Saturday, 2 January 2021

27 रागनी

 26----

: कई साल पहले लिखी एक रचना**********

हरियाणा तरक्की करग्या रै

दुनिया रूक्के देरी हरयाणा घनी तरक्की करग्या रै ||

सब चीजां के ठाठ लग्गे कोठा नाज का भर ग्या रै|| 

1

जीरी गिन्हूं कपास अर इंख की खेती बढती जावै सै

देश के सुब्याँ मैं नंबर वन यो हरयाणा का आवै सै

सड़क पहोंचगी सारै गाम गाम बिजली लसकावै सै 

छैल गाभरू छोरा इसका लड़न फ़ौज के म्हें जावै सै

खेतां के म्हें नया खाद बीज ट्रेक्टर घराटा ठावै सै 

फरीदाबाद सोनेपत हिसार पिंजौर मील सिटी लावै सै 

सारे भारत मैं भाइयो इंका सूरज शिखर मैं चढ़ग्या रै ||

सब चीजां के ठाठ लग्गे कोठा नाज का भर ग्या रै|| 

2

ये बात तो भाई हर रोज बता बता दिल डाटे जाँ रै 

जो भी हुआ फायदा बेईमान आपस मैं बांटें जाँ रै 

भका भका जातां के चौधरी नाड़ म्हारी काँटें जाँ रै 

अपनी काली करतूतां नै जात के तल्ले ढान्पें जाँ रै 

बोलै जो उनके खिलाफ वे झूठे केसां मैं फांसे जाँ रै 

कुछ परवाने भाइयो फिर भी इनके करतब नापें जाँ रै 

बिन धरती अर दो किल्ले आला ज्यां तैं मरग्या रै ||

सब चीजां के ठाठ लग्गे कोठा नाज का भर ग्या रै|| 

3

खम्बे मीटर गाम गाम मैं बिजली के इब तार गए 

ओवर सीयर एस सी सब कर बंगले अपने त्यार गए 

चार पहर भी ना बिजली आवै बाट देख देख हार गए 

बिना जलाएं बिजली के बिल कर कसूती मार गए 

ट्यूबवेल कोन्या चालै ट्रानस्फोर्मार के जल तार गए 

पैसे आल्यां के ट्यूबवेल थ्रेशर चल धुआं धार गए 

गरीबां की गालाँ मै दूना कीचड देखो आज भरग्या रै ||

सब चीजां के ठाठ लग्गे कोठा नाज का भर ग्या रै|| 

4

गाम गाम मैं सड़क बनाई फायदा कौन उठावैं सें

बस आवै जावै कदे कदे लोग बाट मैं मुंह बावैं सें

पैसे आल्यां के छोरट ले मोटर साईकिल धूल उड़ावें सें

टरैक्टर ट्राली सवारी ढोवें मुंह मांगे किराये ठहरावै सें 

सड़क टूटरी जागां जागां साईकिल मैं पंकचर हो ज्यावें सें 

रोड़ी फ़ोडै पां गरीबां के जो मजबूरी मैं पैदल जावैं सें 

बस नै रोकें कोन्या रोकें तो भाडा गोज नै कसग्या रै ||

सब चीजां के ठाठ लग्गे कोठा नाज का भर ग्या रै|| 

5

बिन खेती आल्यां का गाम मैं मुश्किल रहना होग्या

मजदूरी उप्पर चुपचाप दबंगा का जुल्म सहना होग्या 

चार छः महीने खाली बैठ पेट की गेल्याँ फहना होग्या 

चीजां के रेट तो बढ़गे प़र पुराने प़र बहना होग्या 

फालतू मतना मांगो नफे दबंग का नयों कहना होग्या 

गाम छोड़ शहर पडे आना घर एक तरियां ढहना होग्या 

भरे नाज के कोठे फेर भी पेट कमर कै मिलग्या रै ||

सब चीजां के ठाठ लग्गे कोठा नाज का भर ग्या रै|| 

6

खेती करणिया मैं भी लोगो जात कारगर वार करै

एक जागां बिठावै गरीब अमीर नै ना कोए विचार करै

किसान चार ठोड बँट लिया कैसे नैया इब पार तिरै 

ट्रैक्टर आले बिना ट्रैक्टर आल्यां की या लार फिरै

इनकी हालत किसी होगी बिलखता यो परिवार फिरै 

बिना धरती आल्यां का आज नहीं कोए भी एतबार करै 

जात मैं जमात पैदा होगी बेईमान नै खतरा बधग्या रै ||

सब चीजां के ठाठ लग्गे कोठा नाज का भर ग्या रै|| 

7

घन्याँ की धरती लाल स्याही मैं बैंक के महां चढ्गी थी

दो लाख मैं बेचे किल्ला चेहरे की लाली सारी झडगी थी 

चूस चूस कै खून गरीब का अमीर के मुंह लाली बढगी थी 

कर्जे माफ़ होगे एकब़र तो फेर कीमत धरती की बधगी थी 

आगे कैसे काम चलैगा रै एक ब़रतो इसतैं सधगी थी 

आगली पीढ़ी के करैगी म्हारी तै क्यूकरै ए धिकगी थी

हँसना गाना भूल गए जिन्दा रहवन का सांसा पड़ग्या रै|| 

सब चीजां के ठाठ लग्गे कोठा नाज का भर ग्या रै|| 

8

शहरों का के जिकरा करूँ मानस आप्पा भूल रहया यो 

आप्पा धापी माच रही आज पैसे के संग झूल रहया यो 

याद बस आज रिश्वत खोरी जमा नशे मैं टूहल रहया यो 

इन्सान तै हैवान बनग्या मिलावट में हो मशगूल रहया यो 

चोरी जारी ठगी बदमाशी के सीख रणबीर उसूल रहया यो

इसी तरक्की कै लगे गोली पसीना बह फिजूल रहया यो 

फेरभी रुके मारे तरक्की के कलम लिखना बंद करग्या रै। 

सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 

प्रस्तुतकर्ता ranbir dahiya

25-------

15 अगस्त के मौके पर जनता को आह्वान अपनी लड़ाई लड़ने का 


बिना लड़ाई सुणले भाई पार हमारी जाणी ना ।।

हमनै भाई मारै महंगाई काटया मांगै पाणी ना ।।

1

या महंगाई बेकरी तो घणी ए कसूती मार करै

लुटेरे की जात मुनाफा समझ बूझ तैं वार करै

राम नाम की माला लेकै बेड़ा अपना पार करै

राजनीति तैं हमनै लूटै दूर रहो यो प्रचार करै

महंगाई अडानी की जाई या नब्ज पिछाणी ना।।

बिना लड़ाई सुणले भाई पार हमारी जाणी ना ।।

2

आज महारी थारी तन्खा दो तीन गुणी घटज्या

हमनै खाटा शीत मिलै वो नूनी घी पूरा चटज्या

दबकै बाहणा कोण्या खाणा जिंदगी पूरी कटज्या

मंडी में फसल की कीमत क्यों म्हारी घटज्या

नए लुटेरे पैदा होगे ये पुराणे राजा राणी ना ।।

बिना लड़ाई सुणले भाई पार हमारी जाणी ना ।।

3

जाट बाह्मण का खटका फुट गेरज्यां सैं म्हारे मैं

पंजाबी लोकल का झटका हम सुणते गलियारे मैं

चलै इलाके का फटका म्हारे हरियाणे के बारे मैं 

यो प्रमोशन का लटका कहै कोण्या रलता थारे मैं

गुटबंदी कहते होसै गंदी रोकै कुनबा घाणी ना।।

बिना लड़ाई सुणले भाई पार हमारी जाणी ना ।।

4

चौधर कितै माल बिकाऊ घर कसूते घालै भाई

हिरण की डार भली हो रल मिलकै चालै भाई

माणस जूनी लेकै नै भी क्यों एकला हालै भाई

बैरी एकता तोड़ण ताहिं बीज फूट का डालै भाई

ये कमजोरी हमनै खोरी या समझण मैं हाणी ना।।

बिना लड़ाई सुणले भाई पार हमारी जाणी ना ।।

24---------

: पी वी सिंधु का मैडल पक्का 

मार दिया इसनै आज छक्का 

ओकिहारा को दिया धक्का 

थोड़ा सा दिल नै थाम लियो ।।

बैंडमिंटन मैं रियो मैं खेल दिखाया देखो 

फाइनल मैं पहोंच कै मान बढ़ाया देखो 

मीडिया न्यों अंदाज लगावै

मैडल पक्का जरूर बतावै

यो देश थारी तरफ लखावै

सिंधु लगा जोर तमाम दियो ।।

जापान की लड़की हरा अपने पैर जमाये 

स्पेनी लड़की गेल्याँ पेचे फाइनल मैं बताये 

राष्ट्रपति म्हारे नै दी सै बधाई 

प्रधानमन्त्री नै करी सै बड़ाई

परिवार नै खूब खुशी मनाई

काल थकन का मत नाम लियो ।।

रात नै सोईये सिंधु थकान बी तार लिए 

काल कौनसे गुर लाने कर विचार लिए 

पूरे दम खम तैं खेलिए सिंधु

वार स्पेन की के झेलिये सिंधु

नम्बर तो फालतू लेलिए सिंधु 

जितना हार का ना नाम लियो ।।

गोल्ड मैडल पै तूँ ध्यान राखिये पूरा हे 

एक गोल्ड देश ले ख्याल राखिये पूरा हे 

म्हारे देश की छोरी छारी सैं 

रणबीर खूब जोर लगारी सैं

बेशक पेट मैं चलैं कटारी सैं

बुलंद कर देश का नाम दियो ।।

23---------

फौजी मेहर सिंह कई साल तक छुट्टी नहीं आ पाया || प्रेम कौर को याद आती है उसकी || क्या सोचती है उस मौके पर भला----- 

तर्ज---------सखी री आज रूत साम्मण की आई----


रिमझिम रिमझिम बादल बरसै, खडी प्रेमकौर पिया बिन तरसै

जल बिन मीन तिसाई ||

ज्यूं चकवी चकवे बिन तरसै, न्यों सूना तेरे बिन मेरा घरसै

ना जाती ये बात लिखाई ||

जिस दिन तै फौज मैं तूं गया , उस दिन तै मेरै चैन नहीं हुया 

तेजी बहौतै ए याद आई ||

तनै चिठी लिखदी धीरज धारो, कहना सै आसान दिल मत हारो

होती नहीं और समाई ||

मुशिकल तै दिन बीत रहे सैं, हम दिन रात गा तेरे गीत र्हे सैं

तेरी बात ना जाती भुलाई ||

रण्रबीर वोह माणस कहलाता, मानवता से जो दूरी नहीं बनाता

करी साच्ची कविताई ||

- September 16, 2008

22---------

मनुवाद 

अनादि ब्रह्म नै धरती पै यो संसार रचाया कहते।।

मुंह बांह जांघ चरणों तैं सै सबको बसाया कहते।।

1

मुंह तैं बाह्मण पैदा करे चर्चा सारे हिंदुस्तान मैं

बाँहों से क्षत्रीय जन्मे जो डटते आये जंगे मैदान मैं

जांघ से वैश्य पैदा करे लिख्या म्हारे ग्रन्थ महान मैं 

चरणों से शुद्र जन्म दिये आता वर्णों के गुणगान मैं 

चार वर्णों का किस्सा यो जातों का जाल फैलाया कहते।।

मुंह बांह जांघ चरणों तैं सै सबको बसाया कहते।।

2

भगवान नै शुद्र के ज़िम्मे यो एक काम लगाया 

बाक़ी तीनों वर्णों की सेवा शुद्र का फर्ज बताया

शुद्र जै इणनैं गाली देदे जीभ काटो विधान सुनाया

नीच जात का बता करकै उसतैं सही स्थान दिखाया

मनुस्मृति ग्रन्थ मैं पूरा हिसाब गया लिखाया कहते।।

मुंह बांह जांघ चरणों तैं सै सबको बसाया कहते।।

3

शुद्र जै किसे कारण तै इणनैं नाम तैं बुला लेवै

दस ऊँगली लोहे की मुंह मैं कील ठुका देवै

भूल कै उपदेश देदे तै उसके कान मैं तेल डला देवै 

लाठी ठाकै हमला करै तो शुद्र के वो हाथ कटा देवै 

मनु स्मृति नै शुद्र खातर नर्क कसूत रचाया कहते।।

मुंह बांह जांघ चरणों तैं सै सबको बसाया कहते।।

4

बाबा अम्बेडकर जी नै मनुस्मृति देश मैं जलाई थी

उंच नीच की या कुप्रथा मानवता विरोधी बताई थी

कमजोर तबके कट्ठे होल्यो देश मैं अलख जगाई थी

आरएसएस मनुवाद चाहवै असली शक्ल दिखाई थी

रणबीर महात्मा बुद्ध भी इसपै सवाल ठाया कहते।।

मुंह बांह जांघ चरणों तैं सै सबको बसाया कहते।।

21-----------

 धन्ना सेठों और हिंदुत्व की दुग्गी देश मैं छाई रै।।

आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।।

1

बहु विविधता भाईचारे पै खतरा खूब बढ़ाया

संसद भारत देश की इसका मखौल उड़ाया

तर्क सत्य विवेक म्हारा भीड़ नै पढण बिठाया

गौरक्षा के नाम ऊपर उधम घणा सै मचाया

देश मैं अन्धविश्वसां की बाढ़ कसूती आई रै।।

आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।।

2

बेरोजगारी पै चुप्पी साधी नहीं चिंता किसानी की 

जात धर्म पै बाँटे घृणा बढ़ाई बेउँमानी की

इलाज म्हारे की चिंता ना घणी चिंता अडाणी की

शिक्षा का भट्ठा बिठाया चांदी होरी आज अज्ञानी की

असली मुद्दे घुमा दिए रूलती हांडे भरपाई रै।।

आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।।

3

फासीवाद का हमला आग्या यो मनै तनै सालैगा

ज्यूकर पूंजीपति कहैगा हुक्म उसका पालैगा

जात धर्म पै लड़वाकै नै म्हारे पै जाल घालैगा

संविधान पाड़ बगाया जा हुक्म राजा का चालैगा

या काट फासीवाद की जनता का मोर्चा बताई रै।।

आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।।

4

छोड़ बाँट जात पात पै एक मंच पै आणा होगा

नबै दस की लड़ाई का नारा मिलकै लाणा होगा 

पूंजीपति देशी बदेशी को सबक सिखाना होगा

सबनै इंक़लाब जिंदाबाद मिलकै गाणा होगा

कहै रणबीर समझो म्हारी असल लड़ाई रै।।

आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।।

****

20-------

 *किसान कहवै  खोल बतादे यो थारा के ठा राख्या रै।।*

*खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।।*

1

किसान मरया खेत में तो कैसे देश महान बचैगा

किसान बरबाद हुया तो जरूरी यो घमशान मचैगा

*दर दर का भिखारी क्यों यो अन्नदाता बणा राख्या रै।।*

*खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।।*

2

काले धन के नाम पर म्हारा धौला काबू कर लिया

पुराने जमा कराकै तनै बैंकां का भोभा भर दिया

*म्हारी खेती चौपट होगी काढ़न पै रोक लगा राख्या रै।।*

*खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।।*

3

ब्याह शादी की मुश्किल होरी दाल सब्जी का टोटा होग्या

थारा नोटबंदी का फैसला यो जी का फांसा मोटा होग्या

*देश भक्ति का नाम लेकै यो देश जमा भका राख्या रै।।*

*खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।।*

4

इसे ढाल बात करै सै बण गरीबों का हिमाती रै

इब बेरा लाग्या हमनै घणा कसूता सै उत्पाती रै

*रणबीर सिंह इब क्यों बढ़ा कैशलेश का भा राख्या रै।।*

*खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।।*

19----------

 तीन बिल ल्याकै नै किसान धरती कै मारया रै।।

कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचाया भारया रै।।

1

बुलध तो पड़या बेचना ट्रैक्टर की मार पड़ी या 

मैं एकला कोण्या रै मेरे जिसां की लार खड़ी या

एमएसपी का जिकरा ना जी हुया घणा खारया रै।।

कारपोरेट सिर पै बिठाए कुछ ना चालै चारा रै।।

2

लागत खेती की बढ़गी यो म्हारा खर्चा खूब होवै

तीन बिल और पास करे जिनका चर्चा खूब हुया

म्हारी गेल्याँ कोये चर्चा ना देख्या ईसा नजारा रै।।

कारपोरेट सिर पै बिठाए कुछ ना चालै चारा रै।।

3

भैंस बाँध ली दूध बेचूं यो दिन रात एक करां

तीन हजार भैंस बीमारी के डॉक्टर कै गए घरां 

सिर पै कर्जा तीस हजार टूट्या पड़या यो ढारा रै।।

कारपोरेट सिर पै बिठाए कुछ ना चालै चारा रै।।

4

बालक म्हारे धक्के खावैं इण ताहिं रोजगार नहीं 

छोरी सै बिन ब्याही बिन दहेज़ कोए तैयार नहीं 

छोरे हांडैं गालां मैं घरक्यां का चढ़ज्या पारा रै।।

कारपोरेट सिर पै बिठाए कुछ ना चालै चारा रै।।

5

घरआली करै सिलाई दिन रात करै वा काले 

या खुभात फालतू बचत नहीं हुए कसूते चाले

किसान यूनियनां नै लाया इंकलाब का नारा रै।।

कारपोरेट सिर पै बिठाए कुछ ना चालै चारा रै।।

6

किसान मजदूर छोटे व्यापारी नजर धरी बुरी सै

तीन बिलां के खिलाफ सांझा संघर्ष सही धुरी सै

रणबीर बरोनिया दिल तैं यो गीत बनाया थारा रै।। 

कारपोरेट सिर पै बिठाए कुछ ना चालै चारा रै।।


18-------------

भगत सिंह तेईस साल का यो नौजवान हुया क्रांतिकारी।।

इंकलाब जिंदाबाद नारा लाया कांपी गोरी सरकार सारी।।

1

नौजवान सभा बनाकै सारे क्रन्तिकारी एक मंच पै आये 

गोरयां की गुलामी खिलाफ पूरे देश मैं अलख जगाये 

आजाद राजगुरु सुखदेव पड़े थे गोरयां ऊपर भारी।।

इंकलाब जिंदाबाद नारा लाया कांपी गोरी सरकार सारी।।

2

गोरयां नै आतंकवादी ये सारे क्रांतिकारी बताये दखे 

म्हारी आजाद सरकारां नै नहीं ये इल्जाम हटाये दखे 

देखी म्हारी सरकारां की आज पूरे हिंदुस्तान नै गद्दारी।।

इंकलाब जिंदाबाद नारा लाया कांपी गोरी सरकार सारी।।

3

फांसी का हुक्म सुनाया सारे देश नै विरोध करया था 

यो विरोध देख कसूता अंग्रेज बहोत घणा डरया था 

एक दिन पहलम ए फांसी तोड़े जनता नै भरी हूंकारी ।।

इंकलाब जिंदाबाद नारा लाया कांपी गोरी सरकार सारी।।

4

इंसानी समाज का सपना भगत सिंह हर नै लिया यो

गोरे गए ये देशी आगे सपन्यां पै ध्यान नहीं दिया यो 

कहै रणबीर बरोने आला म्हारै थारी याद घणी आरी ।।

इंकलाब जिंदाबाद नारा लाया कांपी गोरी सरकार सारी।।

17-------

 धोल कपड़िये

मित्र बण कै वार करैं आज के धोल कपड़िये रै।

बेटा इन आली राही तूं मतना कदे पकड़िये रै।

1

 बिना हेरा फेरी चोरी जारी ये जमा नहीं जी पावैं रै

 मिलावट कर सब क्याहें मैं मुनाफा खूब कमावैं रै

 बिना बात की बातां पै ये बणज्यां सैं अकड़िये रै।

बेटा इन आली राही तूं मतना कदे पकड़िये रै।

2

बिन मेहनत कमा मुनाफा पीस्से नै पीस्सा खींचै रै

काले धन पर ऐष करैं सच्चाई तैं आंख मींचै रै

अरदास म्हारी सै इनके धोरे कै ना लिकड़िये रै।

बेटा इन आली राही तूं मतना कदे पकड़िये रै।

3

 काला धन कई तरियां के घर मैं ऐब ल्यावै फेर

 दारू की लत पड़ज्या पराई बीर पै लखावै फेर

 यो काला धन माणस नै घणा कसूता जकड़िये रै।

बेटा इन आली राही तूं मतना कदे पकड़िये रै।

4

काली नैतिकता आज या धोली पै छाती आवै सै

सच्चाई कै गोला लाठी देकै रोजाना धमकावै सै

रणबीर काले की दाब मैं जमा नहीं सिकुड़िये रै।

बेटा इन आली राही तूं मतना कदे पकड़िये रै।

16-----------

 लिए कर्ज के मैं डूब, हमनै तिरकै देख्या खूब,

ना भाजी म्हारी भूख,लुटेरयां नै जाल बिछाया,हे मेरी भाण

1. 

ज्यों-ज्यों इलाज करया मर्ज बढ़ग्या म्हारा बेबे

पुराने कर्जे पाटे कोण्या नयां का लाग्या लारा बेबे

झूठे सब्जबाग दिखाये, अमीरां के दाग छिपाये

गरीबां के भाग लिवाये,कर सूना ताल दिखाया,हे मेरी भाण

2. 

विश्व बैंक चिंघाड़ रहया घरेलू निवेश कम होग्या

म्हंगाई ना घटती सखी, गरीबी क्यों बढ़ती सखी

जनता भूखी मरती सखी,नाज का भण्डार बताया हे मेरी भाण

3. 

जल जंगल और जमीन खोस लिए म्हारे क्यों

सिरकै उपर छात नहीं दिए झूठे लारे क्यों

आदिवासी तै मार दिया, किसानां उपर वार किया

कारीगर धर धार दिया,बेरोजगारी नै फंख फैलाया,हे मेरी भाण

4. 

इलाज करणिया डाक्टर बी खुद हुया बीमार फिरै

सुआ लवाल्यो सुवा लवाल्यो करता या प्रचार फिरै

होगी महंगी आज दवाई, लुटगी सारी आज कमाई

रणबीर सिंह बात बताई,खोल कै भेद बताया, हे मेरी भाण

15-----

 बहु की सासु से संवाद

आई आज तुम्हारे पास , थारे तैं बहोत घणी आस

मनै मुक्ति दिलादे जरूर सासु री।।

1

बिगड़ी मैं सगा भाई बी आंख बदलज्या,डरता कोये बला गल मैं ना घलज्या

देवर की नजर ठीक नहीं , लगती सही उंकी नीत नहीं 

चोरी जारी ना हमको मंजूर सासु री।।

2

लेल्यो इम्तिहान रण से ना भाजूं, मरज्यां पर कदे प्रण ना त्यागूं

मांगूं इज्जत मेरी बचाले, छोटे बेटे नै तूं ईब समझाले

ना तो वो कर बैठैगा कसूर सासु री।।

3

आपस की तकरार जा ना ल्हकोई,अवैध रिश्ता बना चाही इज्जत खोई

कोई रास्ता नहीं दे दिखाई , इज्जत माट्टी मिलानी चाही

होरया था शराब नशे मैं चूर सासु री।।

4

थोड़ी कही नै थाम ज्यादा समझियो,मतना उसकी बातां मैं उलझियो

करियो  बात राह पै आ ज्यावै, नहीं तो कदे पाछै पछतावै

रणबीर तोड़ूं उसका गरूर सासु री।।

14-------

 भर्ती*

*पीस्याँ का जुगाड़ बनाया या धरती गहणै धरकै नै।।*

*नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।।*

1

दोनों जणे आगै पाछै चाले ज्यूँ घोड़ी कै पाछै बछेरा

कितना दुखी पाग्या मेरी खातर भाईयो बाप यू मेरा

कहया सिपाही बणकै बाबू मैं दुःख दूर करूंगा तेरा

दस के बनाऊँ बीस लाख जै कदे बस चालैगा मेरा

*सपने मैं चढ़ घोड़ी पै चल्या धर्मबीर सिपाही बणकै नै।।*

नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।।

2

बाबू के दिल मैं धड़का था कदे बिचौलिया पीसे खाज्या

धरती खोयी पीसे भी जाँ कदे ज्यान मरण मैं ना आज्या

कदे झूठ बहका कै बिचौलिया म्हारै थूक कसूता लाज्या

सोचै बिस्वास करना होगा न्यूएँ क्यूकर नौकरी थ्याज्या

*बाबू घबराया नहीं देख्या था इसे रासे के मैं पड़कै नै।।*

नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।।

3

टूटे से ऑटो मैं बैठकै नै दोनूं शहर बीच आगे कहते

एस पी दफ्तर मैं भीड़ देखी भोत घणे चकरागे कहते

माणस ऊपर माणस चढ़रया वे एकबै घबरागे कहते 

बोली चढ़गी पंदरा पै कई बिचौलिए बतलागे कहते

*सी एम की सिफारिस  आले वे चालें घणे अकड़कै नै।।*

नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।।

4

साठ सीट बतावैं थे सिफारिशों का भाईयो औड़ नहीं था

कई सीएम के कुछ पीएम के टेलीफोनों का तोड़ नहीं था 

गाभरू छोरे छह फिट के उड़ै उनका कोय जोड़ नहीं था

पढ़ाई लियाकत अर गातकै कोय उड़ै बांधै मोड़ नहीं था

*लाइन मैं धर्मबीर लाग्या लत्ते काढण एक एक करकै नै।।*

नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।।

5

जिले जिले मैं पुलिस की भर्ती रूका रोला माच गया

असनाई रिश्तेदारी टोहवैं मामला दिखा साच गया

कई सिफारशी हुए भर्ती बाकि पै यो पीसा नाच गया

बिचौलियाँ के पौ बारा हरेक कर तीन दो पांच गया

*बिचौलिया नै नोट गिनाये चाय का कप सुपड़ कै नै।।*

नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।।

6

भर्ती होवण की खातर उड़ै हजारां छोरे आरे देखे

सुथरा छैल गात रै उनका चेहरे कति मुरझारे देखे

रिश्वत खोरी खुली होरी छोरयां कै पसीने आरे देखे

गेल्याँ हिम्मती भी ये रणबीर पाँ कै पाँ भिड़ारे देखे

*लिस्ट मैं आग्या बिचौलिया लेग्या बाकि के गिण कै नै।।*

नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।।

13--------

: सबका देश हमारा देश 

सबका हरयाणा हमारा हरयाणा 

मशीन नै तरीके बदले खेत क्यार की कमाई के ।।

गाड्डी की जागां या बाइक बदलाव दीखैं पढ़ाई के ।।

1

बाइक उप्पर चढ़कै नै छोरा खेत मैं जावै देखो

ज्वार काट खेत म्हां तैं भरौटा बणा छोड्यावै देखो

भरौटा ल्यावां ट्रेक्टर मैं दिन गए सिर पै ढवाई के।।

गाड्डी की जागां या बाइक बदलाव दीखैं पढ़ाई के ।।

2

जिसकै ट्रेक्टर कोण्या उड़ै आज झोटा बुग्गी आगी रै

घरके काम गैल छोटा बुग्गी या औरत नै खागी रै

घणखरे काम औरत जिम्मै मर्द के काम ताश खिलाई के।।

गाड्डी की जागां या बाइक बदलाव दीखैं पढ़ाई के ।।

3

प्रवासी मजदूर पै कई का टिक्या खेत क्यार का काम 

म्हणत तैं घिन्न होगी चाहवै चौबीस घण्टे आराम 

दारू बीमारी घर घर मैं आगी करे हालात तबाही के ।।

गाड्डी की जागां या बाइक बदलाव दीखैं पढ़ाई के ।।

4

सबका हरियाणा अपना ल्याकै भाईचारा बणावांगे 

मानवता का झंडा हरेक गाम शहर पहोंचावांगे 

कहै रणबीर बरोने आला छंद लिखै ना अंघाई के ।।

गाड्डी की जागां या बाइक बदलाव दीखैं पढ़ाई के ।।


 

12 ----------

खेती नै बचावैगी, रोटी बी दिलावैगी, देश नै बचावैगी 

इसी लहर उठगी सै भाइयो।।

अडानी अम्बानी टोल बनारे,सरकार की रेल बनारे 

बिगाड़ी म्हारी चाल,तारली जमकै खाल,सरकार सै दलाल

इसकी काट बिछगी सै भाइयो।।

ये मंदिर नै हटकै लियाये, जिब ये रोटी दे नहीं पाये

जात पै हम बांटे, धर्म पै खूब काटे, मन करे सैं खाटे

लड़ाई पूरी कसगी सै भाइयो।।

कारपोरेट की दया पै छोड़ दिये, म्हारे तैं नाते तोड़ लिए

पीट दिया किसान क्यों, काढ़ी म्हारी ज्यान क्यों,ना कोए ध्यान क्यों

कसक म्हारी बढ़गी सै भाइयो।।

किसान संघर्ष जितैगा रै , अडानी अम्बानी नै पिटैगा रै

रणबीर की सुण ले, एके की राही चुन ले, कर पक्की धुन ले

सरकार हमतें डरगी सै भाइयो।।

11-------

 सुण नेता जी सम्राट तनै, कर दिया बारा बाट तनै

मूंधी मार दी खाट तनै, लिया कालजा चाट तनै

बनाई राज की हाट तनै, जनता दर दर ठोकर खावै।।

शेर बकरी का मेल नहीं, या राजनीति कोई खेल नहीं

तूं नीति घटिया चाल रहया, म्हारी इज्जत उछाल रहया

म्हारे बैरी नै तूं पाल रहया, क्यों लुटवा म्हारा माल रहया

ईबी ना कर तूं टाल रहया, जनता सारी खोल दिखावै।।

लोक राज नारा कड़ै गया, लोक लाज म्हारा कड़ै गया

क्यों करवाया मखौल बता, क्यों तेरा पाट्या झोल बता

क्यों खुलवाई पोल बता,क्यों रहया सै जनता नै सत्ता, 

ईब पाट लिया सबनै पता हर कोए यो सवाल उठावै।

खेती का बना घास दिया, किसानों का कर नाश दिया

किसानों कै मारी चोट, जनता का बता के सै खोट

क्यों बिल ल्याया मारी चोट, क्यों दिए म्हारे तनै गल घोट 

क्यों खोज रहया म्हारे रोट, ना म्हारी समझ मैं आवै।।

कुछ ना साथ मैं जाणा सै, आड़ै ए हिसाब चुकाणा सै,

जो हां भरकै नै नाटैगा, ना उसके कदे पूरा पाटैगा

तेरे वाद्यां नै कूण चाटैगा, रणबीर दिल मेरे नै डाटैगा

बणा रागनी गम नै बांटैगा, तनै साची साच बतावै।।

10---------

*एक बार आजाद हिन्द फ़ौज में धर्मों को लेकर फौजियों में चर्चा होने लगी | बात सुभाष चन्दर बोस तक पहुंचती है*

*तो सुभाष बोस फौजियों से एक बात द्वारा धर्म के बारे में क्या पूछते हैं भला ---*

*धरम के सै माणस का मनै कोण बतादयो नै।*

*माणस मारो लिख्या कड़ै मनै कोण दिखाद्यो नै।।*

*माणस तै मत प्यार करो कौणसा धरम सिखावै*

*सरेआम अत्याचार  करो कौणसा धरम सिखावै*

*तम दारू का ब्यौपार करो कौणसा धरम सिखावै*

*रोजाना नर संहार करो कौणसा धरम सिखावै*

*धरम क्यों खून के प्यासे मनै कोण समझाद्यो नै।।*

*ईसा राम और अल्लाह जिब एक बताये सारे रै*

*इनके चाहवण आले बन्दे क्यूं खार कसूती खारे रै*

*क्यों एक दूजे नै मारण नै एके जी हाथां ठारे रै*

*अमीर देस हथियार बेच कै खूबै मौज उड़ारे रै*

*बैर करो मारो काटो लिखै वो ग्रंथ भुलाद्यो नै।।*

*मानवता का तत कहैं सब धरमां की जड़ मैं सै*

*प्रेम कुदरत का सारा सब धरमां की लड़ मैं सै*

*कदे कदीमी प्रेम का रिस्ता माणस की धड़ मैं सै*

*कट्टरवाद नै घेर लिया यो धरम जकड़ मैं सै*

*लोगां तै अरदास मेरी क्यूकरै इनै छटवाद्यो नै।।*

*यो जहर तत्ववाद का सब धरमां मैं फैला दिया*

*कट्टरवाद घोल प्याली मैं सब तांहि पिला दिया*

*स्कीम बणा दंगे करे इन्सान खड़या जला दिया*

*बड़ मानवता का आज सब धर्मां नै हिला दिया*

*रणबीर रोवै खड़या इनै चुप करवाद्यो नै।।*

9

 मोदी का यो असली चेहरा , चौड़े कै मह दिखाई देरया, 

आज तोड़ खुलासा होग्या रै।

1

नबै की मर आगी या दस की  चांदी कर राखी देखो

म्हारी खाली करकै गोज अम्बानी की भर राखी देखो 

किसानी संघर्ष बढ़ता जावै

थारी सरकार दबाया चाहवै

घणा मोटा रास्सा होग्या रै।

2

डेरे गेर दिए किसानी नै देखो दिल्ली के मैं

रास्ते घेर लिए किसानी नै देखो

दिल्ली के मैं

घणे सब्ज बाग दिखाए भाई

लगाकै जोर हम भकाये भाई, घणा तमाशा होग्या रै।

3

अम्बानी तै प्यार मुलाहजा थारा जनता और नहीं झेलैगी

संघर्ष करैगी मिलजुल कै

थारे बिलों नै जरूर पेलैगी

हमतो खेत खलिहान बनावां

महल अटारी आलीशान बनावां

म्हारा जोरका पासा होग्या रै।

4

किसानी संघर्ष आगै बढ़ैगी

इतना जान ल्यो रै

तीन बिल वापसी की मांग 

तावले से मान ल्यो रै

रणबीर सिंह नै बात बनाई

गाम गाम मैं अलख जगाई

बेरा सबनै खासा होग्या रै।

8--------

: किसानी खातर भारत बंद काल कसूता होवैगा।।

काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।।


कारपोरेट के खिलाफ छेड़ दई जंग पूरी देखो

सरकार इसकी तलहडू सै करै जी हजूरी देखो

आर पार की लड़ाई होगी मोदी नई झूठ टोहवैगा।।

काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।।

2

जात धर्म इलाके पर लड़वा कै तेज कररे लूट म्हारी

किसानों और मजदूरों कै दे दी आछे ढाल बुहारी

तीन बिल किसान विरोधी मोदी देश नै डबोवैगा।।

काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।।

3

निजीकरण करकै सारे महकमे  बेच रहया सै

अडानी अम्बानी के निशाने पै टेक रहया सै

संविधान की परवाह कोण्या सम्मान देश का खोवैगा।।

काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।।

4

समझ बूझ तै सँघर्ष को आगै लेज्यावैंगे भाई

या नब्बे दस की लड़ाई जीत कै दिखावैंगे भाई 

रणबीर सिंह बरोने आला नए नए छंद पिरोवैगा।।

काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।।

7----

चौदह दिन होगे किसानों नै दिल्ली मैं डेरे डाल रहे।

तीन बिल जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे।

1

पूरी और लाम्बी तैयारी करकै आज किसान आये सैं

अनुशासन घणे गजब का समझदार घणे पाये सैं

किसानी और जनता एकता बणा गजब की ढाल रहे।

तीन बिल जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे।

2

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई

इसकी ताकत के आगै भाजपा सरकार घबराई

या एकता घणे गजब की इसके ऊपर चाल रहे।

तीन बिल जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे।

3

अडानी अम्बानी की खातिर किसानों की कड़ तोड़ दई

सब किमैं बायपास करकै क्यों तीन बिल जोड़ दई

कारपोरेट खेती की खातिर

कर जनता को बेहाल रहे।

तीन बिल जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे।

4

संघर्ष की रही पकड़ी आर पार की लड़ाई होवैगी

फुट गेरो संघर्ष पीटो भाजपा सब किमैं झोवैगी

रणबीर सिंह की कलम तै उठ सही सवाल रहे। 

तीन बिल जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे।

6--------


 इस गोदी मीडिया नै किसानों के खिलाफ जहर फैलाया ।।

जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।।

1

वार्ता मैं झुके नहीं किसान अपनी मांग पै अड़े खड़े सै

सरकार के हथकंडे एकता आगै ओछे घणे पड़े सैं

गोदी मीडिया रोज घड़ कै दखे झूठी खबर सै ल्याया।।

2

कसूता अनुशाषन किसानों का दुनिया देख कै दंग रैहगी

भाजपा की सरकार इनकी गेल्याँ जान बूझ कै क्यों फैहगी

आर पार की लड़ाई खिंचगी किसान नै  पूरा प्लान बनाया।।

3

तीन कानून वापसी बिना किसान नहीं  

उल्टा जावैगा रै

सांस दिल्ली की सरकार कै यो घणे कसूते चढ़ावैगा रै

कई महिन्यां का इंतजाम करकै किसान दिल्ली मैं आया।।

4

हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई आपस मैं सब सैं भाई भाई 

जवान किसान जनता एकता की

मिशाल बनाई

रणबीर सिंह सोच समझ कै नै यो छंद तुंरत बनाया।।

5---------

 इस गोदी मीडिया नै किसानों के खिलाफ जहर फैलाया। 

जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।।

1

वार्ता मैं झुके नहीं किसान अपनी मांग पै अड़े खड़े सै

सरकार के हथकंडे एकता आगै ओछे घणे पड़े सैं

गोदी मीडिया रोज घड़ कै दखे झूठी खबर सै ल्याया।।

जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।।


2

कसूता अनुशाषन किसानों का दुनिया देख कै दंग रैहगी

भाजपा की सरकार इनकी गेल्याँ जान बूझ कै क्यों फैहगी

आर पार की लड़ाई खिंचगी किसान नै पूरा प्लान बनाया।

जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।।

3

तीन कानून वापसी बिना किसान नहीं  उल्टा जावैगा रै

सांस दिल्ली की सरकार कै यो घणे कसूते चढ़ावैगा रै

कई महिन्यां का इंतजाम करकै किसान दिल्ली मैं आया।।

जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।।

4

हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई आपस मैं सब सैं भाई भाई  

  जवान किसान जनता एकता की देखो मिशाल बनाई

रणबीर सिंह सोच समझ कै नै यो छंद तुंरत बनाया।।

जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।।

4-------

 शोषण हमारा

अम्बानी कम्पनी आगी, हमनै चूट-चूट कै खागी

अमीर हुए घणे अमीर, यो मेरा अनुमान सै।।

1

मोदी सरकार नै गोड्डे टेक दिये,

साधन अम्बानी आगै फेंक दिए,

अडानी देखो साथ मैं रलगे, कारपोरेट कै घी के दीवे बलगे

संघर्ष बदलैगा तदबीर, यो किसानों का ऐलान सै।।

2

पहली चोट मारी रूजगार कै, हवालै कर दिये सां बाजार कै

निजीकरण मुहिम चलाई क्यों, मासूम जनता आज भकाई क्यों

या गई कड़ै थारी जमीर, घणा मचाया घमसान सै।।

3

म्हारी खेती कती बरबाद करदी,

ये तीन काली कानून पास करदी

किसानों नै ली आज अंगड़ाई रै, 

नारा कानून वापिस कराई रै

 तोड़ दी आज सारी जंजीर, 

घाली गुरबत की जंजीर,दिल्ली मैं छारया किसान सै।।

4

या सल्फाश की गोली सत्यानासी, 

हर दूजे घर मैं ल्याई थी उदासी

एकजुट हिंदुस्तान का देखो किसान , साथ खड़या हुया हर कमेरा इंसान,

लिखै साची सै रणबीर, नहीं झूठा बखान सै।।

3-----

आजादी पाछै बहोत कमाए भारत के किसान कमेरे।।

ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।।

1

किसान करी मेहनत तो खेतां मैं फसल लहलाण लगी

स्टील थर्मल प्लांट लगाए बिजली घरां मैं आण लगी

स्कूल अस्पताल खुले फेर जनता स्कूल मैं जाण लगी

नेहरू का जमाना बीत गया संकट घड़ी  या छाण लगी

आजादी के नेता पाछे नै रैहगे आगै आवण लगे लुटेरे

2

पचहत्तर मैं एक दौर यो एमरजेंसी का बी आया था

नशबंदी जबरदस्ती का आड़े गया अभियान चलाया था

मुधे मूंह पड़े ये हिम्माती जनता नै सबक सिखाया था

राज पाट सब बदल दिये जनता का राज बनाया था

बैल गऊ तैं करी कमाई सारी नै ज़िमगे जुल्मी बछेरे।।

3

सब जानैं मेहनतकश की मेहनत खूबै रंग ल्याई सै

किसान ख़टया खेतां मैं अन्न की पैदावार बढ़ाई सै

कारखाने ऊंची सीटी मारैं स्मृद्धि अमीराँ मैं आई सै

सौ मां तैं पन्दरा मोटे होगे बाकी पै सांकै घणी छाई सै

धन दौलत तो घणी कमाई म्हारै बांटै आये पटेरे।।

4

दिनों दिन बढ़ती जावै देश मैं गरीब अमीर की खाई क्यों

म्हारे पैरां पटरी सैं बवाई उनके सैं जहाज हवाई क्यों

म्हारे बालक सूकी रोटी खावैं उनके उड़ाते दूध मलाई क्यों

किसा बंटवारा यो देस मैं अडानी अम्बानी पेट फुलाई क्यों

रणबीर बरोने आला कहै घोड़ी खोसी साथ मैं बछेरे।।

2-----

: बेटी हुई सिवासन जब तैं घरां रोजाना झगड़ा होवै हे।।

मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 

1

समझदार कोये वर ना मिलता होगी घणी लाचारी बेबे

सीधे मूंह कोये कोई बात ना करता होगी मुश्किल भारी बेबे 

छोरियां की कदर रही नहीं आज फिरती मारी मारी बेबे 

दहेज बिना कोये हां ना भरता चाली किसी या बीमारी बेबे 

रोजाना कमनूँ चेहरा दीखै वा कदे सूबकै कदे रोवै हे।।

मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 

2

 गऊ सी दुधारू चाहवैं  सारे चारों तरफ पीसा नाच रहया 

पशु माणस मैं फर्क रहया ना में धन रिस्तयाँ नै जांच रहया

नाश होण में  कसर नहीं पिट झूठ कै साहमी साच रहया

कार लेकै भी जला कै मारैं चारों कांहीं हाहाकार माच रहया

परिवार सारा पड़या चिंता में खड़या हाथ कालजा होवै हे।।

मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 

3

भैंस बीमार होवै जब सैड़ देसी डॉक्टर नै टोहवैं ये

छोरी मरै बिलख बिलख कै ना दवन्नी ऊंपै खोवैं ये

आज पढ़े लिखे जमाने मैं सरे आम कत्ल होवें ये

दिन रात फिकर लगी रहै नहीं नींद चैन की सौवैं ये

किस्मत का खेल बतावैं काटै जो जिसे बीज बोवै हे।।

मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 

4

ये रंग ढंग देख जमाने के जी घणा दुखी पाग्या मेरा हे

काले धन नै दिया म्हारै चौगिरदें यो किसा घेरा हे

कोये बी राह ना दिखता मनै टोहनाहो कुआं झेरा हे

घर नै बेटी आज बोझ बनी यो दीखता घोर अंधेरा हे

वैष्णो देबी पूज कै आयी सुनी वा बढ़िया वर टोहवै हे।।

मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 

5

सारे खोट की जड़ डूँगै रणबीर न्यों मनै समझावै सै

मेरी समझ मैं आँती कोण्या वो सही तसवीर दिखावै सै

कहै सरमायेदारी खेल रचारी म्हारे संकट रोज बढ़ावै सै

समुन्दर किनारै बैठ कदे ना असली मोती यो थयावै सै

वैज्ञानिक सोच जरूरी बेबे नहीं सूके थूक बिलोवै हे।।

मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।।

1-----

 नया साल इक्कीस

किसा हो नया साल इक्कीस आदान प्रदान हो विचारां का।।

किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।।

1

सर्व समावेशी शिक्षा हो स्कूल होवैं एक समान रै

हरेक जात का सम्मान हो भाईचारा हो बलवान रै

मरीज डॉक्टर का मेल हो इलाज पावै हर इंसान रै

फसल की कीमत ठीक मिलै फलैं फुलैं किसान रै

पर्दाफाश होज्या आज म्हारी लूट के ठेकेदारां का।।

किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।।

2

मिलावट म्हारे समाज म्हैं नहीं टोही पावै यो चाहवां

नफरत का जहर समाज नै आज ना खावै यो चाहवां

बेरोजगारी कम होवै इसा माहौल आवै यो चाहवां 

कोये माणस प्रदेश म्है ना भूखा रह ज्यावै यो चाहवां 

होवै महिला महफूज ना जिकरा बचै बलात्कारां का।।

किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।।

3

म्हारा यो सबका हिंदुस्तान, गूँज उठै यो नारा भाई

छुआछूत खत्म हो सुधरै यो वातावरण म्हारा भाई

सरकार करै ख्याल बणकै गरीबां का साहरा भाई

अंधविश्वास और नशे तैं मिलै सबनै छुटकारा भाई

या जनता राह बाँधेगी, देश भर म्हैं इन बदकारां का ।।

 किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।।

4

युवा नै रोजगार मिलै, कति नहीं फिरै आवारा रै

सुख का सांस लेवै सरतो, सुखी हो करतारा रै

विकास चालै सही राही पै,सही होवै बंटवारा रै

संविधान के अनुसार चलै, हिंदुस्तान देश म्हारा रै

रणबीर साल इक्कीस हो, मेहनतकाश किरदारां का ।।

किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।।

27----------

 सावित्री बाई फुल्ले 

छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 

समाज के घणे  ताने सुणे पर ना पाछै कदम हटाया ॥ 

1

महिला नै समाज मैं पूरे मिलने चाहिए सै अधिकार 

पूरा जीवन लगा दिया किया जन जन के मैं प्रचार 

बारा साल मैं ब्याह होग्या फेर भी अपना फर्ज निभाया ॥ 

छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 

2

लिंग भेद का विरोध करया पति नै पूरा साथ दिया था 

जाति भेद के खिलाफ उणनै यो खुल्ला ऐलान किया था  

बाल हत्या प्रतिबन्धक गृह यो सुरक्षा सेंटर बनाया ॥ 

छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 

3

महिलाओं को पढ़ाने जब सावित्री स्कूल मैं जाया करती 

जनता गोबर फ़ैंकती बहोतै क्रोध या जताया करती 

स्कूल जा साड़ी रोज बदली महिलाओं को जरूर पढ़ाया। 

छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 

4

दत्तक पुत्र डॉक्टर बणग्या पुणे मैं अस्पताल चलाया 

सावित्री बाई मरीज सेवा मैं अपना काफी बख्त लगाया 

समाज सुधार मैं रणबीर अपना पूरा जीवन बिताया ॥ 

छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥

5 रागनी

1: तीज मनाया करते

पींघ घालकै  खूब झूलते हम नयों तीज मनाया करते।।

छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।

1

पहरकै  सूट रंग बिरंगे सब झूलन जाया करती हे

मिलकै साम्मन  के गीत हम बहोतै गाया करती हे

देवर जयेठ  भी इधर  उधर डोलते नजर आया करते।।

छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।

2

दो दो पटड़ी पै खडी होकै खूब ए पींघ बधान्ती बेबे   

उप्पर जा सिर घूम जांता जिब ताले नै लखान्ती बेबे 

देवर जयेठ देख नज़ारे बहोतै मजाक उड़ाया करते।।

छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।

3

दो च्यार घंटे सुख की साँस थोड़ी देर लिया करती 

एक दूजी के साहमी दिल अपना खोल दिया करती  

मस्त साम्मन  का मौसम खीर हलवा बनाया करते।।

छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।

4

बेरा ना कित गयी वे तीज कर याद दिल भर आवै

बाजार की भेंट चढ़े त्यौहार म्हारी ना पर बासावै

रणबीर सिंह मेहर सिंह बरगे  न्यारे छंद बनाया करते।।

छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।

2: ईद और तीज 

तीजां का त्यौहार आ जाता है मगर मेहर सिंह को 

फ़ौज से छूटी नहीं मिलती । गॉव बरौना बहुत याद आता है ।

 वो बाग़ भरा पूरा और वहां डाले गए झूले । बार बार उसके

 इमाग में घूमते हैं । सोचता है और क्या लिखता है । 

मतना देखिये बाट प्रेमकौर छूटी मनै मिली कोन्या। 

मनै कई तरियां बात करी कोए चाल चली कोन्या । 

पहर कै दाम्मण काला तीज मनावन जाईये जरूर 

फ़ौजी नै गीत लिख कै भेज्या सबनै बताईये जरूर

जरूर तीज मनाईये कदे कहै पींघ तो घली कोन्या । 

पींघ बढ़ा कै नाक सासू की जरूर तोड़ कै नै ल्याईयो 

सुहाली पूड़े और गुलगले सब रेल मिल कै नै खाईयों 

आपस की राड़ घरां मैं होती जमा या भली कोन्या । 

सारे गाम नै मेरे तरफ की या राम राम दियो जरूर 

दोनो भान रहियो प्रेम तैं आदर सम्मान कियो जरूर 

फ़ौज मैं हालात नहीं अच्छे लड़ाई इब्बै टली कोन्या । 

इस मिहने साम्मण की या रुत घनी गजब बताई

ईद बी आज काल मैं या जावै पूरे गुहांड मैं मनाई 

रणबीर करै कविताई छाणी बरोने की गली कोन्या ।

3

 फौजी मेहर सिंह की मुसलमानों में बहुत पक्की यारी दोस्ती थी।

 यह बात उनकी छोटी भाभी ने पाल में सबके सामने बताई थी। 

वह इसे फौजी के जीवन के अवगुण के रुप में देखती थी। फौजी मेहर सिंह 

ने हिन्दू लड़के और मुसलमान लड़की के प्यार और विवाह पर आधारित 

एक किस्सा कालीचरण भी लिखा था। इस किस्से की सब सीमाओं के 

बावजूद फौजी मेहर सिंह लड़के लड़की के प्यार को बड़ी अहमियत देते

 हैं और उन दोनों की शादी तक किस्से को पहुंचाते हैं। एक बार फौज में 

अन्र्तजातीय विवाह और हीर रांझा के किस्से को लेकर काफी बहस होती है।

 मेहर सिंह कई दिन तक सोचते हैं और फिर एक रागनी मन  ही मन सोचते हैं।

 इस मौके के बारे में कवि ने क्या कल्पना की है भला-

सच्चा प्यार करणियां नै कदे पाछै कदम हटाये कोन्या।।

एक बर जो मन धार लिया मुड़कै फेर लखाये कोन्या।।

हीर रांझा नै अपने बख्तां मैं पूरा प्यार निभाया कहते

लीलो चमन हुए समाज मैं घणा लोड उठाया कहते

सोनी महिवाल सच्चे प्रेमी मौत को गले लगाया कहते

आज के लोग नहीं बेरा क्यूं प्रमियों को जा मराया कहते

सुण कै फरमान समाज के कदे प्रेमी घबराये कोन्या।।

नल दमयन्ती का किस्सा हम कदे कदीमी सुणते आवां

दमयन्ती नै वर माला घाली या सच्चाई कैसे भुलावां

अपना वर आपै चुण्या क्यों इस परम्परा नै छिपावां

खुद की मर्जी तै जो ब्याह करैं उनकै फांसी क्यों लावां

हरियाणा के प्रेमी जोड़े ये समाज कै काबू आये कोन्या।।

सत्यवान ओर सावि़त्री का किस्सा बाजे लख्मी गागे आड़ै

सावित्री लड़ी यमराज तैं कहते पिंड छुड़ाकै भागे आडै़

सावित्री तै इतनी आजादी देवणिया लेखक बी छागे आड़ै

हरयाणा के दो जात बीच के प्रेमी क्यों फांसी खागे आड़ै

हरियाणा नम्बर वन प्यार मैं इसे गाणे गाये कोन्या।।

दो जात्यां बीच प्रेम विवाह का चलन बढ़ता आवै सै

फांसी का फंदा दीखै साहमी पर प्यार पींग बढ़ावै सै

इसी चीज के हो प्यार मैं जो प्रेमी जोड़यां नै उकसावै सै

रणबीर सोचै पड़या खाट मैं बात समझ नहीं पावै सै

तहे दिल तैं साथ थारै सूं मनै झूठे छन्द बनाये कोन्या।।

4

हिरोशिमा नागाशाकी

लिटिल बॉय और फैटमेंन परमाणु बम्ब गिराये रै।।

हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं धकाये रै।। 

1

हिरोशिमा मैं छह अगस्त को अमरीका नै बम्ब गिराया

नौ अगस्त नै नागाशाकी पै दूजा फैटमैन बम्ब भड़काया

जापान देख कै हैरान रैहग्या अमरीका नै रोब जमाया

हालात देख कै आस पास के  जापान का सिर चकराया

जमा उजाड़ दिए शहर दोनूं लाशां के ढेर लगाये रै।।

हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं धकाये रै।। 

2

लाखों निर्दोष लोगों की इसमैं हुई थी मौत बताई देखो

दूसरे विश्व युद्ध मैं अमरीका नै घनी फतूर मचाई देखो 

आत्म समर्पण जापान का फेर भी हेकड़ी दिखाई देखो

बिना बात बम्ब गिरा दिया अमरीका घना कसाई देखो

दो बम्ब गेर दादा गिरी का सारे कै सन्देश पहोंचाये रै।।

हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं धकाये रै।। 

3

औरत मर्द बच्चे इसके हजारों लाखों शिकार हुये

सालों साल बालकों कै ये जामनू कई विकार हुये

दौड़ रूकी ना हथियारों की सौला हजार तैं पार हुये

एक हजार तैं फालतू अड्डे अमरीका के तैयार हुये

जीव मरैं निर्जीव बचैं इसे बम्ब आज बनाये रै।।

हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं धकाये रै।। 

4

हिरोशिमा नागाशाकी तैं कोये सबक लिया कोण्या

हथियारों की होड़ बधाई शांति सन्देश दिया कोण्या

हथियार मुक्त दुनिया का आधार तैयार किया कोण्या

ईनके डर पै अमरीका नै खून किसका पीया कोण्या

रणबीर नागाशाकी दिवस पै ये चार छन्द बनाये रै।।

हजारों लाखों जापानी गए मौत के मुंह मैं धकाये रै।।

5

 ज्ञान विज्ञान का पैगाम

सुखी जीवन हो म्यारा ज्ञान विज्ञान का पैगाम सुणो।

हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।

1

सारे पढ़े लिखे होज्यां नहीं अनपढ़ टोहया पावै फेर

खाण पीण की मौज हो ना भूख का भूत सतावै फेर

बीर मरद का हक बरोबर हो इसा रिवाज आवै फेर

यो टोटा गरीब की चौखट पै भूल कै बी ना जावै फेर

सोच समझ कै चालांगे तो मुश्किल ना सै काम सुणो।।

हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।

2

मिलकै नै सब करां मुकाबला हारी और बीमारी का

बरोबर के हक होज्यां तै ना मान घटै फेर नारी का

भाईचारा फेर बढ़ैगा नहीं डर रहै चोरी जारी का

सुख कै सांस मैं साझा होगा इस जनता सारी का

भ्रष्टाचार की पूरी तरियां कसी जावै लगाम सुणो।।

हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।

3

आदर्श पंचायत बणावां हरियाणा के मैं न्यारी फेर

दांतां बिचालै आंगली देकै देखै दुनिया सारी फेर

गाम स्तर पै बणी योजना लागू होज्या म्हारी फेर

गाम साझली धन दौलत सबनै होज्या प्यारी फेर

सुख का सांस इसा आवैगा नां बाजै फेर जाम सुणो।।

हरियाणे के सब नर-नारी चूच्ची बच्चा तमाम सुणो।।

4

कोए अनहोनी बात नहीं ये सारी बात सैं होवण की

बैठे होल्यां लोग लुगाई घड़ी नहीं सै सोवण की

इब लड़ां ना आपस मैं या ताकत ना खोवण की

बीज संघर्ष का बोवां समों सही आज बोवण की

कहै रणबीर गूंजैगा चारों कूठ यो नाम सुणो।।

दीवा नहीं जला पावै

 अन्धविश्वासों का घेरा

भगवान मंदिर मैं बैठया खुद दीवा नहीं जला पावै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

1

पत्थर के शेर की पूजा दुर्गा की सवारी मान कै करते

जिन्दा शेर दीखज्या तै ज्याण बचाण नै भागे फिरते

पत्थर तैं इतना लगाव जीव हमनै क्यों नहीं भावै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

2

पत्थर का कुत्ता पूज्या जा शनिदेव की सवारी माणकै

जिन्दा नै कहते भागज्या उसकै डंडा मारते ताण कै

पत्थर पूजा छारी सारे कै या बात समझ नहीं आवै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

3

गणेश तैं दूध प्या दिया हजारों टन बताया जासै

मंदिर मैं करोड़ों का चढ़ावा हर साल  चढ़ाया जासै

मंदिर बाहर  बालक भूखा दो रोटियां पाया चाहवै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

4

धार्मिक ग्रंथ कितने पुराने कोये तो मनै बतादयो

ग्रन्थ पुराने एक इंसान आकै कोये तो समझादयो

लिपि इंसान नै बनायी रणबीर नहीं झूठ भकावै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

नया हरियाणा 1

 नया हरियाणा 

म्हारी ये कौन नाक कटावैं ना उनकी चाल जाणी क्यों।

व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।

1

पुलिसिया बीस रपिये लेले उसकी चर्चा अखबार पुकारैं

ऊंचे महलां होज्यां सौदे करोड़ों कमीशन बदकार डकारैं


खड़े लाचार निहारैं जनता जाणै ना या कहाणी क्यों।

व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।

2

भ्रष्टाचार बलात्कार रिश्वत खोरी ये फण सैं व्यवस्था के 

नैतिकता की बात करैं वे जो चाकर इसी व्यवस्था के

अमीर मालिक व्यवस्था के गरीब की कुन्बा घाणी न्यों।

व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।

3

गरीब हकां की लड़ै लड़ाई लड़कै व्यवस्था नै बदलांगे

गरीब अमीर की चौड़ी खाई राज व्यवस्था का समझांगे

पासा रलमिल पलटांगे पाळां इसी नागण काली क्यों।

व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।

4

पीस्से आले इजारेदार नै म्हारी सरकार बढ़ावै लोगो

तब दिली करकै कानूनां मैं इनकी टहल बजावै लोगो

बहुराष्ट्रीय कम्पनी ल्यावै लोगो देखै ना म्हारी हाणी क्यों।

व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।

5

छोटी पूंजी मेहनत मिलकै बड़ी पूंजी तैं हम टकरावांगे

किसान मजदूर दूकानदार सब मिल यो नारा लावांगे

यो नया हरियाणा बनावांगे रणबीर बीमारी पिछाणी न्यों।

व्यभिचारी भ्रष्टाचारी ये बोलें नैतिकता की बाणी क्यों।

संघर्ष जोर पकड़ेगा ----290----

 यो किसान आंदोलन छाग्या, देखो दिल्ली तक  आग्या

इसनै सही रास्ता पाग्या, संघर्ष और जोर पकड़ेगा।।

1

सरकार पूरा खेल खेलैगी सारे हथकंडे अपनावैगी

किसानी आंदोलन कै तोहमद कई ढाल की लगावैगी

कहे किसान पाकिस्तानी, हुई किसानों को हैरानी

जवाब देवण की ठानी, संघर्ष और जोर पकड़ेगा।।

2

किसान हितैषी बिल बताकै सरेआम झूठ बोल रही

अम्बानी अडानी की खातिर कृषि दरवाजे खोल रही

आज समझ गया किसान, संघर्ष का किया एलान

घेरली दिल्ली आज आण,  संघर्ष और जोर पकड़ेगा।।

3

कोरोना का बाहणा करकै संघर्ष दबाना चाहवै साई

खुद के चुनाव भजन करै उड़ै कोरोना नहीं आवै सै

फूट गेरण की प्लान सै समझ गया ईब किसान सै

लगाया यो सही उन्मान सै,संघर्ष और जोर पकड़ेगा।।

4

बिल वापिस लेने पड़ेंगे संघर्ष की दाब बढ़ती जावै

नहीं लिए वापिस बिल तै सरकार कै सांस चढ़ती पावै

साथ देवांगे मिलकै कमेरे, हारेंगे फेर ये जरूर लुटेरे

रणबीर साथ आये भतेरे, संघर्ष और जोर पकड़ेगा।।


नशे की लत माड़ी

 नशे की लत माड़ी

एक बै आदत पड़ज्या तो छूटै ना कितने ऐ ताण तुड़ा ले ॥

मुश्किल होज्या ऐब छुड़ाणा  चाहे कितनी ऐ कसम दुआ ले ॥

1        

तम्बाकू की लत होज्या तो कैंसर रोग की खुलज्या सै राही

दमा बधै और साँस रोग भी मचावै बुढ़ापे मैं घणी तबाही

खांसी बलगम तड़कै ऐ तड़क माणस नै खूबै ऐ रूआ ले ॥

 मुश्किल होज्या ऐब छुड़ाणा चाहे कितनी ऐ कसम दुआ ले ॥

2        

दारू की लत  का काम बुरा पूरे हरियाणा मैं छागी देखो

माणस की इस लत के कारण महिला दुःख पागी देखो

  गैंग रेप बढे हरियाणा मैं या गिरती साख कौन बचा ले ॥

  मुश्किल होज्या ऐब छुड़ाणा  चाहे कितनी ऐ कसम दुआ ले ॥

3         

पर नारी की लत कसूती घर परिवार बर्बाद करै

महिला पुरुष के रिश्त्यां मैं या कसूता खटास भरै

नहीं छूटै या लत मनास की चाहे कोए कितना ऐ समझाले ॥

मुश्किल होज्या ऐब छुड़ाणा  चाहे कितनी ऐ कसम दुआ ले ॥

4        

 ताश खेलण की लत बढ़ी हरियाणे के गामां की गालों मैं

 जुए की लत नै द्रोपदी का चीर हरण कराया दरबारों मैं

असर  होवैगा पूरा जै कोए रागनी पूरे सुर के मैं गा ले ॥

 मुश्किल होज्या ऐब छुड़ाणा चाहे कितनी ऐ कसम दुआ ले ॥

5         

कई लड़के और लड़की भी ये कई लत्तां के शिकार हुए

समाज सुधार की जरूरत ये रणबीर सिंह के विचार हुए

कुछ पुलिस नेता अफसर हुए ये लत खोरों के रखवा ले  ॥मुश्किल होज्या ऐब छुड़ाणा  चाहे कितनी ऐ कसम दुआ ले ॥

अडानी अम्बानी

 टांड पै बिठा जनता नै अम्बानी अडानी लूट रहे ।।

फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।।

1

मुट्ठी भर तो पावैं नौकरी कई लाख का पैकेज थ्यावै

बीच बीच में एक दो बै यूके फ्रांस के चक्कर लगावै

एम टेक आले पै मजबूरी या चपड़ासी गिरी करावै

बेरोजगारी बढ़ै रोजाना यो नौजवान खड्या लखावै

अडानी अम्बानी की कम्पनी कुछ तो चांदी कूट रहे।।

फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।।

2

एक तरफ विकास का नारा लगता राज दरबारां मैं

कौन फालतू मुनाफा कमावै होड़ लगी साहूकारां मैं

इनके तलवे चाटें जावैं ये ना फर्क कोये सरकारां मैं

संकट इस विकास करकै आया किसानी परिवारां मैं

गंभीर संकट के चलते भरोसे जनता के इब टूट रहे।।

फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।।

3

अम्बानी अडानी की लूट इस संकट की जड़ मैं देखो 

झिपाने नै लड़वा जात धर्म पै लठ मरैं कड़ मैं देखो

जात धर्म पै भिड़वा दिए हुए फिरैं अकड़ मैं देखो 

असली नकली म्हारै भी नहीं आये पकड़ मैं देखो

कितै गौमाता कितै गीता पर सिर ये म्हारे फूट रहे।।

फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।।

4

दूसरे देश भी इस लूट मैं बड्डे हिस्सेदार बणे भाई

उनकी पूंजी ले अडानी उनके सूबेदार बणे भाई

एमरजेंसी लागू होगी देशद्रोही थानेदार बणे भाई

काले धन का जिकरा ना उन्के पहरेदार बणे भाई

कुलदीप हम क्यों रोजाना अपमान का पी घूंट रहे।।

फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।।

आज नया साल

 आज नया साल शुरू होग्या इसमैं नया हिंदुस्तान के चाहवै सै।

किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै।

1

आंदोलन करते किसानां तै म्हारा सै क्रांतिकारी सलाम भाई  

जो किसान म्हारे शहीद होगे इतिहास मैं होवैगा नाम भाई रोजाना जोश म्हारे किसानां का बहोत घणा बढ़ता जावै सै। 

2

देश मैं इंसानियत हटकै उभरै हम इस साल मैं हाँगा लावांगे

म्हारा प्रजातंत्र फेर हुँकार भरै किसानां का साथ निभावांगे  इस लड़ाई का राह हमनै यो किसानी संघर्ष सही दिखावै सै।

3

कदर जनता की आवाज की हटकै आवै म्हारे हिंदुस्तान मैं 

इज्जत होवै गरीब कमेंरे की होज्या शांति पूरे ही जहान मैं

हो गजब का भारत म्हारा सारी जनता जमकै नारा लावै सै।

इस साल मैं ईसा माहौल बनै किसान नै पूरा सम्मान मिलै

कहै रणबीर नहीं लुटैं कमेरे उन सबका हट कै चेहरा खिलै 

आज किसान मोर्चे की जीत नए समाज की राह बतावै सै।

कालजा धड़कै रै

 मेहनतकश तेरा हाल देख कर मेरा कालजा धड़के रै।।

या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।।

1

एक क्वींटल गण्डा हम करकै मेहनत उपजावां सां 

राल्ला बीस किलो दस सीरा इसतैं आज बनावां सां

बारा  किलो चीनी बनती खोही का ना मोल लावां सां 

इन का मोल तीन हजार नहीं कदे हिसाब बिठावां सां

तीन सौ पचास मिलते हमनै माट्टी गेल्याँ माट्टी बनकै रै।।

या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।।

2

पैंतीस सौ कित जावै देखो नहीं हिसाब कदे बी लाया

कदे समझलयां भेद सारा अनपढ़ता का जाल बिछाया

बांट बांट कै साजिस तैं हरिजन का क्यों दुश्मन बनाया 

मिल मैं मजदूर भाई म्हारा म्हारी गेल्याँ किसनै भिड़ाया 

तीनों आपस में लड़ा दिए तीर इसा तरकस मैं भरकै रै।।

या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।।

मेहनतकश का बैरी देखो मेहनतकश आज बणाया रै 

साढ़े तीन हजार लूटकै म्हारे सतरंगा जाल बिछाया रे

म्हारे बेटा बेटियों को उसनै अपनी गोद मैं बिठाया रै

इतना जुल्म देख धरती पै काँपज्या कृष्ण की काया रै 

ईब तो संभाला लेल्यां नहीं तै मरना होज्या सड़ कै रै।।

या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।।

4

बेटा बेटी बिगाड़ण खातिर भद्दे गाने सिनेमा त्यार किये 

दारू मैं डबोवण की खातिर ठेके खोल ये बेशुमार दिये 

ये तीन सौ पचास भी म्हारे इणनै बेदर्दी तैं डकार लिये 

सिर भी म्हारा जूती म्हारी बिन आई के हम मार दिए 

रणबीर सिंह बरोने आला ललकार रहया छंद घड़ कै रै।।

या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।।