Monday, 20 February 2023

बासठ किसान मजदूर संगठन ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।।

 16 जून का आंदोलन --एक रागनी 

बासठ किसान मजदूर संगठन ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।।

खेती व मजदूर विरोधी नीति या भाजपा नै अपनाई रै।।

1

किसान की तरफ ध्यान नहीं या स्वामीनाथन नै नाट गई 

फांसी खा खा किसान मरैं भाजपा ले राज के ठाठ गई

न्यारे न्यारे बांट कै जातयाँ मैं किसानां की करी सै पिटाई रै।।

बासठ किसान मजदूर संगठन  ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।।

2

मजदूरों पै हमला बोल्या मनरेगा के बजट घटाया रै

ठेकेदारी प्रथा नै म्हारे देश मैं घणा कोहराम मचाया रै

महंगाई दिन दूनी बढ़ती जावै होन्ती ना कितै सुनाई रै।।

बासठ किसान मजदूर संगठन  ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।।

3

सोलां जून का दिन भारत का ईब नया इतिहास रचैगा

किसान मजदूर मोर्चे आगै नहीं जुल्मी बेईमान बचैगा

सरमायेदारों के कर्जे माफ करे ना म्हारी कितै सुनाई रै।

बासठ किसान मजदूर संगठन ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।।

4

लुटेरे और कमेरे बीच मैं आज घलता आवै पाला भाई

रणबीर सिंह बरोने आला कहै लेल्यो ईब सम्भाला भाई

किसान कमेरे की यारी खोलैगी मानवता की नई राही रै।।

बासठ किसान मजदूर संगठन ये लवैंगे अंगड़ाई रै।।

ज्ञान विज्ञान आंदोलन नै आंख खोल दी म्हारी

 ज्ञान विज्ञान आंदोलन नै आंख खोल दी म्हारी

समतावादी संसार बनावां या इच्छा बढ़ती जारी।।

भेद लोग लुगाई के 

जात पात की खाई के

सरतो धापां ताई के

विकास की राही के,समझेंगे सब नर नारी।।

समतावादी संसार बनावां या इच्छा बढ़ती जारी।।

2

अमरीका दादा हो गया

बीज बिघन के बो गया

सुख हमारा खो गया

आम आदमी सौ गया, इब नींद खुलती आरी।।

समतावादी संसार बनावां या इच्छा बढ़ती जारी।।

3

कोरोना बात समझाई

गरीब की नहीं सुनाई

संसार मैं खोल बताई

समता नहीं टोही पाई,  टूटी जनता की खुमारी।।

समतावादी संसार बनावां या इच्छा बढ़ती जारी।।

4

मंजिल नहीं कहते दूर

हमारी ताकत भरपूर

अमरीका का गरूर 

तोड़ैगी दुनिया जरूर,रणबीर की कलम पुकारी।।

समतावादी संसार बनावां या इच्छा बढ़ती जारी।।

चोर जार नशेबाज जुआरी 

 चोर जार नशेबाज जुआरी 

चोर जार नशेबाज जुआरी बढ़ते जावैं समाज मैं ॥ 

इनकी लिखूं कहानी सुणो अपणे ही अंदाज मैं ॥ 

पहले बात करू चोर की हाथ सफाई दिखावैं ये 

घने  चोर तो  ताला तोड़ लें दुष्ट कमाँ कै नहीं खावैं ये 

घिटी मैं गूंठा  देकै मारदें  घर साफ़ कर ले ज्यावै ये 

राह चलती महिला की चेन दो मिनट मैं झपटावें ये 

चोर बी के करैं और कोए नौकरी ना इस राज मैं ॥ 

जार आदमी दुष्ट घना पर नारी पै नीत  धरै सै रै 

कुकर्म करता हाँडै वो उसका पेट नहीं भरै सै रै 

पकड़या जा जब जूत लगैं जूतां तैं बस डरै सै रै 

नालियां मैं मुंह मारता एक दिन बेमौत मरै सै रै 

पहर धोले लत्ते यो घूमै दुनिया  हवाई जहाज मैं ॥ 

नशे बाज का के कहना रोज नशा करना उसनै 

तर तर तर जुबान चलै किसे तैं ना डरना उसनै 

सुल्फा गान्झा भांग धतूरा पी डूब मरना उसनै 

अगल बगल मैं झाँकै फेर पाप घड़ा भरना उसनै 

नशा उतर ज्या तो कहै सुधरना चाहूँ कर इलाज मैं ॥ 

चोर जार नशेबाज जुआरी सब तैं मानस बताये 

औढ़न पहरण नहान खान तैं ये बालक तरसाये 

घाघरे टूम तक ना बक्शी चोरी कर नशे चढ़ाये 

गाम मैं आतंक फैलाया सरीफ मानस घबराये 

रणबीर समझाया चाहवै समाज सुधर की खाज मैं ॥