Wednesday, 8 February 2023

सारी दुनिया मनावै आजादी तों क्योँ बैठ्या मूंह नै बाकै।।

 क्यों बैठ्या 

चांदकौर

सारी दुनिया मनावै आजादी तों क्योँ बैठ्या मूंह नै बाकै।।

सुखबीर

क्यों माथे की फूट रही देख  चारों तरफ नजर गडाकै।।

चांदकौर

आजादी पाछै म्हारे देश मैं कहवैं तरक्की हुई सै भारी

खेतों के म्हां फसल लहलावैं देखो हरित क्रांति आरी

बुलध गया ट्रैक्टर आग्या किसान नै जमकै बाजी मारी

टाटा बिड़ला के कारखाने देवैं ये सारे देश मैं किलकारी

कूंए का मिंडक बन्या बैठ्या देख देश तरक्की तूँ जाकै।।

सुखबीर

जो जो तनै ये बात बताई इन सबका तो मनै बेरा सै

म्हारे भारत मैं जमकै आज खूब कमाया कमेरा सै

मेहनत तैं खान खेत मैं देश मैं चाहया नया सबेरा सै

धन दौलत पैदा करकै भी क्यों ना दूर हुया अंधेरा सै

नफा टोटा यो सारा बतादे तों मनै सही सही समझा कै।।

चांदकौर

इतना तो मनै बेरा कोण्या पर उत्सव मनावै सरकार सै

रुक्के मारती हांडै सै के झूठ कही मनै भरतार सै

शिक्षा का पूरे देश मैं कहवै करया हमनै  प्रसार सै

तरां तरां की भजाई बीमारी इसका करै प्रचार सै

या किस्मत का खेल बतावै झांकी न्यारी न्यारी दिखा कै।।

सुखबीर

मेहनत मजदूर किसान की पूड़े टाटा बिड़ला पोगे क्यों

कपड़ा बुन्या लाखों गज फेर भी बालक भूखे सोगे क्यों

त्याग तपस्या और सच्चाई दीन जहान तैं खोगे क्यों

मुखबिर बने जो अंग्रेजों के वे शासक म्हारे होगे क्यों

सूत कसूत तैं नपै आजादी नापी रणबीर नै छंद बनाकै।।

No comments: