तीज मनाया करते
पींघ घालकै खूब झूलते हम नयों तीज मनाया करते।।
छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
1
पहरकै सूट रंग बिरंगे सब झूलन जाया करती हे
मिलकै साम्मन के गीत हम बहोतै गाया करती हे
देवर जयेठ भी इधर उधर डोलते नजर आया करते।।
छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
2
दो दो पटड़ी पै खडी होकै खूब ए पींघ बधान्ती बेबे
उप्पर जा सिर घूम जांता जिब ताले नै लखान्ती बेबे
देवर जयेठ देख नज़ारे बहोतै मजाक उड़ाया करते।।
छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
3
दो च्यार घंटे सुख की साँस थोड़ी देर लिया करती
एक दूजी के साहमी दिल अपना खोल दिया करती
मस्त साम्मन का मौसम खीर हलवा बनाया करते।।
छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
4
बेरा ना कित गयी वे तीज कर याद दिल भर आवै
बाजार की भेंट चढ़े त्यौहार म्हारी ना पर बासावै
रणबीर सिंह मेहर सिंह बरगे न्यारे छंद बनाया करते।।
छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।