Wednesday, 8 February 2023

भोर तै कितै खोगी यो हुया घनघोर अंधेरा ।। 

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किसान भाईयो सुनियो 


भोर तै कितै खोगी यो हुया घनघोर अंधेरा ।। 

किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।।

1

बेरोजगारी बढ़ती जावै जुमलयां का औड़ ना

कमेरयो करियो एकता इसका और तौड़ ना

बिना एकता जी काढ़ै म्हारा पूंजीपति लुटेरा।।

किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।।

2

लूट म्हारी थारी देश मैं यो बढ़ाता जावै भाई

क्युकर खेल रचावै ना म्हारी समझ मैं आई

समाज का ताणा बाणा बखेर दिया सै भतेरा।।

किसान भाईयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।।

3

जोर जबरदस्ती रोजाना म्हारी गेल्याँ होवै सै

संस्कृति के नाम ऊपर सूआ कसूता चुभोवै सै

म्हारी कितै बूझ नहीं बढ़या भुखमरी का घेरा।।

किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।।

4

दिखावे दिखावे रैहगे असली बात रही कोण्या

के कसर रहेगी नाश मैं कति झूठ कही कोण्या

रणबीर पिस्ता जावै सै रोजाना देश मैं कमेरा।।

किसान भाईयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।।

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