Sunday, 15 December 2013

Mahila Virodhi

महिला विरोधी माहौल नजर हरयाने मैं आवै 
मातृशक्ति जिंदाबाद का उपरले मन  तै नारा लावै  
असुरक्षा बढ़ाई चारों कान्ही महिला जमा घिरगी रै 
महिला अजेंडा  ठारे सें   पर लिंग अनुपात गिरगी रै 
दिशा म्हारी कदे गलत हो रोजाना याहे  चिंता खावै। 
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महिला महिला की बैरी झूठ पै गहटा जोड़ लिया 
सच्ची बात किमै दूसरी उसतै  मूंह क्यों मोड़ लिया  
पितृसता पुत्र लालसा पै नहीं कोए अन्गली ठावै   । 
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म्हारी मानसिकता सुनल्यो हुई सै कसूती हत्यारी  
धन दौलत मैं हिस्सा ना बातबात पर जा दुत्कारी 
पूरी मोर्चे बंदी करदी दरवाजा नहीं खुल्या पावै। 
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इसी निराशा मैं बी कई महिला आगे बढ़ी बताऊँ 
खेलां मैं छाई सें करैं संघर्ष हर मोर्चे पै दिखाऊँ 
रणबीर सिंह जी लाकै सच्चाई सबकै साहमी ल्यावै । 
 
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