अम्बानी नै कपास पीट दी हम देखां खड़े खड़े
उसे नै म्हारी धान पीट दी हम सोवां पड़े पड़े
1
म्हारी या कस्ट कमाई आंख्यां के साहमी लुटगी
कपास कदे धान की खेती ये आज चोड़ै पिटगी
सब्सिडी ये सारी घटगी लागते नेता सड़े सड़े
2
बालक हांडैं बिना नौकरी बिघन घणा होग्या रै
एक छोरे नै खाई गोली सहम ज्यान यो खोग्या रै
सुन्न भीतरला जमा होग्या रै हाथ होगे जड़े जड़े
3
बेटी रैहगी बिन ब्याही ये गोड्डे म्हारे टूट लिए
बिना दहेज ब्याह कड़ै म्हारे पसीने छूट लिए
सांड खुल्ले छूट लिए बुलध मरैं ये बड़े बड़े
4
मां बेटी बाहण आज जमा महफूज रही नहीं
समाज जावैगा पाताल मैं आगै जा कही नहीं
बदमाशी जा सही नहीं रणबीर गीत घड़े घड़े
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