Monday, 21 July 2025

तीज पर गीत


1*******
 *सन 14 की तीज का सुण्लयो हाल सुणाउं मैं।।*
*बोहर भालोठ आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।*
1
गुलगुले सुहाली मनै कितै टोहै पाये कोण्या सुनियो
नीम पीपल झूलैं जिनपै नजर आये कोण्या सुनियो
*काला दामण लाल चूंदड़ी ल्याकै कड़े तैं दिखउं मैं।।*
बोहर भालोठ आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
2
नीम पीपल के डाहले पै जेवड़यां की पींग घालते रै
झूल झूलते तो ये पते टहनी उनकी गैल हालते रै
*मिलकै पड़ौसन झूल्या करती ईब कड़े तैं ल्याउं मैं।।*
बोहर भालोठ आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
3
कोथली मैं सुहाली आन्ती ये पूड़े घरां बनाया करते 
कई दिन सुहाली पतासे रल मिलकै सब खाया करते 
*लंगर बांध देवर झोटे देता ये के के बात गिणाउं मैं।।*
बोहर भालोठ आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।
तीजां का त्यौहार साम्मण मैं मौसम बदल जावै देखो
अकेलापन दूर होज्या सै मेल मिलाप यो बढ़ावै देखो
*कहै रणबीर हुड्डा पार्क मैं तीस नै तीज मणाउं मैं।।*
बोहर भालोठ आया देख कै ना पाई पींग बताउं मैं।।

2********
 *तीज मनाया करते*
*पींघ घालकै  खूब झूलते हम नयों तीज मनाया करते।।*
*छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।*
1
पहरकै  सूट रंग बिरंगे सब झूलन जाया करती हे
मिलकै साम्मन  के गीत हम बहोतै गाया करती हे
*देवर जयेठ  भी इधर  उधर डोलते नजर आया करते।।*
छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
2
दो दो पटड़ी पै खडी होकै खूब ए पींघ बधान्ती बेबे   
उप्पर जा सिर घूम जांता जिब ताले नै लखान्ती बेबे 
*देवर जयेठ देख नज़ारे बहोतै मजाक उड़ाया करते।।*
छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
3
दो च्यार घंटे सुख की साँस थोड़ी देर लिया करती 
एक दूजी के साहमी दिल अपना खोल दिया करती  
*मस्त साम्मन  का मौसम खीर हलवा बनाया करते।।*
छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।
4
बेरा ना कित गयी वे तीज कर याद दिल भर आवै
बाजार की भेंट चढ़े त्यौहार म्हारी ना पर बासावै
*रणबीर सिंह मेहर सिंह बरगे  न्यारे छंद बनाया करते।।*
छोरी बहू सब कठठी  होकै शिवाले उप्पर जाया करते।।

3*******
 *सीढ़ी घड़ादे चन्दन रूख की सासड़ तीज ये मेरी आई री।।*
*चन्दन रूख ना म्हारै क्यों ना पीहर तैं घड़ा कै ल्याई री।।*
1
अपनी तैं दे दी झूल पाटड़ी म्हारे तैं  दिया यो पीसणा
फोडूँ री सासड़ चाक्की के पाट क्यों चाहवै मनै घिसणा
*आज तो दिन त्योहार का सै चाहिए ऊंच नीच भुलाई री।।*
2
मनै खन्दा दे री मेरे बाप कै बीर आया यो माँ जाया
बहु इबकै यहीं तीज मना री तेरा पिया छुट्टी आया
*गगन गरजै बिज्जल पाटै या मरती फसल तिसाई री।।*
3
लरज लरज कै जावै बहू या जाम्मन की डाहली देख
पड़कै नाड़ ना तुड़ा लिए तेरी मां देगी मनै गाली देख
*नन्द भी हचकोले मारैगी कहवैगी पहलम ना बताई री।।*
4
मन मैं गुद गुद सी माच रही झूलण जाऊं बाग मैं हे
चढ़ पींघ पै जोर लगा कै मैं पींघ बधाऊँ बाग मैं हे
*तीज रल मिलकै मनावां सारे रणबीर की या कविताई री।।*

4*****
 आज तीज मनाई
*मॉनसून नै इबकै नहीं घणी बाट  दिखाई बेबे।।*
*बरस्या खूब खुलकै सड़क पूरी ये तिराई बेबे।।*
1
साम्मण के मिहने मैं सारे कै हरयाली छाज्या
सोचै प्रदेश गया पति भाज कै घर नै आज्या  
*ना गर्मी ना सर्दी रूत या घणी ए सुहाई बेबे।।*
2
कोये हरया लाल कोये जम्फर पीला पहर रही 
बाँट गुलगुले सुहाली फैला खुशी की लहर रही 
*कोये भीजै बूंदां मैं कोये सुधां लत्यां नहाई बेबे।।* 
3
आयी तीज बोगी बीज आगली फसल बोई या 
झूला झूल कै पूड़े खाकै थाह मन की टोही या 
*हुड्डा सिटी पार्क मैं तीज पूरे दिन मनाई बेबे।।*
4
बाजार की संस्कृति नै म्हारी तीज जमा भुलाई 
इस मौके पर जाया करती  प्रेम की पींघ बधायी 
*कहै रणबीर सिंह करूँ आज की कविताई बेबे।।*

5*****
 
*पींघ घालकै  खूब झूलकै हमनै आज तीज मनाई।।*
*छोरी बहू सब कठठी होकै हुड्डा सिटी पार्क मैं आई।।*
1
पहर कै  सूट रंग बिरंगे सब झूलण उड़ै आये बेबे
मिलकै साम्मन के गीत उणनै बहोतै गाये बेबे
*अभिभावक संघ नै पार्क मैं आज पूरी तैयारी कराई ।।*
2
दो दो पटड़ी पै खडी होकै खूब ए पींघ बधान्ती देखी  
उप्पर जा सिर घूम गया जिब तले नै लखान्ती देखी
*देख नज़ारे झूलन के झूलन आली महिला बहोतै भाई।।*
3
दो च्यार घंटे सुख का साँस थोड़ी देर लिया पार्क मैं 
एक दूजे के साहमी दिल अपना खोल दिया पार्क मैं 
*हलवा खीर बना उड़ै सबनै मिलकै नै रजकै खाई।।* 
4
मिलकै उड़ै परिवारों गेल्याँ याद पुरानी ताजा करली
आगले साल फेर मिलांगें  सबनै हां मिलन की भरली
*रणबीर सिंह नै देख नजारा फेर तुरन्त छंद बनाई ।।*

6******
तीजां का त्यौहार 
 नया सूट पहर कै बेबे ,झूला झूलन चाल पड़ी।।
कूद मारकै चढ़ी पींग पै ,देखें सहेली साथ खड़ी ।।
1
झोटा लेकै पींघ बधाई , हवा मैं मेरी चुन्नी लहराई
ऊपर जाकै तले नै आई , उठें शरीर मैं झाल बड़ी।।
2
पींघ दूगनी बढ़ती आवै, चुनी हवा मैं उड़ती जावै 
झोटे की हींग बढ़ावै ,बाजैं पायां की ये छैल कड़ी।।
3
मुश्किल तैँ आयी तीज, फुहारां मैं गयी चूंदड़ी भीज
नयी उमंग के बोगी बीज, सुख की देखि आज घड़ी।।
4
रणबीर पिया की आई याद , झूलन मैं नहीं आया स्वाद
नहीं किसे नै सुनी फ़रियाद आंसूआं की या लगी झड़ी।।

7******* 
साम्मन  का मिहना आग्या फौजी छुट्टी नहीं आया तो सरोज फौजी की घरवाली एक चिठ्ठी के द्वारा क्या लीख कर भेजती है --------:
*साम्मन  आया  बाट दिखा कै तेरा पिया इंतजार मनै।।*  
*देखूं सूँ बाट शाम सबेरी तूं आवैगा यो एतबार मनै।।*
मन मैं उठें झाल घनी याद पाछला साम्मन आया हो 
सारे कुनबे नै तीज मनाई तनै झूला खूब झुलाया हो 
*खीर अर हलवा खाया हो तेरे संग बैठ भरतार  मनै।।*
देखूं सूँ बाट शाम सबेरी तूं आवैगा यो एतबार मनै।।
2
सरतो का घर आला देख्या मिहने की छुट्टी आरया सै
अपनी घर आली  नै वो तै पलकां उप्पर बिठा रया  सै
*अनूठा प्यार जतारया सै सूना लागे यो घर बार मनै।।*
देखूं सूँ बाट शाम सबेरी तूं आवैगा यो एतबार मनै।।
3
नान्ही नान्ही बूँद पड़ें काले बादल छाये चारों और
जोहड़ भरया मिंह के पानी तै बागां के मैं नाचें मोर 
*टूट्न आली सै मेरी डोर  देखी घनी बाट इस बार मनै।।*
देखूं सूँ बाट शाम सबेरी तूं आवैगा यो एतबार मनै।।
4
कई बै मोबाइल मिलाया आउट ऑफ रेंज पावै सै
दिल की बात समझ पिया यो रणबीर छंद बनावै सै 
*सरोज कितना चाहवै सै ना कदे करया इजहार मनै ।।* 
देखूं सूँ बाट शाम सबेरी तूं आवैगा यो एतबार मनै।
8*****
 *मतना देखिये बाट प्रेमकौर छूटी मनै मिली कोन्या।* 
*मनै कई तरियां बात करी कोए चाल चली कोन्या ।* 
1
पहर कै दाम्मण काला तीज मनावन जाईये जरूर 
फ़ौजी नै गीत लिख कै भेज्या सबनै बताईये जरूर
*जरूर तीज मनाईये कदे कहै पींघ तो घली कोन्या ।* 
2
पींघ बढ़ा कै नाक सासू की जरूर तोड़ कै नै ल्याईयो 
सुहाली पूड़े और गुलगले सब रल मिल कै नै खाईयों 
*आपस की राड़ घरां मैं होती जमा या भली कोन्या ।* 
3
सारे गाम नै मेरे तरफ की या राम राम दियो जरूर 
दोनो भान रहियो प्रेम तैं आदर सम्मान कियो जरूर 
*फ़ौज मैं हालात नहीं अच्छे लड़ाई इब्बै टली कोन्या ।* 
4
इस मिहने साम्मण की या रुत घनी गजब बताई
ईद बी आज काल मैं या जावै पूरे गुहांड मैं मनाई 
*रणबीर करै कविताई छाणी बरोने की गली कोन्या ।*