै विरोध दिखाया
अपने पाहयाँ खड़े होण का रास्ता नया बताया
पूंजीवाद जात धर्म पै रणबीर जहर घोल्या करै।।

Mehar singh 2

 11***

मोलड़ बता बता कै तेरा आत्मविष्वास खो राख्या सै।।
अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।।
उबड़ खाबड़ खेत संवारे खूब पसीना बहाया रै
माटी गेल्यां माटी होकै नै भारत मैं नाम कमाया रै
तेरी मेहनत की कीमत ना कर्ज मैं डबो राख्या सै।।
किसान तेरी जिन्दगी का कई लोग मखौल उडाते
ये तेरी मेहनत लूट रहे तनै ए पाजी बी बताते
तेरी जमात किसानी सै जात्यां का जहर बो राख्या सै।।
जिस दिन किसानी देष की कठी होकै नारा लावैगी
उस दिन तसवीर कमेरे या जमा बदल जावैगी
तेरी कमाई का यो हिसाब अमीरां नै ल्हको राख्या सै।।
मजदूर तेरा साथ देवै तूं कड़वा लखावै मतना
दूसरां की भकाई मैं इसतैं दूरी बढ़ावै मतना
कहै रणबीर क्यं जात पै झूठा झगड़ा झो राख्या सै।।
12****
गुलाम देष मैं जन्म लिया देई देष की खातर कुरबानी
दिमाग मैं घूमें जावै मेरै थारी खास टोपी की निषानी
बदेष गये पढ़ने खातर आई सी एस पास करी
उड़ै देख नजारे आजादी के आकै डिग्री पाड़ धरी
भारत की आजादी खातर लादी थामनै पूरी जिन्दगानी।।
काांग्रेस मैं रहकै नै चाही लड़नी तनै लड़ाई दखे
तेरे विचार का्रन्ति कारी थे उडै़ ना पार बसाई दखे
बोल्या थाम खून दयो मैं दयूं तमनै आजादी हिन्दुस्तानी।।
सिंघापुर मैं जाकै थामनै आजाद हिन्द फौल बनाई
हिटलर तैं पड़े हाथ मिलाने चाहे था घणा अन्याई
लक्ष्मी सहगल साथ थारै सैं गेल्यां महिला बेउनमानी।।
हवाई जहाज मैं चल्या था कहैं उड़ै हादसा होग्या दखे
यकीन नहीं आया आज ताहिं षक के बीज बोग्या दखे
के लिख सकै तेरे बारे मैं यो रणबीर सिंह अज्ञानी।।
13****
एक बख्त इसा आवैगा ईब किसान तेरे पै।
राहू केतू बणकै चढ़ज्यां ये धनवान तेरे पै।।
म्हारी कमाई लूटण खातर झट धेखा देज्यां रै
भाग भरोसे बैठे रहां हम दुख मोटा खेज्यां रै
धरती घर कब्जा लेज्यां रै बेइमान तेरे पै।।
सारी कमाई दे कै भी ना सूद पटै तेरा यो
ठेठ गरीबी मैं सुणले ना बख्त कटै तेरा यो
करैगा राज लुटेरा यो फेर शैतान तेरे पै।।
ध्रती गहणै धर लेंगे तेरी सारी ब्याज ब्याज मैं
शेर तै गादड़ बण ज्यागा तू इसे भाजो भाज मैं
कौण देवै फेर इसे राज मैं पूरा ध्यान तेरे पै।।
इन्सानां तै बाधू ओड़े डांगर की कीमत होगी
सरकार फिरंगी म्हारे देश मैं बीज बिघन के बोगी
अन्नदाता नै खागी ना बच्या ईमान तेरे पै।।
सही नीति और रस्ता हमनै ईब पकड़ना होगा
मेहनत करने आले जितने मिलकै लड़ना होगा
हक पै अड़ना होगा यो भार श्रीमान तेरे पै।।
मेहनतकश नै बी हक मिलै इसी आजादी चाहिये
आबाद होज्या गाम बरोना ना कति बर्बादी चाहिये
रणबीर सा फरियादी चाहिये जो हो कुर्बान तेरे पै।।
14*****

लाल चूंदड़ी दामण काला, झूला झूलण चाल पड़ी।
कूद मारकै चढ़ी पींग पै देखै सहेली साथ खड़ी।।
झोटा लेकै पींग बधई, हवा मैं चुंदड़ी लाल लहराई
उपर जाकै तले नै आई, उठैं दामण की झाल बड़ी।।
पींग दूगणी बढ़ती आवै, घूंघट हवा मैं उड़ता जावै
झोटे की हिंग बधावै, बाजैं पायां की छैल कड़ी।।
मुश्किल तै आई तीज, फुहारां मैं गई चुंदड़ी भीज
नई उमंग के बोगी बीज, सुख की देखी आज घड़ी।।
रणबीर पिया की आई याद, झूलण मैं आया नहीं स्वाद
नहीं किसे नै सुनी फरियाद, आंसूआं की या लगी झड़ी।।
15****
तेरी छाती का पिया हुआ मनै दूध लजाया री।।
लोरी दे दे कही बात तनै केहरी शेर बणाया री।।

साधु भेष मैं लाखों रावण देश मैं कूद रहे सैं
पंडित मुल्ला सन्त महन्त पी सुलफा सूझ रहे सैं
पत्थर नै क्यों पूज रहे सैं ना कदे समझाया री।।

क्यूकर समाज बढ़ै आगै या बाड़ खेत नै खावै सै
मुट्ठी भर तो ऐश करैं क्यों किसान खड़या लखावै से।
खोल कै जो बात बतावै सै ना ऐसा पाठ पढ़ाया री।।

आच्छे और भूण्डे की लड़ाई धुर तै चाली आवै सै
बुराई नै दे मार अच्छाई वार ना खाली जावै सै
धनवान ठाली खावै सै यो कोण्या राज बताया री।।

यार दोस्त बैठ फुलसे पै हम न्यों बतलाया करते
गाम राम मैं के होरया सै जिकर चलाया करते
ल्हुक छिप कै बणाया करते रणबीर गीत जो गाया री।।
16*****
सन पैंतीस मैं गया फौज मैं कोण्या आया मुड़कै।।
आज बी मेरै धेखा सा लागै जणों लिकड़या हो जड़कै।।

जाइयो नाश गरीबी तेरा हाली फौजी बणा दिया
फौज मैं भरती होकै उसनै नाम अपणा जणा दिया
पैगाम सबतैं सुणा दिया था गया बाबू तै लड़कै।।

मन का भोला तन का उजला सारा ए गाम कहै
बख्त उठकै सब भाइयां नै अपणी रामै राम कहै
करता नहीं आराम कहै कदै सांझ सबेरी तड़कै।।

पक्का इरादा जिद्द का पूरा बहोत घणा तूं पाया
छोड़ डिगरग्या घर अपणा नहीं पिफरवैफ उल्टा आया
सिंघापुर मैं जावैफ गाया छन्द निराला घड़वैफ।।

एक दो बै छुट्टी आया वो आगै नाता तोड़ गया
देश प्रेम के गाणे गाकै लोगां का मन जोड़ गया
रणबीर सिंह दे मोड़ गया उड़ै मोर्चे उपर अड़कै।।
17****
सिंघापुर मैं फंस्या मेहरसिंह याद जाटणी आई।।
मन मैं घूमै गाम बरोना रात काटणी चाही।।

जर्मन और जापान फौज का बढ़ता आवै घेरा था
भारत के फौजी भाई अंग्रेज फौज का डेरा था
सिंघापुर काट्या दुनिया तै पुल काट कै गेरया था
अंग्रेजी सेना भाज लई थी पीला पड़ग्या चेहरा था
सुणा रागनी फौजी नै या फौज डाटणी चाही।।

साथ रहणिये संग के साथी उसनै यो पैगाम दिया
सिंघापुर मैं फौजी जितने सबका दिल फेर थाम दिया
म्हारे साथ क्यों ऐसी बनरी अन्दाजा लगा तमाम दिया
प्रेम कौर की याद सतावै ना फेर बी जिगर मुलाम किया
चिन्ता आई जो दिल मैं तत्काल बांटणी चाही।।

पड़े पड़े कै याद आया प्रेम कौर का वो फाग भाई
मक्की की रोटी गेल्यां बणाया सिरसम का उनै साग भाई
साहमी बैठ परोसी थाली बोल्या मुंडेरे पै काग भाई
कुछ दिन पाछै भरती होग्या खींच लेग्या यो भाग भाई
फिरया फिरंगी वायदा करकै झूठ चाटणी चाही।।

तीजां का त्यौहार सतावै ओ जामण उपर झूल्या
गाम को गोरा दिख्या उसनै नहीं खेतां नै भूल्या
प्रेम कौर की चिट्ठी आई ना गात समाया फूल्या
रणबीर सिंह नै मेहर सिंह का हाल लिख्या सै खुल्या
बणा रागनी फौजी की सब बात छांटणी चाही।।
18****
तनै घणी सताई क्यों बाट दिखाई जमा निस्तरग्या निरभाग
बोल्या बैठ मुंडेरे काग।।

के बेरा तनै पिया जी मैं दिन काटूं मर पड़कै हो
परेशानी दिन रात रहै मैं रोउं भीतर बड़कै हो
तेरी फौज की नौकरी दखे कुणक की ढालां रड़कै हो
राम जी नै किसा खेल रचाया सोचूं खाट मैं पड़कै हो
कद छुट्टी आवै, मेरी आस बंधावै जो चाहवै मेरा हो सुहाग।।
भूखी प्यासी रहकै घर मैं उमर गुजारुं फौजी मैं
सपने के म्हां कई बै देकै बोल पुकारुं फौजी मैं
निर्धनता बीमारी का क्या जतन बिचारुं फौजी मैं
तीर मिलै तो तुक कोन्या कित टक्कर मारुं फौजी मैं
रोज खेत कमाउं, बहोतै थक ज्याउं, रात की नींद मेरी जा भाग।।
ज्यान बिघन मैं घलगी वुफएं जोहड़ मैं मनै मरना हो
तेरी प्यारी प्रेम कौर नै ज्यान का गाला करना हो
तेरी पलटन के कारण मैंने दुख बहोत घणा भरना हो
आजादी मेरी शैतान होगी नहीं किसे का सरना हो
यो अफसर तेरा, हुया बैरी मेरा, ईंकै लड़ियो जहरी काला नाग।।
हार चाहे हो जीत म्हारी मैं कोन्या त्यार मरण खातिर
सहम भरमते पषु फिरैं तेरा सुन्ना खेत चरण खातिर
कदे तो थोड़ा बख्त काढ़ लिये मनै याद करण खातिर
एक बर तो छुट्टी आज्या तूु मेरा पेटा भरण खातिर
लिखै रणबीर, ईब तेरी तहरीर, करै दुनिया के म्हां जाग।।
19****
माणस की ज्यान बचावैं अपणी ज्यान की बाजी लाकै।।
फेर बी सम्मान ना मिलता लिखदे अपणी कलम चलाकै।।

मरते माणस की सेवा मैं हम दिन और रात एक करैं
भुला दुख और दरद हंसती हंसती काम अनेक करैं
लोग क्यों चरित्रहीन का तगमा म्हारे सिर पै टेक धरैं
जिसी सम्भाल हम करती घर के नहीं देख रेख करें
घर आली नै छोड़ भाजज्यां देखै बाट वा ऐड्डी ठाकै।।

फ्रलोरैंस नाइटिंगेल नै नर्सों की इज्जत असमान चढ़ाई
लालटेन लेकै करी सेवा महायुद्ध मैं थी छिड़ी लड़ाई
कौण के कहवैगा उस ताहिं वा बिल्कुल भी नहीं घबराई
फेर दुनिया मैं नर्सों नै या मानवता की थी अलख जगाई
बाट देखते नाइटिंगेल की फौजी सारे ही मुंह बाकै।।

करैं पूरा ख्याल बीमारां का फेर घर का सारा काम होज्या
डाक्टर बिना बात डाट मारदे जल भुन काला चाम होज्या
कहवैं नर्स काम नहीं करती चाहवै उसकी गुलाम होज्या
मरीज बी खोटी नजर गेर दें खतम खुशी तमाम होज्या
दुख अपणा फेर बतादे रोवां हम किस धौरै जाकै।।

काम घणा तनखा थोड़ी म्हारा थारा शोषण होवै क्यों
सारे मिल देश आजाद करावां फेर जनता रोवै क्यों
बिना संगठन नहीं गुजारा जनता नींद मैं सोवै क्यों
बूझ अंग्रेज फिरंगी तै यो बीज बिघन के बोवै क्यों
रणबीर सिंह देवै साथ म्हारा ये न्यारे छन्द बणाकै।।
20****
मनै पाट्या कोण्या तोल, क्यों करदी तनै बोल
नहीं गेरी चिट्ठी खोल, क्यों सै छुट्टी मैं रोल
मेरा फागण करै मखोल, बाट तेरी सांझ तड़कै।।
या आई फसल पकाई पै, या जावै दुनिया लाई पै
लागै दिल मेरे पै चोट, मैं ल्यूं क्यूकर इसनै ओट
सोचूं खाट के मैं लोट, तूं कित सोग्या पड़कै।।
खेतां मैं मेहनत करकै, रंज फिकर यो न्यारा धरकै
लुगाइयां नै रोनक लाई, कट्ठी हो बुलावण आई
मेरा कोण्या पार बसाई, तनै कसक कसूती लाई
पहली दुलहण्डी याद आई, मेरा दिल कसूता धड़कै।।
इसी किसी तेरी नौकरी, कुणसी अड़चन तनै रोकरी
अमीरां के त्योहार घणे सैं, म्हारे तो एकाध बणे सैं
खेलैं रलकै सभी जणे सैं, बाल्टी लेकै मरद ठणे सैं
मेरे रोंगटे खड़े तनै सैं, आज्या अफसर तै लड़कै।।
मारैं कोलड़े आंख मीचकै, खेलैं फागण जाड़ भींचकै
उड़ै आग्या था सारा गाम, पड़ै था थोड़ा घणा घाम
पाणी के भरे खूब ड्राम, दो तीन थे जमा बेलगाम
मनै लिया कोलड़ा थाम, मारया आया जो जड़कै।।
पहल्यां आली ना धाक रही, ना बीरां की खुराक रही
तनै मैं नई बात बताउं, डरती सी यो जिकर चलाउं
रणबीर पै बी लिखवाउं, होवे पिटाई हररोज दिखाउं
कुण कुण सै सारी गिणवाउं, नहीं खड़ी होती अड़कै।।
21***
मेहरसिंह नै ललकार दई थी, करकै सोच बिचार दई थी।
एक नहीं सौ बार दई थी, जंजीर गुलामी की तोड़ दियो।।

न्यूं बोलो सब कट्ठै होकै भारत माता जिन्दाबाद
गाम बरोना देश हमारा गोरयां नै कर दिया बरबाद
फिरंगी सैं धणे सत्यानासी, करक्े अपणी दूर उदासी
लाइयो मतना वार जरा सी, मुंह तोपां का मोड़ दियो।।

म्हारा होंसला करदे खूंडा उनका जो बढ़िया हथियार
लक्षमी सहगल बीर मर्दानी ठाके खड़ी हुई तलवार
मेहरसिंह नै दी किलकारी, देशप्रेम की ठा चिंगारी
देश की माट्टी फेर पुकारी, कुर्बानी की लगा होड़ दियो।।

नन्दराम पिता नै आर्यसमाज का झण्डा हाथ उठाया था
पत्थर मतना पूजो लोगो यो असमान गुंजाया था
ृ लाया था सारे कै नारा, जुणास लागै हमनै प्यारा
यो सै भारत देश म्हारा, सबके दिलां नै जोड़ दियो।।

रोम रोम मैं छाज्या सबकै मेहर सिंह के बोलां का रंग
आजाद हिन्द फौज चली जब अंग्रेज देख होग्या दंग
रणबीर नै जंग तसबीर बनाई, हरीचन्द नै करी सफाई
नई-नई कर कविताई, छंद लय सुर मैं जोड़ दियो।।
22***

तेरे द्वार खड़ा एक जोगी
लियो मेहर सिंह का सलाम
छोड़ चले हम देश साथियो तुम लियो मिलकै थाम
देश छोड़ चाल पड़े रै, भरे अंग्रेजां के पाप घड़े रै
जनता जागगी सारी
किसान संगठन खूब बनावैं, किते वकील सड़क पै आवैं
देश मैं उठी चिंगारी
बढ़ती जा सै फौज म्हारी, लियो मान मेरा पैगाम।।
म्हारे पाछे तै ख्याल राखियो, देश हवालै थारे साथियो
मतना तुम सो जाइयो
देश की खातर लड़ो लड़ाई, कट्ठे होकै लागे लुगाई
गीत खुशी के गाइयो
अंग्रेज नै मार भगाइयो, तज अपणा आराम।।
पाबन्दी ना लगै जाट पै, गीत सुरीले गावै ठाठ तै
बीर मरद और जवान
गीतां तै उठैगी झाल, कुर्बानी के हों न्यूं ख्याल
बणो भगतसिंह से महान
भारत मां की बणो स्यान, लियो यू समझ हमारा काम।।
बाबू नै दिया धक्का फौज में, न्यों सोचै था रहैगा मौज में
गए बदल उड़ै फेर ख्याल
मनै खून द्यो तम भाई, आजादी द्यूं थारे ताहिं
सुभाष बतागे फिलहाल
समझगे तत्काल मेहरसिंह, दियो रणबीर सर अन्जाम।।
23****


आस बंधी अक भोर होवैगी षोशण जारी रहै नहीं ।।
लोक राज तैं राज चलैगा रिष्वत बीमारी रहै नहीं ।।
रिष्वतखोर मुनाफाचोर की स्वर्ण तिजूरी नहीं रहै
चेहरा सूखा मरता भूखा इसी मजबूरी नहीं रहै
गरीब कमावै उतना पावै बेगार हजूरी नहीं रहै
षरीफ बसैंगे उत मरैंगे या झूठी गरुरी नहीं रहै
फूट गेर कै राज करो फेर इसी बीमारी रहै नहीं ।।
करजे माफ होज्यांगे साफ आवैगा दौर सच्चाई का
बेरोजगारी भता कपड़ा लता हो प्रबन्ध दवाई का
पैंषन होज्या सुख तैं सोज्या होवै काम भलाई का
जच्चा बच्चा होज्या अच्छा मौका मिलै पढ़ाई का
मीठा पाणी चालै नल में यो पाणी खारी रहै नहीं।।
भाई चारा सबतैं न्यारा नहीं कोए धिंगताना हो
बदली खातिर ठाकै चादर ना मंत्री पै जाना हो
हक मिलज्या घीसा घलज्या सबनै ठौर ठिकाना हो
सही वोट डलैं ना नोट चलैं इसा ताना बाना हो
हम सबनै संघर्श चलाया अंग्रेज अत्याचारी रहै नहीं।।
पड़कै सोज्यांगे चाले होज्यांगे नहीं कुछ बी होवैगा
माथा पकड़ कै भीतर बड़कै फेर बूक मारकै रोवैगा
नया मदारी करैगा हुष्यारी हमनै बेच के सोवेगा
चौकस रहियो मतना सोइयो काटैगा जिसे बौवैगा
रणबीर सिंह बरोने आला कितै दरबारी रहै नहीं।।
24****
सन ब्यालीस मैं हे फौजी नै दई सिंघापुर मैं ललकार।।
न्यों बोल्या द्यो साथ बोस का ठाकै हाथों मैं हथियार।।

जुल्म ढाये गोरयां नै करे जारी काले फरमान आड़ै
भगतसिंह से फांसी तोड़े लूटे म्हारे अरमान आड़ै
गान्धी आगै औछे पड़गे ये ब्रिटेन के इन्सान आड़ै
म्हारे देश के बच्यां की खोसी क्यों मुसकान आड़ै
ठारा सौ सतावण मैं चाली हे उदमी राम की तलवार।।

देख जुल्म अंग्रेजां के लग्या फौजी कै झटका सुणियो
भरके नै यो फूट गया उनके पापां का मटका सुणियो
बंदरबांट देख गोरयां की होया उसके खटका सुणियो
एक बै बढ़े पाछै फर ना उसनै खाया लटका सुणियो
सन पैंतीस मैं भरती होग्या छोड़ गाम की मौज बहार।।

गुलाम देश का मतलब के न्यों पूरा गया पकड़ फौजी
देश आजाद कराना घणा जरूरी न्यों गया अकड़ फौजी
बुझी चिंगारी सुलगाके नै बाल गया यो भकड़ फौजी
देश प्रेम की बना रागनी न्यों तोड़ गया जकड़ फौजी
जाट का होके तूं गावै रागनी ना भूल्या बाबू की फटकार।।

लखमी दादा नै सांग करया गाम बरोने मैं एक रात सुणो
पदमावत के किस्से मैं दोनां की थी मुलाकात सुणो
कद का देखूं बाट घाट पै तेरे आवण की या बात सुणो
माणस आवण की बात बणाई कर तुरत खुभात सुणो
स्टेज पै बुला दादा लखमी नै रणबीर करया भूल सुधार।।
25****
जाल तोड़कै नै लिकड़ गया होग्या तूं आजाद पिया।।
साथ रहनियां संग के साथी करै हरियाणा याद पिया।।

जालिम और गुण्डे जनता नै नोच नोच कै खावैं
रिश्वतखोरी बाधू होरी ये कति नहीं शरमावैं
धनवानां की करैं चाकरी कमेरयां नै धमकावैं
के न्यों काढ़े अंग्रेज हमनै अक देशी लूट मचावैं
बेइमानां की चान्दी होरी सुनते ना फरियाद पिया।।

सारे देश मैं रुक्का पड़ग्या चौगरदें नै होग्या शोर
मेहनत म्हारी खोस लई उल्टा हमनै ए बतावैं चोर
तख्त राज का डोलै सै रौल्ला माच रया चारों और
तनै गा गा के धनवान बणे करते कोण्या मेरी गोर
चूल हिलादी उसकी जो धरी तनै बुनियाद पिया।।

तेरी रागनी टोहवण आज्यां मेरा किसे नै ख्याल नहीं
तेरी दमयन्ती दुखी फिरै किसे कै भी मलाल नहीं
असली बात भूलगे तेरी इसतै बडडा कमाल नहीं
सारा गाम तनै याद करै टूटया मोह का जाल नहीं
हरया भरया था गाम बरोना होता जा बरबाद पिया।।

आम सरोली पेड़ काट दिये काली जाम्मण सूक गई
गाम छोड़गे घणे जणे तो वुफछ नै मार या भूख गई
तेरी बुआ तो अपफसार बणगी बढ़िया बणा रसूक गई
बालकपन मैं अनपढ़ रैहगी रणबीर मौका चूक गई
तेरी रागनी कररी सैं मेरा सूना मन आबाद पिया।।

Mehar Singh 1

 1****

खरखोदे धोरै सोनीपत मैं, बरोणा नाम सुण्या होगा।
इसे गाम का रहणे आला, मेहरसिंह नाम सुण्या होगा।।

पैदा कद सी हुया मेहरसिंह, तारीख कोण्या याद मेरै
फौज के मां भरती होग्या, बणाण गाण का शोक करै
बुराई तै रहया दूर परै, यो किस्सा आम सुण्या होगा।।
गरीब किसान का बेटा था ओ गरीबी मैं जवान हुया
पढ़ लिख थोडा ए पाया ओ भोला सा इन्सान हुया
दुनिया के मां नाम हुया सबनै पैगाम सुण्या होगा।।
घर कुण्बे नै रोक लगाई नहीं रागनी गावैगा
ऐसे कर्म करैगा तै तूं नर्क बीच मैं जावैगा
तूं म्हारी नाक कटावैगा उसपै इल्जाम सुण्या होगा।।
नहीं हौसला कदे गिराया तान्ने सुणे गया रणबीर।
दिल मैं जो भी बात खटकी वाह घड़दी सही तसबीर
सरहद उपर लिखै था वीर उसका सलाम सुण्या होगा।।
2***

बन्धे उपर नागन काली डटगी फण नै ठाकै।
सिर तै उपर कस्सी ठाई मारी हांगा लाकै।।
नागन थी जहरीली वा फौजी का वार बचागी
दे फुफकारा खड़ी हुई आंख्यां मैं अन्धेर मचागी
दो मिनट मैं खेल रचागी चोट कसूती खाकै।।
हिम्मत कोण्या हारया फौजी हटकै उसनै वार किया
कुचल दिया फण लाठी गेल्यां नाका अपणा त्यार किया
चला अपणा वार लिया काली नागन दूर बगाकै।।
रात अन्ध्ेरी गादड़ बोलैे जाड्डा पड़ै कसाई
सुर सुर करता पानी चालै घणी खुमारी छाई
डोले उपर कड़ लाई वो सोग्या मुंह नै बाकै।।
बिल के मां पानी चूग्या सूकी रैहगी क्यारी
बाबू का सांटा दिख्या या तबीयत होगी खारी
मेहरसिंह जिसा लिखारी रोया मां धेरे जाकै।।
3****
सांटा ठा लिया बाबू नै कांपी मेहर सिंह की काया।।
तूं सांगी बणणा चाहवै कोण्या असली मां का जाया।।
तेरे गाणे और बजाणे नै मानै मेरा शरीर नहीं
बैंजू घड़वा किस्सा रागनी किसानां की तासीर नहीं
सांटा मारकै बोल्या मनै बणाणा तूं फकीर नहीं
मन की मन मैं पीग्या ना बोलकै कति सुणाया।।
चुपचाप देख कै बाबू बोल्या राह बांध्ूंगा तेरा
कै तो बात मान ले ना तो देखूं कुआं झेरा
धरती थोड़ी नहीं गुजारा क्यूकर बसज्या डेरा
छोड़ कै हल नै गावै रागनी हमनै पटज्या बेरा
खाल तार ल्यूंगा तेरी जो मनै कितै गांवता पाया।।
तेरी रागनी म्हारी गरीबी या क्यूकर दूर करैगी
खेत कमा कै फौज मैं जा ना दुनिया नाम धरैगी
एक दिन बरोने के मां तेरी भूखी मात मरैगी
कड़वी लागै बात मेरी मुश्किल तै आज जरैगी
फेर न्यों कैहगा मैं पहलम तै ना तनै समझाया।।
खाकै मार बैठग्या छोरा धरती नै कुरेदन लाग्या
बाबू नै छाती कै लाया फेर उसका छोह भाग्या
बोल्या आंख खोल बावले सारा जमाना जाग्या
रणबीर सिंह भी मेहर सिंह के राग सुरीले गाग्या
चिन्ता के मां घिरग्या छोरा कुछ ना पीया खाया।।
4*****
मेहर सिंह लखमी दादा एक बै सांपले मैं भिड़े बताये।।
लखमी दादा नै मेहरु धमकाया घणे कड़े षब्द सुनाए।।
सुण दिल होग्या बेचैन गात मैं रही समाई कोन्या रै
बोल का दरद सहया ना जावै या लगै दवाई कोन्या रै
सबकै साहमी डांट मारदी गल्ती उसतैं बताई कोन्या रै
दादा की बात कड़वी उस दिन मेहरु नै भाई कोन्या रै
सुणकै दादा की आच्दी भुन्डी उठकै दूर सी खरड़ बिछाये।।
इस ढाल का माहौल देख लोग एक बै दंग होगे थे
सोच समझ लोग उठ लिए दादा के माड़े ढंग होगे थे
लखमी दादा के उस दिन के सारे प्लान भंग होगे थे
लोगां ने सुन्या मेहर सिंह सारे उसके संग होगे थे
दादा लखमी अपनी बात पै बहोत घणा फेर पछताए ।।
उभरते मेहर सिंह कै एक न्यारा सा अहसास हुया
दुखी करकै दादा नै उसका दिल भी था उदास हुया
दोनूं जन्यां ने उस दिन न्यारे ढाल का आभास हुया
आहमा साहमी की टक्कर तैं पैदा नया इतिहास हुया
उस दिन पाछै एक स्टेज पै वे कदे नजर नहीं आये।।
गाया मेहर सिंग नै दूर के ढोल सुहाने हुया करैं सैं
बिना बिचार काम करें तैं घणे दुख ठाने हुया करैं सैं
सारा जगत हथेली पीटै ये लाख उल्हाने हुया करैं सैं
तुक बन्दी लय सुर चाहवै लोग रिझाने हुया करैं सैं
रणबीर सिंह बरोने आले नै सूझ बूझ कै छंद बनाये।।
5****
करुं बिनती हाथ जोड़ कै मतना फौज मैं जावै।।
मुष्किल तैं मैं भरती होया तूं मतना रोक लगावै।।
एक साल मैं छुटी आवै होवै मेरै समाई कोन्या
चार साल तैं घूम रहया आड़ै नौकरी थ्याई कोन्या
बनवास काटना दीखै सै कदे कसूर मैं आई कोन्या
बेरोज गारी का तनै बेरा मैं करता अंघाई कोन्या
आड़ै ए खा कमा ल्यांगे नहीं तेरी समझ मैं आवै।।
मैं के जाकै राजी सूं पेट की मजबूरी धक्का लावै।।
थोड़ा खरचा करल्यांगे म्हारा आसान गुजारा होज्यागा
बेगार करनी पड़ैगी हमनै म्हारा जी खारया होज्यागा
साझे बाधे पै ले ल्यांगे किमै और साहरा होज्यागा
सोच बिचार लिए सारी म्हारा जीना भारया होज्यागा
कोन्या चाहिये तेरी तिजूरी जी गैल रैहवणा चाहवै।।
मनै तान्ने दिया करैगी ना तूं बूजनी घड़ाकै ल्यावै।।
ठाडे पर ना बसावै हीणेे पर दाल गलै सै देखो
धनवानां की चान्दी होरी ना उनकी बात टलै देखो
बात इसी देख जी मेरा बहोत घणा जलै सै देखो
जो म्हारे बसकी ना उसपै के जोर चलै से देखो
दिल मेरा देवै सै गवाही जाकै तूं नहीं उल्टा लखावै।।
इसी फेर कदे ना सोचिए न्यों फौजी आज बतावै।।
तनै जाना लाजमी फौजी मेरी कोन्या पार बसाई
अंग्रेजां नै देष लूट लिया भगतसिंह कै फांसी लाई
उनके राज ना सूरज छिपता क्यों लागी तेरै अंघाई
सारे मिलकै जिब देवां घेरा ना टोहया पावै अन्याई
सारी बात सही सैं तेरी पर मेरा कौण धीर बंधावै।।
देखी जागी जो बीतैगी रणबीर ना घणी घबरावै।।
6****
रौवे मतना प्रेम कौर मैं तावल करकै आ ल्यूंगा।।
थोड़े दिन की बात से प्यारी फौज मैं तनै बुला ल्यूंगा।।
भेज्या करिये खबर बरोणे की, जरूरत नहीं तनै इब रोेणे की
सोचिये मतना जिन्दगी खोणे की, ना मैं भी फांसी खा ल्यूंगा।।
जिले रोहतक मैं खरखोदा सै, बरोणा गाम एक पौधा सै
फौजी ना इतना बोदा सै, घर का बोझ उठा ल्यूंगा।।
बीर मरद की रखैल नहीं सै, बराबरी बिन मेल नहीं सै
हो आच्छी धक्का पेल नहीं सै, मैं बाबू नै समझा ल्यूंगा।।
मेहनत करकै खाणा चाहिये, फिरंगी मार भजाणा चाहिये
रणबीर सुर मैं गाणा चाहिये, ध्यान देश पै ला ल्यूंगा।।
7*****
नल दमयन्ती की गावै तूं कद अपनी रानी की गावैगा।।
नल छोड़ गया दमयन्ती नै तूं कितना साथ निभावैगा।।
लखमीचन्द बाजे धनपत नल दमयन्ती नै गावैं क्यों
पूरणमल का किस्सा हमनै लाकै जोर सुणावैं क्यों
अपणी राणी बिसरावैं क्यों कद खोल कै भेद बतावैगा।।
द्रोपदी चीर हरण गाया जा पर तनै म्हारे चीर का फिकर नहीं
हजारां चीर हरण होरे आड़ै तेरे गीत मैं जिकर नहीं
आवै हमने सबर नहीं जो ना म्हारे गीत सुणावैगा।।
देश प्रेम के गीत बणाकै जनता नै जगाइये तूं
किसान की बिपता के बारे में बढ़िया छन्द बनाइये तूं
इतनी सुणता जाइये तूं कद फौज मैं मनै बुलावैगा।।
बाबू का ना बुरा मानिये करिये कला सवाई तूं
अच्छाई का पकड़ रास्ता ना गाइये जमा बुराई तूं
कर रणबीर की मन चाही तूं ना पाछै पछतावैगा।।
8****
हवा सिंह के लिखी हाथ की चिट्ठी तेरी आई रै।।
तम्बू के म्हां पढ़ी खोल कै खुशी गात मैं छाई रै।।
दुनिया गावै राजे रानी या तो मेरी मजबूरी सै
किसान और फौजी पै गाणा बहोतै घणा जरूरी सै
दुनिया कहती आई सै नहीं होती ठीक गरूरी सै
काम करने आल्यां की क्यों खाली पड़ी तिजूरी सै
भारत देश आजाद करावां मिलकै कसम उठाई रै।।
कां डंका खेलण खातर पेड़ गाम का भावै सै
याद आवै सै खेल कबड्डी बख्त शाम का खावै सै
शिखर दोफारी ईंख नुलाणा जलन घाम का सतावै से
लिखते लिखते ख्याल मनै तेरे नाम का आवै सै
फौज में रहना आसान नहीं साथी नै बात बताई रै।।
अंग्रेजां नै मार भगावां यो देश आजाद कराणा सै
सुभाष चन्द्र बोस बताग्या ना पाछै कदम हटाणा सै
तोड़ जंजीर गुलामी की यो भारत नया बणाणा सै
जिन्दा रहे तो फेर मिलांगे नहीं तनै घबराणा सै
भोलेपन के कारण हमनै चोट जगत मैं खाई रै।।
मित्र प्यारे सगे सम्बन्ध्ी मेरा सब तम प्रणाम लियो
कहियो फौजी याद करै सै थोड़ा दिल थाम लियो
आजादी नै कुर्बानी चाहिये सुन मेरा पैगाम लियो
भगतसिंह क्यों फांसी तोड्या बात समझ तमाम लियो
मेहरसिंह ने जवाब दियो रणबीर करै कविताई रै।।
9****
ध्यान लगाकै सुणिये बेटा कहै बाबू नन्दराम तेरा।।
लंदन आले राज करैं सैं हो लिया देश गुलाम तेरा।।
मास्टर धोरैे ईस्ट इन्डिया का तनै नाम सुण्या होगा।
इमदाद करैं व्यापार फैला कै उनका काम सुण्या होगा।
कारीगरां के हाथ कटा दिये किस्सा आम सुण्या होगा।
गद्दारां मैं मुरब्बे बांटे यो हाल तमाम सुण्या होगा
भगतसिंह फांसी तोड़या हे भारत माता जाम तेरा।।
जो बढ़िया थी चीज म्हारी ये लेगे लन्दन मैं ठाकै
राज के उपर कब्जा करगे हम देखैं मुंह नै बाकै
मलमल खादी खत्म करे म्हारे आपस मैं सिर फुड़वाकै
तुरत आंख फुड़ाई चले जो उनकी तरफ लखाकै
बन्दर बांट इसी मचाई कर दिया काम तमाम तेरा।।
फौज मैं बेटा डरिये मतना बनिये वीर सिपाही तूं
तोप चलाइये दुश्मन पै करिये गात समाई तूं
भारत मैं आजादी ल्याकै करिये सफल कमाई तूं
कदम बढ़ा मत उल्टा हटिये ना खाइये नरमाई तूं
घाल दिये घमशान सरहद पै, होज्या रोशन गाम तेरा।।
आजादी अनमोल चीज सै शहीदों को है मेरा सलाम
सुखदेव भगतसिंह राजगुरु ये देरे देख तनै पैगाम
तन मन धन दिये वार मेहरसिंह इतना करिये मेरा काम
रणबीर सिंह नै गीत बनाया दोनों का सै बरोना गाम
प्रेम कौर कै बस्या रहै सै हरदम दिल मैं नाम तेरा।।
10****
कांग्रेस क्यों छोडडी तनै इतना तो मनै बताईये तूं।।
गर्म दल क्यों बनाया था इतना मनै समझाईये तूं।।
के हालात बणे बोस इसे जो कांग्रेस छोड़नी पड़गी
सबतैं बडडी पार्टी तैं क्यों तनै बात मोड़नी पड़गी
एक एक बात आछी ढालां खोल कै दिखाईये तूं।।
माणस लड़ाकू और ज्ञानी कहते जनता नै लाग्या
तेरे प्रति मोह बहोत यो कहते जनता का जाग्या
सतो फतो सरतो साथ सैं मतना कति घबराईये तूं।।
न्यूं दिल कहता बोस मेरा तूं साच्चा लीडर म्हारा
कहते सारे हिन्दुस्तान मैं सबके दिल का तूं प्यारा
मनै दिल की बात कैहदी दिल की बात सुनाईये तूं।।
जय हिन्द जय हिन्द होरी यो पूरा भारत याद करै
बढ़ते जाओ बोस आगै रणबीर बी फरियाद करै
म्हारी जरुरत हो कदे तो सिंघापुर मैं बुलाईये तूं।।

घणे होशियार बणे हांडें सैं

 हमनै बेकूफ़ बतावैं देखो  घणे होशियार बणे हांडें सैं।।

लूट म्हारा खून पसीना घणे साहूकार बणे हांडें सैं।।
1
सारी उम्र बाबू कमाया उसकी कोण्या पार बसाई फेर
करड़े हाडां की मां म्हारी लाकै हांगा करी कमाई फेर
पैर भिडांतें हांडया करते आज थानेदार बणे हांडें सैं।।
लूट म्हारा खून पसीना घणे साहूकार बणे हांडें सैं।।
2
पढ़ लिख कै हमनै बढ़िया नौकरी लेनी चाही रै
बहोतै जागां धक्के खाये नहीं किसी भी थ्याई रै
बिचौलिया धन कमागे घणे ईज्जतदार बणे हांडें सैं ।।
लूट म्हारा खून पसीना घणे साहूकार बणे हांडें सैं।।
3
बीडीओ सैक्टरी नै मिलकै गाम पढ़ण बिठाया क्यों
बदफेली होवैं रोज आड़े यो राम नहीं शरमाया क्यों
रिश्वत देकै बचते देखो ये घणे ठोलेदार बणे हांडें सैं।।
लूट म्हारा खून पसीना घणे साहूकार बणे हांडें सैं।।
4
महिला जमा महफूज नहीं चौगरदे हाहाकार मच्या रै
बलात्कार छीना झपटी हों ना मान सम्मान बच्या रै
रणबीर सिंह खोल बतावै घणे बदकार बणे हांडें सैं।।
लूट म्हारा खून पसीना घणे साहूकार बणे हांडें सैं।।

शिक्षा

 शिक्षा

शिक्षा देश की पढ़ण बिठाई अपणा व्यापार चलाया रै।।
गावों शहर के सरकारी स्कूलां का धुम्मा सा ठाया रै।।
1
सरकारी स्कूल के तम्बू पाड़े प्राइवेट स्कूल ल्याए रै
प्राइवेट घनी लूट मचारे शिक्षक जावैं घणे सताए रै
शिक्षा स्तर उड़ै भी माड़ा सै माँ बाप तो  दुःख पाये रै
सरकार नै शिक्षा पै खर्च घटा जनता कै सांस चढ़ाये रै
खराबी के सैं टीचर दोषी कसूता प्रचार कराया रै ।।
शिक्षा देश की पढ़ण बिठाई अपणा व्यापार चलाया रै।।
2
इंजीन्यरिंग कालेज खुलरे सैं बी टेक बिकती गिनाऊँ देखो
कुछ दिन बीएड कालेज खुल्ले इब बन्द होंते दिखाऊँदेखो
नर्सिंग कालेज आये घणे उनकी हुई दुर्गति बताऊँ देखो
मेडिकल कालेजों का काल नै योहे हाल मैं सुनाऊँ देखो
बेरोजगारी के बादल छारे घुटन का माहौल बनाया रै।।
शिक्षा देश की पढण बिठाई अपणा व्यापार चलाया रै।।
3
साठ लाख मैं एम बी बी एस दो करोड़ की एम डी होगी
इलाज मैं सेवा कित बचै पिस्से की चकाचौंध इनै ख़ोगी
गरीब की शिक्षा गई भाड़ मैं सरकार तानकै लाम्बी सोगी
बाजार व्यवस्था हावी हुई या आज  बीज बिघण के बोगी
शासक वर्ग नै अपनी खातर न्यारा ढांचा सै बनाया रै।।
शिक्षा देश की पढ़ण बिठाई  अपणा व्यापार चलाया रै।।
4
एयर कण्डीशण्ड दुनिया का भारत न्यारा बना राख्या रै
दूजे कांही नब्बे प्रतिशत कै सांस कसूता चढ़ा राख्या रै
एक की शिक्षा घणी जरूरी दूज्यां का ढोल बजा राख्या रै
जेण्डर बायस  शिक्षा मैं यो कसूते ढाल छिपा राख्या रै
रणबीर सिंह शिक्षा पै गेरी दुभांत की कसूती छाया रै ।।
शिक्षा देश की पढ़ण बिठाई अपणा व्यापार चलाया रै।।

सीनियरिटी पढ़ण बिठाई

 सीनियरिटी पढ़ण बिठाई, मैरिट ना फेर भाजी थ्यायी, शिफारस नै बिठाया जमाई, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।

1
डॉक्टर खत्री काट्या फेर सूबेदार सिंह काट दिया
तीजे नम्बर आला डॉक्टर इस औधे पै छांट दिया
प्रदीप गर्ग नै तगड़ी लाई, हिला दिया एक बै जमाई, कोर्ट नै थोड़ी रोक लगाई ,प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
2
इस उठा पटक नै सारा सिस्टम उघाड़ा कर दिया रै
कायदे कानून तोड़ बागये,किसा पवाड़ा कर दिया रै
रोज तारीख पड़ण लाग़री, फैकल्टी सारी लड़ण लाग़री,इल्जाम झूठे धरण लाग़री , प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
3
आज हवा मैं शक की बदबू सारे कै फैल रही देखो
टांग खिंचाई बिना बात हो डारेक्टर की गैल रही देखो
मौका परस्ती इब या छागी, कुणबा परस्ती सबनै खागी, मैरिट हमेशा पिटती जागी, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
4
सर्जरी विभाग का भट्ठा बैठण मैं कोए कसर नहीं
इंसानियत रगड़ कै चाटगे इब्बी इनकै सबर नहीं
रणबीर की या कविताई, सदा साची लिखती आई,चाल कै पहोंचै सही राही, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।

देखियो के होगा

 देखियो के होगा

नए राज पाट नै म्हारे देश के कति बिगाड़े हाल
देखियो के होगा ।।
म्हारे खेत उजाड़ दिए और किसान मार दिया धरती कै
बिकवा खिड़की किवाड़ दिए दिवाला पिटग्या सरती कै
किसान छोडडे ना किसे दीन के इसी बिगाड़ी चाल
देखियो के होगा ।।
कमा कमा खेताँ मैं मर लिए लूट कै पेप्सी कोला लेग्या
पलंग निवारी देऊंगा कैहकै खोस म्हारा खटोला लेग्या
दो किल्ले आला जकड दिया बिछाकै चौगिरदें जाल
देखियो के होगा ।।
भारत की सरकार पसार रही अमरीका आगै झोली रै
इसे चश्में चढ़ाये अमरीका नै ना दीखै उसकी रोली रै
राज पाट की नीतियां नै पाड़ लिए सिर के सारे बाल
देखियो के होगा ।।
कपास पीटी धान पीट दिया गिंहूँ पिटण की बारी सै
नौकरी खोसी धंधे चौपट यो हमला इसका भारी सै
रणबीर सरकार नै गोडडे टेके बणगी जमा दलाल
देखियो के होगा ।।
28.4.2015

मुबारक नए साल की

 मुबारक नए साल की

शाइनिंग इंडिया सफरिंग इंडिया अंतर बढ़ता जाता रै ।
क्यूकर पाटाँ इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै ।
यो शाइनिंग इंडिया बहोत घणी आगै जा लिया बताऊँ मैं
गुड़गामा नया और पुराना देखल्यो ना जमा झूठ भकाऊँ  मैं
नए और पुराने का अंतर रोज मेरे जिस्याँ नै उलझाता  रै ।
पुराने ढाँचयाँ तैं लोग घणे दुखी हो लिए हिंदुस्तान म्हारे के
पुराणी सोच ओछी जूती सै काटै पैरों नैं या किसान म्हारे के
नए ढांचे लूट के बनाये सैं भ्रष्टाचार घुमै सै दनदनाता रै ।
नए साल मैं नयी इबारत जनता लिखनी चाहवै जरूर
जात मजहब तैं उप्पर उठकै या भ्रष्टाचार मिटावै जरूर
लड़ाई लम्बी सै संघर्ष मांगती कति नहीं झूठ भकांता रै ।
सिस्टम एक रात मैं बदलै इसा इतिहास ना तोह्या पावै
सिर धड़ की क़ुरबानी मांगै जिब खरोच या इसकै आवै
मेरा जी तो अंतर कम करने को अपनी कलम घिसाता रै ।

चिड़िया चुगगी खेत चेत बिन

 चिड़िया चुगगी खेत चेत बिन आगी नींद रूखाले नै।।

म्हारा घेर लिया तन जन मकड़ी के पुरे होए जाले नै।।
1
बढ़ै मंहगाई रोज सवाई यो गरीब आदमी तंग पाग्या
बदेशी पूंजी लूट की कुंजी लूटी म्हारी धन और माया
जूती म्हारी खाल उतारी घणा कसूता भ्रम फैलाया
राणी राजा बैजू बाज्या कोन्या म्हारा हाल सुणाया
लख्मी दादा रोया चभोया डंक पापी विष हर काले नै।।
2
अमीर गरीब दो जात बताई चालो सही पिछाण कै
इसतैं न्यारा जो झगड़ा ठारया खूब देखियो छाण कै
गाड्डी फूँकवाके हमनै लड़वाकै साहब बैठगे ताण कै
जात भूल कै जमात समझल्यां नहीं अड़ै भगवान कै
बारा बाट या टूटी खाट नहीं दीखै गावन आले नै।।
3
चारों कांहीं लपट उठ री रासा मोटा छिड़ग्या क्यों
निर्दोष मरैं सैं भारत मैं रक्षक भक्षक बणग्या क्यों
हमनै लूटण पीटण का यो खुला ठेका छुटग्या क्यों
फर्क गलत सही का यो हिंदुस्तान तैं मिटग्या क्यों
जात पात का भरम गरम करै चितरू के साले नै।।
4
बात साफ सुणल्यो आप असली बात छिपाई जा
देश डबोया कति ल्हकोया नकली बात बताई जा
धर्म की भांग करावै सांग तुरुप चाल चलाई जा
गरीब गरीब का गल काटै इसी प्लान बनाई जा
भाई भोले तूं खड़या होले रणबीर देश बचाले नै।।

वातावरण

 जमीन जल और जंगल पै अमीर कब्जा बढ़ावै सै।

गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।।
1
जमीन पै कब्जा करकै हाईटैक सिटी बनाते आज
उजड़ कै जमीन तै कित जावै ना खोल बताते आज
बीस लाख मैं ले कै किल्ला बीस करोड़ कमाते आज
इनके बालक तै ऐश करैं म्हारे ज्यान खपाते आज
आदिवासी नै जंगल मां तै हांगा करकै हटावै सै।।
गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।।
2
जंगल काट-काट कै गेरे ये मुनापफा घणा कमागे रै
आदिवासी दिये भजा उड़ै तै बहुत से ज्यान खपागे रै
मान सम्मान खातर लड़े वे ज्यान की बाजी लागे रै
देशी लुटेरे बदेशी डाकुआं तै ये चौड़ै हाथ मिलागे रै
किसान की आज मर आगी यो संकट मैं फांसी लावै सै।।
गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।।
3
बिश्लेरी पानी की बोतल बाजार मैं दस की मिलती रै
दूध सस्ता और पानी महंगा बात सही ना जंचती रै
साफ पानी नहीं पीवण नै बढ़ती बीमारी दिखती रै
पानी म्हारा दोहन उनका पीस्से की भूख ना मिटती रै
जमीन जंगल जल गया संकट बढ़ता ए आव सै।।
गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।।
4
औरत दी एक चीज बना बाजार बीच या बिकती रै
म्हंगाई बढ़ती जा कीमत एक जगहां ना टिकती रै
घणा लालची माणस होग्या हवस कदे ना मिटती रै
अमीरी गरीबां नै खाकै बी आज मा ना छिकती रै
रणबीर बरोने आला घणी साची लिखता घबरावै सै।।
गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।।