Sunday, 29 May 2011
BHINT MAIN AALA
भींत मैं आला आँख मैं जाला दिल मैं काला दुःख देज्या
खेत रिहाला पोह का पाला कपटी रुखाला दुःख देज्या
औरत भली उम्र भर सुख दे या खोटी नारी दुःख देज्या
भले का सत्संग सिखर चढ़ादे नीच की यारी दुःख देज्या
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