Thursday, 14 April 2011
ankhon hi ankhon mein
गुस्सा दिखाते जनाब आँखों से
हम भी देंगे जवाब आँखों से
तुम से ऑंखें मिला मिला के
हम भी लेंगें हिसाब आँखों से ||
आँखों से तुमने घृणा दिखाई
हमने गुंजाया इन्कलाब आँखों से ||
लूट के मेहनत हमारी तुम
फिर जाके पीते sharab आँखों से ||
ranbir ढूंढते रहे है हर दम
अपने दुखों की किताब आँखों से||
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