नया साल 2017
इक्कीसवीं सदी के दूसरे शतक का नया साल आवैगा ॥
पाछले साल की ढालां इस साल बी गरीब तंग पावैगा ॥
दुनिया मैं पूंजी के कोहरे नै गरीबों के अँधेरे बढ़ाये
फासीवादी दानव हिम्माती भारत मैं पूरी तरियां छाये
ढाई साल पहलम कई वायदे करकै नै राज मैं आये
फिसड्डी रैहगे लागू करने मैं अंध राष्ट्रवाद नै ल्याये
संघ नै उधम मचाये घणे आगै यो और भी मचा वैगा ॥
इक्कीसवीं सदी के दूसरे शतक का नया साल आवैगा ॥
साम्प्रदायिक और जातिगत विद्वेष को इणनै सै बढ़ाया
कितै गोमांश के नाम पै घणा कोहराम गया मचाया
इन सबके पाछै बी जिब अपनी नाकामी छिपा ना पाया
कालेधन पै हमला कैहके नोटबंदी का यो उधम मचाया
इसनै मचाई सै त्राहि त्राहि गरीब रोटी किततैं खावैगा॥
इक्कीसवीं सदी के दूसरे शतक का नया साल आवैगा ॥
बेरोजगारी और महंगाई का समाधान नहीं कर पाए
जिसनै विरोध करया थोड़ा वे सारे देश द्रोही बताये
स्कूल कालेज की शिक्षा मैं भगवाकरण के पंख फैलाये
काले धन की खूब बात करी ये काले धन आले बचाये
निचला बैठै कोन्या संघ दखे और नए गुल खिलावैगा ॥
इक्कीसवीं सदी के दूसरे शतक का नया साल आवैगा ॥
जिणनै देश की आजादी मैं गोरयां का पूरा साथ निभाया
उणनै राष्ट्रद्रोही बनाणे का यो देश मैं अभियान चलाया
कश्मीर का मसला भी इननै और घणा आज उलझाया
फर्जी मुठभेड़ों तैं देश म्हारा गया और घणा आज डराया
नए साल यो देखियो भाईयो जनता की भ्यां बुलवावैगा ॥
इक्कीसवीं सदी के दूसरे शतक का नया साल आवैगा ॥
इक्कीसवीं सदी के दूसरे शतक का नया साल आवैगा ॥
पाछले साल की ढालां इस साल बी गरीब तंग पावैगा ॥
दुनिया मैं पूंजी के कोहरे नै गरीबों के अँधेरे बढ़ाये
फासीवादी दानव हिम्माती भारत मैं पूरी तरियां छाये
ढाई साल पहलम कई वायदे करकै नै राज मैं आये
फिसड्डी रैहगे लागू करने मैं अंध राष्ट्रवाद नै ल्याये
संघ नै उधम मचाये घणे आगै यो और भी मचा वैगा ॥
इक्कीसवीं सदी के दूसरे शतक का नया साल आवैगा ॥
साम्प्रदायिक और जातिगत विद्वेष को इणनै सै बढ़ाया
कितै गोमांश के नाम पै घणा कोहराम गया मचाया
इन सबके पाछै बी जिब अपनी नाकामी छिपा ना पाया
कालेधन पै हमला कैहके नोटबंदी का यो उधम मचाया
इसनै मचाई सै त्राहि त्राहि गरीब रोटी किततैं खावैगा॥
इक्कीसवीं सदी के दूसरे शतक का नया साल आवैगा ॥
बेरोजगारी और महंगाई का समाधान नहीं कर पाए
जिसनै विरोध करया थोड़ा वे सारे देश द्रोही बताये
स्कूल कालेज की शिक्षा मैं भगवाकरण के पंख फैलाये
काले धन की खूब बात करी ये काले धन आले बचाये
निचला बैठै कोन्या संघ दखे और नए गुल खिलावैगा ॥
इक्कीसवीं सदी के दूसरे शतक का नया साल आवैगा ॥
जिणनै देश की आजादी मैं गोरयां का पूरा साथ निभाया
उणनै राष्ट्रद्रोही बनाणे का यो देश मैं अभियान चलाया
कश्मीर का मसला भी इननै और घणा आज उलझाया
फर्जी मुठभेड़ों तैं देश म्हारा गया और घणा आज डराया
नए साल यो देखियो भाईयो जनता की भ्यां बुलवावैगा ॥
इक्कीसवीं सदी के दूसरे शतक का नया साल आवैगा ॥