Wednesday, 8 February 2023

दीवाली

 दीवाली

कितै मनै दीवाली चौखी कितै लिकड़या दीखै दिवाला ।।

कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।।

1

बनवास काट वापिस आये जिब दीवाली मनाई जावै

अच्छाई पिटे चारों कान्ही आज बुराई बढ़ती आवै 

इसे माहौल मैं दीवाली कोये माणस कैसे आज मनावै

राम की नगरी मैं किसान यो लाम्बा आंदोलन चलावै 

म्हारी बदरंगी दुनिया का यो कोण्या पाया राम रुखाला ।।

कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।।

2

क्युकर खील पतासे मैं ल्याऊं, घर मैं मुस्से कुला करैं 

मेहनत करकै रोटी खावाँ सां , श्याम सबेरी दुआ करैं

फेर बी उनकी चांदी होरी सै दिन रात जो बुरा करैं 

हमनै या दुनिया रचाई , हमतें रामजी क्यों गिला करैं 

राम कै तौ मिटादे अँधेरा , नातै  होगा दुनिया मैं चाला ।।

कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।।

3

राम राज मैं बढै गरीबी या बात समझ मैं आई कोण्या

इसा के चाला हुया बता, ख्याल मैं म्हारी पढ़ाई कोण्या

थारे राज मैं हमनै रामजी मिलती आज दवाई कोण्या

क्यों थारे राज मैं सुरक्षित आज ये लोग लुगाई कोण्या

दुनिया का मालिक बणन का  करदे राम जी इब टाला ।।

कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।।

4

बता क्यूकर दीवाली मनावैं, रास्ता मनै  बता दे तूं 

समता होज्या दुनिया मैं इसा , रास्ता मनै दिखा दे तूं 

औरत नै इन्सान समझां म्हारा हरियाणा इसा बनादे तूं 

तेरे बस का ना यो करना तै  म्हारे जिम्मै लगादे तूं 

लोगां का भरोसा उठता जावै , कहै रणबीर बरोने आला ।।

कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।।

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