आगळा पाछला
आगळा पाछला कुछ कोन्या योहे जन्म सब कुछ बताया।
म्हारी मत मारण खात्तर आगळा पाछला गया समझाया।
1
मनुष्य तैं बड्डी कोय ताकत नहीं इस दुनिया मैं बताई
मनुष्य नै भगवन गढ़या जित बात समझ नहीं आई
भगवान अल्लाह के रूप बदले मानस धुर तैँ इसा पाया।
2
कुदरत के अपने नियम जिनतैं यो संसार चलै भाई
माणस कुदरत का संघर्ष एक मिनट नहीं टलै भाई
कुदरत के नियम तोड़े तो माणस नै हमेश दुःख ठाया।
3
माणस माणस नै लूटै इस खातर पाखंड ये रचाये
आगळा पाछला ईश्वर खोज्या लिखकै नै ग्रन्थ बनाये
आज तलक भटका राखे यो अन्धविश्वास फैलाया।
4
पाखंड के हर धर्म मैं जाले ये जनता टांड पर बिठाई
किस किस का जिक्र करूं या मानवता गई दबाई
रणबीर बरोने आले नै यो चेहरा असली दिखलाया ।
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