राष्ट्रवाद का गीत --सही राम
यह है लाठी, यह तलवार,
बर्छी, भाला और कटार
फिर अपनी ही तो है सरकार
अब बात करो समरसता की
जय बोलो भारत माता की
000
कौन कवि और कलावंत है
सब कांग्रेस और वामपंथ है
मुगलों का इतिहास पढ़ाते
राणाजी को हैं बिसराते
न ही शिवाजी, ना सावरकर
हिंदू गौरव धूल बराबर
राष्ट्रवाद कहां चलता है
फिर साइंस में भी घपला है
ज्ञान और विज्ञान तो सारा
वेदों से ही निकला है
बाकी जग सब कंगला है
पर श्रेय कहां सब मिलता है
वेद, उपनिषद तीनों लोक
रोज लगानी चाहिए धोक
कालेज और युनिवर्सिटियां
सभी ज्ञान के गड्ढे हैं
बस व्यभिचार के अड्डे हैं
सरस्वती की धारा खोजो
बात करो अब गीता की
जय बोलो भारत माता की
0 0 0
ना रोजी-रोटी की बात करेंगे
तुम क्या खाते हो यह देखेंगे
कहीं दाल न हो यह अरहर की
हम जांच करेंगे घर भर की
थाली और पतीली सारी
उलट-पुलट कर देखेंगे
कहीं खाया तुमने बीफ न हो
यह जांच-परख कर देखेंगे
जान की चाहते गर तुम खैर
मत लेना तुम हमसे बैर
खान-पान, आचार-विचार
संस्कार की हो भरमार
लडक़ा-लडक़ी चले ना साथ
घुल-मिलकर वे करें न बात
पार्क में, बाजारों में यही लगाए हैं हम घात
संस्कृति के कद्रदान हैं
अब बात करो गौमाता की
जय बोलो भारत माता की
000
बुद्धि के जरा मंद हैं
बहुत मगर हम हुनरमंद है
अफवाहों के हम उस्ताद
नानी सबको दिला दें याद
जब चाहे दंगे करवा दें
भाई से भाई लड़वा दें
धर्म नहीं तो जात पर
बात नहीं बेबात पर
नफरत की आंधी फैला दें
सोए हुए मसान जगाा दें
लव जिहाद का रचें वितंडा
न मुर्गी, न हो चाहे अंडा
धर्मांतरण का लेकर फंडा
जब चाहे हम चला दें डंडा
खौफ का ऐसा हो माहौल
जात धर्म का घातक घोल
हम सब बोलें ऐसे बोल
हम धर्मध्वजा के वाहक हैं
अब बात करो इस सत्ता की
जय बोलो भारत माता की
000
राजपथ पर योग हो
जोग में सारा भोग हो
हर पार्क में शाखा हो
हिंदू राष्ट्र का खाका हो
कदम-कदम पर धोखा हो
हर प्रयोग अनोखा हो
राष्ट्र प्रेम तू हमसे सीख
कपट छिपाकर भोला दीख
मुंह से राम अगर तुम बोलो
छुरी जहर की बगल में ले लो
जनता गर मांगेगी रोटी
तैयार रहे तेरी यह सोटी
सेठों पर तो रकम है मोटी
फिट कर ले तू अपनी गोटी
लूट राज की रक्षा में सन्नद्घ रहो
अब झोली भर दो दाता की
जय बोलो भारत माता की
000
यह भारत का झंडा है
यह राष्ट्रवाद का डंडा है
देशद्रोही यहां अनेक
देशभक्त हैं हम बस एक
यह केसरिया झंडा देख
इसके आगे कुछ न देख
अपना है बस फंडा एक
रचें वितंडा रोज अनेक
भरमाना है एक कला
हम हैं ऐसी बुरी बला
विरोधी तेरे मुंह में खाक
तुझे भेजते हैं हम पाक
ऐसा तेरा क र दें हाल
जीना तेरा करें मुहाल
सदियों बाद मिला है मौका
मर्जी यही विधाता की
जय बोलो भारत माता की
000
कर्ज में डूबे रहें किसान
आत्महत्या का ले वरदान
धरती दे दो सेठों
मजदूर बना दो बेटों को
अंबानी हैं और अडानी
बाकी दुनिया सब बेमानी
काले धन का वादा था
फिर सोचा तो ज्यादा था
माल्या सेठ रहें आबाद
जनता चाहे हो बर्बाद
श्री श्री है, रामदेव हैं
और न जाने कितने देव हैं
इनकी कृपा बनी रहे
गांठ प्रेम की बंधी रहे
बाकी तो सब पोल है
मत बात करो मतदाता की
जय बोलो भारत माता की
000
अभी मसखरा आया है
अब देखो रोज तमाशे तुम
तेरी गठरी में लागा चोर मुसाफिर
खाओ खील-बताशे तुुम
स्वदेशी की है हुंकार
अमरीका की जय-जयकार
संस्कृति और संस्कार की
रोज सजे है धूनी अब
काम धंधे सब चौपट हो गए
खेती हो गयी सूनी अब
पीछे से बस लात पड़ेगी
आगे से होगी पुचकार
आखिर में बस यही दुहाई
इतना मत मारो सरकार
अब विकास का जाप रहेगा
छुरी बगल में दाता की
जय बोलो भारत माता की
000
यह है लाठी, यह तलवार,
बर्छी, भाला और कटार
फिर अपनी ही तो है सरकार
अब बात करो समरसता की
जय बोलो भारत माता की
000
कौन कवि और कलावंत है
सब कांग्रेस और वामपंथ है
मुगलों का इतिहास पढ़ाते
राणाजी को हैं बिसराते
न ही शिवाजी, ना सावरकर
हिंदू गौरव धूल बराबर
राष्ट्रवाद कहां चलता है
फिर साइंस में भी घपला है
ज्ञान और विज्ञान तो सारा
वेदों से ही निकला है
बाकी जग सब कंगला है
पर श्रेय कहां सब मिलता है
वेद, उपनिषद तीनों लोक
रोज लगानी चाहिए धोक
कालेज और युनिवर्सिटियां
सभी ज्ञान के गड्ढे हैं
बस व्यभिचार के अड्डे हैं
सरस्वती की धारा खोजो
बात करो अब गीता की
जय बोलो भारत माता की
0 0 0
ना रोजी-रोटी की बात करेंगे
तुम क्या खाते हो यह देखेंगे
कहीं दाल न हो यह अरहर की
हम जांच करेंगे घर भर की
थाली और पतीली सारी
उलट-पुलट कर देखेंगे
कहीं खाया तुमने बीफ न हो
यह जांच-परख कर देखेंगे
जान की चाहते गर तुम खैर
मत लेना तुम हमसे बैर
खान-पान, आचार-विचार
संस्कार की हो भरमार
लडक़ा-लडक़ी चले ना साथ
घुल-मिलकर वे करें न बात
पार्क में, बाजारों में यही लगाए हैं हम घात
संस्कृति के कद्रदान हैं
अब बात करो गौमाता की
जय बोलो भारत माता की
000
बुद्धि के जरा मंद हैं
बहुत मगर हम हुनरमंद है
अफवाहों के हम उस्ताद
नानी सबको दिला दें याद
जब चाहे दंगे करवा दें
भाई से भाई लड़वा दें
धर्म नहीं तो जात पर
बात नहीं बेबात पर
नफरत की आंधी फैला दें
सोए हुए मसान जगाा दें
लव जिहाद का रचें वितंडा
न मुर्गी, न हो चाहे अंडा
धर्मांतरण का लेकर फंडा
जब चाहे हम चला दें डंडा
खौफ का ऐसा हो माहौल
जात धर्म का घातक घोल
हम सब बोलें ऐसे बोल
हम धर्मध्वजा के वाहक हैं
अब बात करो इस सत्ता की
जय बोलो भारत माता की
000
राजपथ पर योग हो
जोग में सारा भोग हो
हर पार्क में शाखा हो
हिंदू राष्ट्र का खाका हो
कदम-कदम पर धोखा हो
हर प्रयोग अनोखा हो
राष्ट्र प्रेम तू हमसे सीख
कपट छिपाकर भोला दीख
मुंह से राम अगर तुम बोलो
छुरी जहर की बगल में ले लो
जनता गर मांगेगी रोटी
तैयार रहे तेरी यह सोटी
सेठों पर तो रकम है मोटी
फिट कर ले तू अपनी गोटी
लूट राज की रक्षा में सन्नद्घ रहो
अब झोली भर दो दाता की
जय बोलो भारत माता की
000
यह भारत का झंडा है
यह राष्ट्रवाद का डंडा है
देशद्रोही यहां अनेक
देशभक्त हैं हम बस एक
यह केसरिया झंडा देख
इसके आगे कुछ न देख
अपना है बस फंडा एक
रचें वितंडा रोज अनेक
भरमाना है एक कला
हम हैं ऐसी बुरी बला
विरोधी तेरे मुंह में खाक
तुझे भेजते हैं हम पाक
ऐसा तेरा क र दें हाल
जीना तेरा करें मुहाल
सदियों बाद मिला है मौका
मर्जी यही विधाता की
जय बोलो भारत माता की
000
कर्ज में डूबे रहें किसान
आत्महत्या का ले वरदान
धरती दे दो सेठों
मजदूर बना दो बेटों को
अंबानी हैं और अडानी
बाकी दुनिया सब बेमानी
काले धन का वादा था
फिर सोचा तो ज्यादा था
माल्या सेठ रहें आबाद
जनता चाहे हो बर्बाद
श्री श्री है, रामदेव हैं
और न जाने कितने देव हैं
इनकी कृपा बनी रहे
गांठ प्रेम की बंधी रहे
बाकी तो सब पोल है
मत बात करो मतदाता की
जय बोलो भारत माता की
000
अभी मसखरा आया है
अब देखो रोज तमाशे तुम
तेरी गठरी में लागा चोर मुसाफिर
खाओ खील-बताशे तुुम
स्वदेशी की है हुंकार
अमरीका की जय-जयकार
संस्कृति और संस्कार की
रोज सजे है धूनी अब
काम धंधे सब चौपट हो गए
खेती हो गयी सूनी अब
पीछे से बस लात पड़ेगी
आगे से होगी पुचकार
आखिर में बस यही दुहाई
इतना मत मारो सरकार
अब विकास का जाप रहेगा
छुरी बगल में दाता की
जय बोलो भारत माता की
000