Saturday, 8 September 2018

लाला घासीराम से दो चार

लाला घासीराम से दो चार
क्यूकरै झज्जर के स्कूल मैं छोटूराम नै दाखला पाया।।
संकट झेल झेल कै भी उसनै पढ़ाई मैं ध्यान लगाया।।
1
स्कूल बीस किलोमीटर दूर गढ़ी सांपले तैं बताते
पैदल चाल कै आसंडे कै छारा जौन्धी म्हां कै जाते
मिहने मैं दो दिन तै बालक आण जाण मैं वे खपाते
आटा दाल घी घर तैं होस्टल मैं लेजाकै जमा कराते
छुटियाँ मैं घर नै आकै नै खेती बाड़ी मैं हाथ बंटाया।।
2
मोहम्मद खान होस्टल मैं कई बात बताया करता
छोटू राम खेत मैं भी किताब लेकै नै जाया करता
सारे सूबे मैं फस्ट आईये मास्टर न्यों चाहया करता
पैसा अखबार पढ़ता रोज जो स्कूल मैं आया करता
छोटू राम का कठोर परिश्रम आखिर तै रंग ल्याया।।
3
रिजल्ट नै छोटूराम का हौंसला घना बढ़ाया देखो
आगै जरूरी पढ़ना सै यो पक्का मन बनाया देखो
मौका देखकै बाबू तैं पढण का जिक्र चलाया देखो
आगै पढ़ने की सुनकै नै बाबू नै नाक चढ़ाया देखो
नौकरी टोहले छोटी मोटी बाबू नै छोटू समझाया।।
4
पासींयां मैं नहाए पहोंचे लाला जी जाकै ठाया था
इशारा कर डोरी कान्ही पंखा बाबू खीचै चाहया था
उसका बेटा खाली बैठया  छोटूराम कै छोह आया था
छोटूराम नै लाला जी को कसूती ढालाँ धमकाया था
रणबीर पंखे की  घटना नै छोटू राम को दहलाया।।

लड़ाई म्हारी

लड़ाई म्हारी
     किसान मजदूर  तयारी करल्यां यो रास्ता बिना लड़ाई कोण्या  ॥
     धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
1    सुधां खुरां  यो बैरी चढ़ग्या क्यों होती हमने जाग नहीं
      जो चिंगारी दबी हुई सै  या बण जाती क्यों आग नहीं
      बैठ कै रहवाँ ताश खेलते म्हारे बरगा कोए निर्भाग नहीं
      जात गोत बाँट दे हमनै  इसतै जहरी कोए  नाग नहीं
       ये खूनी  कीड़े खान लागरे क्यों देता कति दिखाई कोन्या ॥
       धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
2     कड़ तोड़ैगी महंगाई म्हारी यो दूध ढोल मैं घळग्या रै
       सिर बी म्हारा म्हारी जूती टोट्टे का दीवा बळग्या  रै
       अमरीका चूसकै खून म्हारा सांड मरखना  पळग्या रै
        म्हारी जवानी होगी बासी मेरा कालजा नयों जळग्या रै
        आगली पीढी गाल बकैगी जै तस्वीर नई बनाई कोण्या ॥
         धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
3       भारत का किसान मरया तो यो मुश्किल हिंदुस्तान बचै
         डब्ल्यू टी ओ बन्दूक ताणरया नहीं खेत खलिहान बचै
          बिना खेती उद्योग किसा बिना उद्योग ना इंसान बचै
          बिना बिजली पानी के आज  मुश्किल यो किसान बचै
          अपने पाहयाँ चाल पड़ां  क्यों टोही  इसी राही कोण्या ॥
          धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
4        हमनै मारकै दम लेवैगी तपैदिक जात बीमारी भाई
           इसका चश्मा चढ़ाकै म्हारै म्हारी खाल उतारी  भाई
           सतरंगा यो खेल रचाया लिकड़्या गजब खिलाड़ी भाई
           जमा राह मैं डोब  दिए ना दो आने की असवारी भाई
           रणबीर गरीब अमीर तैं  न्यारी दुनिया मैं और लड़ाई कोण्या ॥
            धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥