तर्ज-सिर मैं भड़कै--
आजाद हिंद फौज के सिपाही , डटगे रणभूमि मैं आकै।।
लक्ष्मी सहगल साथ लड़ी , बैरी पड़या तिवाला खाकै।।
1
हर जवान फौजी के दिल मैं , उमंग भरी हुई खुशहाली
सारे फौजी पाछै पाछै चाले, सबतैं आगै बोस बंगाली
फौजियों नै मन मैं साली, तिरंगा लहरावां दिल्ली जाकै।।
लक्ष्मी सहगल साथ लड़ी , बैरी पड़या तिवाला खाकै।।
2
तिल तिल करकै आगै बढ़ते देश आजाद कराना चाहया
धर कांधै बंदूक सभी नै अपना कदम तैं कदम मिलाया
चाहते बैरी नै कति मिटाया कोये नई तरकीब भिड़ाकै।।
लक्ष्मी सहगल साथ लड़ी , बैरी पड़या तिवाला खाकै।।
3
महिला कति पाछै रही ना पलटन न्यारी करी खड़ी
बीर मरद चले मिलकै महिला भी रण मैं साथ लड़ी
दूसरी लड़ाई आण छिड़ी देख्या चारों तरफ लखाकै।।
लक्ष्मी सहगल साथ लड़ी , बैरी पड़या तिवाला खाकै।।
4
आईएनए की फौज निराली नया इतिहास रचाया सै
तन मन धन सब अर्पण करकै देश आजाद कराया सै
रणबीर नै छंद बनाया सै अपनी कलम हाथ मैं ठाकै।।
लक्ष्मी सहगल साथ लड़ी , बैरी पड़या तिवाला खाकै।।
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