Friday, 17 February 2023

843 से 852

: 843

दलित अत्याचार पर ,महिला के बलात्कार पर

फैल रहे भ्रष्टाचार पर, सही सही बताओ हमनै।।

1

आज भी दलित पै अत्याचार कम होते देवैं दिखाई ना

महिला का यौन शोषण ईसमैं कोए भी कमी बताई ना

महंगाई के उभार पर,रूढ़िवाद के प्रचार पर

काले धन की धार पर,सही सही बताओ हमनै।।

2

कालेज और स्कूलों मैं यो भगवाकरण क्यों फैलाया

सारे कै चहेते जावैं बिठाए ईतना ऊधम क्यों मचाया

पढाई के व्यापार पर,नकल की भरमार पर

नान अटैंडिंग कतार पर,सही सही बताओ हमनै।।

3

मुख्यमंत्री मुफ्त ईलाज स्कीम सब ताहिं ना पहोंच पाई

पीजीआई की सम्भाल ना घणी पोस्ट  खाली बताई

बीमारी के उभार पर, मरीजों के उपचार पर

डाकटरां के भ्रष्टाचार पर,सही सही बताओ हमनै।।

4

बेरोजगारी घणी बढादी, किसान क्यों फांसी खावै

महिला कितै महफूज ना किसनै वा दुखड़ा दिखावै

बेरोजगारी के प्रसार पर, पोरनोगराफी के बाजार पर,अमीरां की लूटमार पर,सही सही बताओ हमनै 

: 844

अन्धविश्वास

जनता नै अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 

देकै लालच और डर दिखाकै वोट लेकै नै राज मैं आवै ॥ 

मजदूर की मजदूरी खाज्यां ये लीला भगवान की बताते 

किसान की फसल मंडी बीच देखो लगाकै बोली उठाते 

जात धर्म पर अफवाह फ़ैलाकै आपस मैं खूब लड़वाते 

दोनों की म्हणत  की कमाई बैठके महलों अंदर खाते 

भगवान की लीला बता लुटेरा पत्थरों की पूजा करवावै॥

 जनता नै अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 

पूरी दुनिया मैं खेल धर्मों का पूंजीपति आज खेल रहे 

शोषण का सिस्टम पक्का आज मजदूर किसान झेल रहे

कितै अंधराष्ट्र वाद कितै  देखे आतंक वाद नै पेल रहे  

गरीब अमीर की खाई बढाक़ै काढ़ जनता का तेल रहे 

लूट नै मर्जी यो पूंजीपति अल्लाह ईशा राम की बतावै ॥ 

जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 

 सृष्टि जब तैं वजूद मैं आयी अग्नि और हवा देवता आया 

आगै चल्या समाज तो फेर मानस नै भगवान बनाया 

कुछ देशों मैं अल्लाह आग्या कुरान का पाठ पढ़ाया 

कुछ देशों  मैं ईशा मशीह नै फेर अंगद का पैर जमाया 

इस दुनिया मैं इतने धर्म क्यों सोचकै सिर यो चकरावै ॥ 

जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 

घरां बैठकै  ग्रन्थ बणाकै जमकै झूठ चलावन लागे रै 

जीभ चटोरे ऊत लूटेरे अन्धविश्वास फलावन लागे रै 

ब्रह्म पारासुर लड़की तैं देखो भोग करावन लागे रै 

आँख कान और नाक सींग मैं  पुत्र जमावन लागे रै 

रणबीर सिंह अपनी कलम अन्धविश्वास खिलाफ उठावै ॥ 

जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै

845

बेरोजगार युवक युवती दर दर भटकैं सैं।।

गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।।

1

धरती बाँटे आवै दो किले होता नहीं गुजारा

ब्याह होने हुए मुश्किल हांडे जावै सै कंवारा

इसे बख्त मात पिता की सलाह भी खटकैं सैं ।।

गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।।

2

खेत मजदूरी कम होगी और काम मिलता ना

बुसे बुसे मूंह होगे चेहरा कदे भी खिलता ना

हारी बीमारी के कर्जे सालां सिर पै लटकैं सैं।।

गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।।

3

सरकारी नौकरी कम होगी या छागी ठेकेदारी

मुश्किल होवै सै गुजारा वैश्यावृति की लाचारी

दर दर की ठोकर खाणी सुखी रोटी अटकैं सैं।।

गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।।

4

किसान फांसी खावैं सैं लुटग्या आज यो कमेरा

मुठ्ठी भर मौज करैं सैं म्हारी खातर घोर अँधेरा

रणबीर विरोध करां तो जेल मैं लेजा पटकैं सैं

गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।।

: 846

मतना लाओ वार सुणो , हो जाओ तैयार सुणो।

ले ऐके का हथियार सुणो , लड़नी आज लड़ाई रै।।

1. गांव, गली, शहर, कुचे मैं इज्जत म्हारी महफूज नहीं

  अत्याचार होते रोजाना करता कोए महसूस नहीं

  नहीं लड़ाई आसान सुणो चाहिए युद्ध घमासान सुणो

  मारे जावैं शैतान सुणो ,बची नहीं समाई रै ।।

2. रूढ़िवादी विचार क्यों देखो बनके ये दीवार खड़े

  कहने को होते देखो ये यहां बढ़िया प्रचार बड़े

  दुश्मन गेरता फूट सणो , ऐसे मचाए लूट सुणो

  अब तुम जाओ उठ सुणो , सही ना जा पिटाई रै।।

3. ये अन्नदाता कहने वाले आज कहां पर चले गए

  कर्म कर ना फल की चिंता,अरमान हमारे छले गए

  नहीं सहें अपमान सुणो , पायें हम सम्मान सणो

  चले ऐसा अभियान सुणो , डंके की चोट बताई रै।।

4. जीना है तो लड़ना होगा, संघर्ष हमारा नारा किसानों

  संगठन बना के कदम बढ़ाएं,दूर नहीं किनारा किसानों

  अब तो उंचा बोल भाई, झिझक ले अपनी खोल भाई

  जाए दुश्मन डोल भाई , रणबीर अलख जगाई रै।।

 847

अन्धविश्वासों का घेरा

भगवान मंदिर मैं बैठया खुद दीवा नहीं जला पावै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

1

पत्थर के शेर की पूजा दुर्गा की सवारी मान कै करते

जिन्दा शेर दीखज्या तै ज्याण बचाण नै भागे फिरते

पत्थर तैं इतना लगाव जीव हमनै क्यों नहीं भावै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

2

पत्थर का कुत्ता पूज्या जा शनिदेव की सवारी माणकै

जिन्दा नै कहते भागज्या उसकै डंडा मारते ताण कै

पत्थर पूजा छारी सारे कै या बात समझ नहीं आवै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

3

गणेश तैं दूध प्या दिया हजारों टन बताया जासै

मंदिर मैं करोड़ों का चढ़ावा हर साल  चढ़ाया जासै

मंदिर बाहर  बालक भूखा दो रोटियां पाया चाहवै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

4

धार्मिक ग्रंथ कितने पुराने कोये तो मनै बतादयो

ग्रन्थ पुराने एक इंसान आकै कोये तो समझादयो

लिपि इंसान नै बनायी रणबीर नहीं झूठ भकावै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

848

छब्बीस जनवरी का दिन लाखां क़ुरबानी देकै आया रै।।

आज हटकै  म्हारे देश पै गुलामी का बादल छाया रै।।

आजाद देश के सपने म्हारे सबनै मिलै पढाई या

बिना इलाज ना कोए मरै सबनै मिलै दवाई या 

भूखा कोए बी रहवै नहीं इसा हिन्दुस्तान चाहया रै।।

मजदूर किसान नै फेर उब्बड़ खाबड़ खेत संवारे 

सबको शिक्षा काम सबको पूरे करने चाहे ये नारे 

पब्लिक सैक्टर के कारखाने देश का आधार बनाया रै।।

साधनां मैं गरीब नहीं दरबरां की नियत खोटी होगी 

मेहनत लूट किसानां की पेट सहूकारां की मोटी होगी

अमीर घने अमीर होगे यो गरीब खड़या लखाया रै।।

अमीरी लूट छिपावन नै हम जात धर्म मैं बाँट दिए

सपने भगत सिंह के तोड़े गरीबाँ के पर काट दिए 

बिना फल की चिंता कर्म किया फल अम्बानी नै खाया रै।।

आर्थिक संकट छाग्या उदारीकरण का रह दिखाया

बदेशी पूँजी खातर देश का मूल आधार खिसकाया 

विश्व बैंक का रिमोट कण्ट्रोल गुलामी का जाल बिछाया रै।।

गरीबाँ नै दल कै नै सपना महाशक्ति बनन का देखैं

देशी बदेशी कारपोरेट परोंठे म्हारे दम पै सेंकै

कहै रणबीर बरोने आला ओबामा ज्यां करकै भाया रै।।

रणबीर~25 जनवरी 2015

छब्बीस जनवरी के मौके पर

: 849

*कैलेंडरां तैं मूर्ति हटाकै दिलां तैं क्युकर हटाओगे* 

*इसे बुरे कर्म करो सो बहोतै घणा पछताओगे*

1

इतनी घटिया हरकत पहलम कदे देखी कोण्या

दूज्यां के तवे ऊपर कदे लोगां नै रोटी सेकी कोण्या

*लोगां मैं इज्जत अपनी थाम घणी कम कराओगे।।*

2

रोज अफवाह फैला कै जनता घणी बेकूफ़ बनाई

बेरोजगारी महंगाई चाहो थाम इनकै पाछै छिपाई

*ओछी राजनीति करकै नै देश का भट्ठा बिठाओगे।।*

3

मूर्ति हटाकै नाम बदल कै कै दिन राज चलै थारा

जात धर्म पै जनता लड़ा कै कै दिन काज चलै थारा

*मनुवाद का जहर फैला कै अपना नाश कराओगे।।*

4

किसान आंदोलन नै थारे फेल करे ये हथियार रै

जनता जाग रही सै कहवै हो जाओ खबरदार रै

*रणबीर सिंह आज कहै अपनी तम भिद्द पिटवाओगे।।*

 850

*नेता की जागां पार्टी की नीति असल मैं बोल्या करै।।*

*या हिम्माती बैरी किसकी सबके भेद खोल्या करै।।*

1

स्वदेशी का नारा लाकै देश बेच्या म्हारा किसनै 

देश द्रोही सरकार कै यो लाया सै साहरा किसनै

*या रीजनल पार्टी न्योंए बीच के म्हां डोल्या करै।।*

2

पूंजीवादी सोच की पार्टी नीति एकसी अपनारी देखो

वैश्वीकरण और निजीकरण का ये झंडा ठारी देखो

*पूंजीपति के इशारे पै म्हारी चमड़ी छोल्या करै।।*

3

बदेशी कम्पनी सिर पै इन सबनै चढ़ाई देखो

देशी कम्पनी छोटी छोटी सारी पढ़ण बिठाई देखो

*इन बाताँ नै धर तराजू मैं वोटर नहीं तोल्या करै।।*

4

सीपीएम नै वैश्वीकरण का करकै विरोध दिखाया

अपने पाहयाँ खड़े होण का रास्ता नया बताया

*पूंजीवाद जात धर्म पै रणबीर जहर घोल्या करै।।*

: 851

*गरीबां की मर आगी मोदी थारे राज मैं।।*

1

रैहवण नै मकान कड़ै खावण नै नाज नहीं 

पीवण नै पाणी कड़ै बीमारां नै इलाज नहीं 

*या महंगाई जमा खागी मोदी थारे राज मैं।।*

2

कपास पीटी धान पीट दिया गिहूँ की बारी सै

जहर की गोली खा खा मरगे हुई घणी लाचारी सै

*किसान की धरती जागी मोदी थारे राज मैं।।*

3

बदेशी कम्पनी कब्जा करगी ये सारे हिंदुस्तान मैं

लाल कालीन बिछाये थामनै क्यों इनकी श्यान मैं

*इतनी घणी क्यों भागी मोदी थारे राज मैं।।*

4

महिला और दलित पै अत्याचार बढ़े आंख थारी मींचगी

मुसलमानों ईसाइयों पै नफरत की लाइन क्यों खींचगी

*रणबीर की छंद छागी मोदी थारे राज मैं।।*

[25/01, 3:51 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 851

*संदीप सिंह मंत्री तमनै अपमानित करी महिला खिलाड़ी।।*

*महिला नै दुखी होकै थारी सारी काली करतूत उघाड़ी।।*

1

चंडीगढ़ पुलिस नै मुश्किल तैं एफआईआर दर्ज करया

छेड़छाड़ के आरोपों बीच मंत्री साहब तू पाया घिरया

*पूरे हरियाणा के म्हं महिला संगठनों नै रोष मार्च लिकाड़ी।।*

2

कहती महिला खिलाड़ी मेरे को मंत्री नै अपने घर बुलाया

आफिस की बजाय उसनै न्यारे कमरे मैं लेजा कै बिठाया

*कैह खुश रैह खुश राख़ चाही करी यौन शोषण की जुगाड़ी।।*

3

महिला नै पुरजोर विरोध करया तो जबरदस्ती करनी चाही 

धक्का मार कै मंत्री के वा अपना पिंड छुटा कै घर नै आयी

*इसे करकै मंत्री नै कई तरियां चाही उंकि हालत बिगाड़ी।।*

4

नौकरी मिली फेर बी दुखी राखी तो प्रशासन को बताया

फेर प्रशासन भी नहीं उसकी मदद करण खातर आया

*पुलिस मैं दरखास्त दी सुणकै करी जनता नै करड़ी जाड़ी।।*

5

न्याय मिलना चाहिए खिलाड़ी नै जन संगठन आगै आये 

सरकार पै दबाव नै मंत्री के पुतले दहन करकै विरोध जताये

*रणबीर भी मदद मैं कलम ठाई मंत्री की सरकार भी लताड़ी।।*

852

852

हम दिए धरती कै मार, कसूते मोदी सरकार के वार, करने हाथ पड़ैं दो चार , सुणियो भारत के नर नारी।।

1

खेती पर काले बादल छाए कमर तोड़ कै धरदी 

धान कपास गेहूं पिटग्या जमा नाड़ मोड़ कै धरदी

या सब्सीडी खत्म करदी, क्यों हांडी पाप की भरदी, असली नहीं हमदर्दी, क्यों नीतियां की डांडी मारी।।

2

कारखाने लाखां बन्द होगे बच्या कितै रोजगार नहीं 

भ्रष्ट नेता अपराधी माफिया का खाली जाता वार नहीं

काला धन बाजार मैं आया, अमरीका नै जाल बिछाया, मध्यम वर्ग खूब भकाया, दिखा कै सपने बड़े भारी।।

3

मीडिया को काबू कर लिया अपनी खबर दिखाई जां

औरत दी एक चीज बना बाजार मैं बोली लगाई जां

महिला भी इंसान हो सै, क्यों उसका अपमान हो सै,ना हमनै उन्मान हो सै, पुरानी रीत घणी अत्याचारी।।

4

पढ़ाई लिखाई म्हंगी करदी, आम आदमी कित जावै

पढ़ लिख कै बिना सिफारिश दफ़्तरां के धक्के खावै

अनैतिकता पै पलै बढ़ै, वो नैतिकता के नारे गढ़ै,

रणबीर की छाती पै चढ़ै, छलनी करदी छाती सारी।।

853 से 862

 853

नए का पुराना आधार होता है 


नए और पुराने का हमेशा संघर्ष   हुया बताया है। 

पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 

1

पुराने को खत्म करके बताओ नया कैसे बनेगा

पुराने की  कमी छाँट के इसकी अच्छाई पे खिनेगा

रीत बहुत पुराणी है कई बार पुराना  घबराया है।  

पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 

2

जरूरी नहीं नया भी बढ़िया हो ये सारे का सारा

 इंसानों में खाई करे पैदा वो नया नहीं है हमारा 

जो सबका भला करे वही नया सही ठहराया है। 

 पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 

3

तर्क और विवेक ये परखने के औजार बताये 

नियम कुदरत के जाने बिना दुःख नए ने ठाये  

कुदरत के साथ तालमेल से कर कमाल दिखाया है। 

पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 

4

मेरे बीरा क्यों लड़ते हो इस नए और पुराने पर

सोच समझ बढ़ो आगे रणबीर सिंह के गाने पर

संघर्ष से  बनता नया दीखती पुराने की भी छाया है।

पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है।

: 854

हरयाणा के समाज मैं

गरीबां की मर आगी हरयाणा के समाज मैं ||

रैहवन नै मकान कडै , खावन नै नाज नहीं

पीवन नै पानी कडै , बीमार   नै इलाज नहीं

महंगाई जमा खागी हरयाणा के समाज मैं ||

कपास पीटी धान पीट दिया गेहूं की बारी सै 

गीहूं की गोली खा खा मार्गे हुई घनी लाचारी सै 

किसान की धरती जागी हरयाणा के समाज मैं ||

बदेशी  कंपनी कब्ज़ा करगी ये हिंदुस्तान मैं

लाल कालीन बिछाए किसने इनकी श्यान मैं

इतनी घनी क्यों भागी हरयाणा के समाज नै ||

महिलाओं  पै अत्याचार बढे आंख म्हारी मींच्गी

दलितों के ऊपर क्यों तलवार म्हारी खिंचगी   

रणबीर की छंद छागी हरयाणा के समाज मैं ||

855

55 साल की आजादी  का एक आकलन ।

2003 की रचना 

खतरे मैं आजादी म्हारी जिंदगी बणा मखौल दी।

इसकी खातर भगत सिंह नै जवानी लूटा निरोल दी।

1

आजादी पावण की खातर असली उठया तूफ़ान था

लाठी गोली बरस रही थी जेलां मैं नहीं उस्सान था 

एक तरफ बापू गांधी दूजी तरफ मजदूर किसान था 

कल्पना दत्त भगत सिंह नै किया खुल्ला ऐलान था 

इंक़लाब जिंदाबाद की उणनै घणी ऊंची बोल दी ।

इसकी खातर भगत सिंह नै जवानी लूटा निरोल दी।

2

सत्तावन की असल बगावत ग़दर का इसे नाम दिया

करया दमन फिरंगी नै उदमी राम रूख पै टांग दिया 

सैंतीस दिन रहया जूझता कोये ना मिलने जाण दिया

हंस हंस देग्या कुर्बानी हरियाणे का रख सम्मान दिया

हिन्दू मुस्लिम एकता नै गौरी फ़ौज कति खंगोल दी।

इसकी खातर भगत सिंह नै जवानी लूटा निरोल दी।

3

भारतवासी अपने दिलां मैं नए नए सपने लेरे थे

नहीं भूख बीमारी रहने की नेता हमें लारे देरे थे

इस उम्मीद पै हजारों भाई गए जेलों के घेरे थे

दवाई पढ़ाई का हक मिलै ये नेक इरादे भतेरे थे

गौरे गए अर आगे काले गरीबां की छाती छोल दी।

इसकी खातर भगत सिंह नै जवानी लूटा निरोल दी।

4

फुट गेरो राज करो की रणबीर नीति चाल रहे रै

कितै जात कितै धर्म नै ये बना अपनी ढाल रहे रै

आपस मैं लोग लड़ाए लूट की कर रूखाल रहे रै

वैज्ञानिक नजर जिसकी जी नै कर बबाल रहे रै

इक्कीसवीं की बात करैं राही छटी की खोल दी।

इसकी खातर भगत सिंह नै जवानी लूटा निरोल दी।

2003-2004

: 856

देख लिया जमाना

घूम जमाना देख लिया, म्हारी कितै सुनाई कोन्या।

रोल कड़ै सै जमाने मैं, म्हारी समझ मैं आई कोन्या।।

1

महंगा लेकै सस्ता देना, कमा-कमा कै मर लिये रै

लूट म्हारी कमाई किसनै, ये घर अपने भर लिये रै

कर्जे सिर पर लिये रै, बचण नै जागां पाई कोन्या।।

रोल कड़ै सै जमाने मैं, म्हारी समझ मैं आई कोन्या।।

2

दिन-दिन महंगी होती जावै, बालकां की पढ़ाई या

पढ़े पाछै रोजगार नहीं सलॅफास की गोली खाई या

कित जावै कमाई या खोल कै बात बताई कोन्या।।

रोल कड़ै सै जमाने मैं, म्हारी समझ मैं आई कोन्या।।

3

अपोलो जिसे अस्पताल नये-नये खोले जावैं रै

घणा म्हंगा इलाज उड़ै हम बाहर खड़े लखावैं रै

सरकारी के ताला लावैं रै, देता जमा दिखाई कोन्या।।

रोल कड़ै सै जमाने मैं, म्हारी समझ मैं आई कोन्या।।

4

अमीरां की खातर ये बदेशी कम्पनी तैयार खड़ी

गरीबां की मर आगी बाजारी नागन आज लड़ी

रणबीर सिंह नै छन्द घड़ी करी जमा अंधाई कोन्या।।

रोल कड़ै सै जमाने मैं, म्हारी समझ मैं आई कोन्या।।

857

कै दिन राज चलैगा रै।

वोट लिए बहकाकै

वोट लिए हम बहकाकै  ईब बिजली के रेट बढ़ाकै

म्हारे तांहिं आँख दिखाकै कै दिन राज चलैगा रै।

बिजली कितने घण्टे आवै किसान इसपै विचार करै

कम बिजली की तूँ क्यूँ म्हारे सिर पै तलवार धरै

बिलां के उप्पर धमकाकै बिल धिंगतानै भरवाकै

राज पाट की दिखाकै  कै दिन राज चलैगा रै।

बिजली की चोरी थारे चमचे रोज हमनै करते देखे

करखनेदारां के एस डी ओ पाणी हमनै भरते देखे

जितनी बिजली होवै पैदा इसतैं किसनै कितना फैदा

बिना कोये कानून कैदा कै दिन राज चलैगा रै।

मुफ़्त बिजली पाणी देऊं एक बै न्यों कैह बहकाये

भरपूर बिजली लगातार मिलै वोट थे तणै गिरवाये

कर्मचारी साथ मिलाकै  बैठ गया कुर्सी पै जाकै

रोज ये झूठी सूँह खाकै एकै दिन राज चलैगा रै।

निजीकरण ना होवण दयूं इनकी घोषणा तणै करी

लारे लप्पे घणे दिए थे जनता नै पीपी तेरी भरी थी

विश्व बैंक तनै धमकावै  तूँ म्हारे पै छोह मैं आज्यावै

रणबीर सिंह छंद बणावै कै दिन राज चलैगा रै।

858

मल्टीनेशनल अमरीका की कई साल तैं डूबती आवैं सैं।।

लूट मचावैं भारत मैं ज्यां दरवाजे खुलवाने चाहवैं सैं।।

अपना टोटा म्हारे देश मैं आकै पूरा करने का विचार सै

पूँजी उनकी मेहनत म्हारी मुनाफा चाहवै बेसुमार सै

लूट के दरवाजे खोलै मोदी ज्यां ओबामा नै खण्दावैं सैं।।

म्हारे देश की पूँजी भी आज उनका मुंह सै ताक रही रै

लूट के बारा आन्ने उनके चार आन्ने की चाह फांक रही रै

अम्बानी अडानी ज्यां करकै मोदी के गीत खूब गावैं सैं।।

जनता खातर नारे घड़दें मीडिया इनका साथ निभावै

जात धर्म पै जनता बांटी मन्दिर मस्जिद पै लड़ावै

मीडिया मिलकै समाँ बांधरया जनता का मोर नचावैं सैं।।

अमीर गरीब की खाई या और घनी चौड़ी होवैगी सुणियो

फासिज्म की जमीनी तैयारी जनता फेर तैँ रोवैगी सुणियो

कहै रणबीर बरोने आला आच्छे दिन कहकै भकावैं सैं।।

26.12015

गणतंत्र दिवस की मुबारक सबको

859

रूढि़वाद

रूढि़चाद यो म्हारे देस मैं क्यों चारों कान्ही छाया।

फरज माणस का सच कहने का ना जाता आज निभाया।।

पुराने मैं सड़ांध उठली पर नया कुछ बी कड़ै आड़ै

नया जो चाहवै सै ल्याणा पार ना उसकी पड़ै आड़ै

घनखरा ए माल सड़ै आड़ै कहैं राम की सब माया।।

वैज्ञानिक सोच का पनपी लाया कदे विचार नहीं

पुराणा सारा सही नहीं हुया इसका प्रचार नहीं

नये का वैज्ञानिक आधा र नहीं अन्धकार चौगरदें छाया।।

नये मैं बी असली नकली का रास्सा कसूत छिड़ग्या

वैज्ञानिक दृषिट बिना यो म्हारा दिमाग जमा फिरग्या

साच झूठ बीच मैं घिरग्या हंस बी खड़या चकराया।।

पिछड़े विचारां का प्रचार जनता नै आज भकाया चाहवैं

बालकां का दूध खोस कै गणेश नै दूध पिलाया चाहवैं

दाग जनता कै लाया चाहवैं रणबीर सिंह बी घबराया।।

860

आछे दिन लेकै आया मनै घणे काम कराये रै

आधार कार्ड के साहरै सबकै साँस चढ़ाये रै

1

इंके बणावण मैं घपला पाया घणा भारया रै

खाते गेल्याँ लिंक करो यो आधार कार्ड थारा रै

मोबाइल भी लिंक करो छोड्या ना कोये चारा रै

एलपीजी की पूँछ नै इसकै बांध्या चाहरया रै

पार्क में छोरी छोरे ना मिलैं ये फरमान सुनाये रै।।

आधार कार्ड के साहरै सबकै सांस चढ़ाये

2

जुलाई से पहले भरो रिटर्न यो हुक्म सुण्या रै

नोट बदलो जी एस टी यो सारा भारत तन्या रै

गरीब मानस नै बैंक आगै गर्मी मैं सिर धुन्या रै

गैस सिलेंडर खातर यो न्यारा राह चुण्या रै

रेल यात्रा कर महंगी ये अमीरां के घर भरवाये रै।।

आधार कार्ड के साहरै सबकै सांस चढ़ाये रै

3

ए टी एम खेल बनाया काढ़ण पै पाबंदी लाई

म्हारा पिसा फेर इसपै कितनी उल्टी स्कीम चलाई

बेरोजगारी दिन दोगुनी या पूरे भारत मैं बढ़वाई

नौजवानों ताहिं या कावड़ खूब गई पकड़ाई

लव जिहाद की मुहिम सारे कै लोग भड़काये रै।।

आधार कार्ड के साहरै सबकै सांस चढ़ाये रै

4

मेल्यां मैं ना बेचोगे डांगर यो फरमान सुनाया

पशुधन म्हारा फेर क्यों यो ईसा कानून बनाया

हवा मैं फैंकें जुमले यो सारा हिंदुस्तान बहकाया

देश दोबारा तोडण का हिंदूवाद नै ठेका ठाया

रणबीर कहै सुणल्यो ला हाँगा विचार बताये रै।।

आधार कार्ड के साहरै सबकै सांस चढ़ाये रै।।

 861

वार्ता: सरतो को ज्ञान विज्ञान वालों का निमन्त्राण मिलता है रोहतक

आने का, अमरीका के खिलाफ युद्ध के विरोध में जुलूस में शामिल होने का।

सरतो अपनी सहेली सरोज के साथ मानसरोवर पार्क में पहुंच जाती है। वहां

ज्ञान विज्ञान की नेता शुभा बताती है कि हम समझते हैं कि ज्ञान और विज्ञान

का प्रयोग दुनिया को बेहतर बनाने के लिए, जरूरतों को पूरा करने में होना

चाहिये न कि उनके भविष्य को छीनने के लिए। हैरानी की बात यह है कि

युद्ध,आतंक, हिंसा और नशे का पूरी दुनिया में जाल बिछाने वाला अमरीका

दूसरे देशों को दण्डित कर रहा है, उन पर आर्थिक प्रतिबन्ध लगा रहा है,

तलाशियां ले रहा है और फतवे जारी कर रहा है।

एक सर्वेक्षण के अनुसार 65 प्रतिशत अमेरिका जनता सुरक्षा परिषद की

अनुमति के बिना हमले का विरोध करती है। बुश प्रशासन इराक पर व्यापक

विनाश के हथियारों को रखने और इन हथियारों के उत्पादन की सहूलियतों

को छिपाने का आरोप लगा रहा है। दूसरा झूठ है कि बिना किसी थोड़े से

सबूत के इराकी सरकार को अलकायदा से जोड़ने की कोशिश में है ताकि

उसे हमला करने का बहाना मिल सके। तीसरा झूठ यह है कि बुश ने घोषणा

की है कि इराक को उसके राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की निरंकुशता से मुक्त

कराने के लिए युद्ध की जरूरत है। इस सरकार को बदल कर इराक में

जनतन्त्रा लागू करने का वायदा किया गया है।

इराक पर हमले के बहाने खोज रहा है अमरीका। मगर दुनिया की

जनता ने सड़कों पर आकर बता दिया कि हमें युद्ध नहीं चाहिये। सरतो

वापिस आ जाती है। रात को उसे सपना आता है। सुबह वह अपनी जिठानी

से सुपने का जिकर करती है। क्या बताती है भला:

के बताउं जिठानी तनै तेरा देवर सपने म्हां आया री।।

देख कै हालत उसकी आई नहीं पहचान के म्हां काया री।।

बिखरे बिखरे बाल थे उसके मूंछ और दाढ़ी बढ़ी हुई

ना न्हाया ना खाया दीखै चेहरे की हड्डी कढ़ी हुई

नींद एक गाड्डी चढ़ी हुई घणी चिन्ता के म्हां पाया री।।

बैठी होले न्यों बोल्या जंग के पूरे आसार होगे

सारी दुनिया युद्ध ना चाहवै अमरीकी मक्कार होगे

माणस लाखां हजार होंगे मिलकै सबने नारा लाया री।।

चीं करकै जहाज हवाई आसमान मैं आन्ता दिख्या

बटन दाब कै बम्ब गेरया पति मनै कराहन्ता दिख्या

दरद मैं चिल्लान्ता दिख्या उनै हाथ हवा मैं ठाया री।।

इतना देख कै मनै अपनी छाती पै हाथ फिरा देख्या

आंख उघड़गी मेरी घबराकै घोर अन्ध्ेरा निरा देख्या

रणबीर सिंह नै घिरा देख्या तुरत मदद कै म्हां आया री।।

: 862

वार्ता: एक दिन बिलासपुर गांव में ज्ञान विज्ञान समिति के चर्चा मण्डल

की बैठक होती है। उसमें चर्चा अमरीका की दादागीरी पर होती है। वहां

बताते हैं कि अमरीका बनाम शेष विश्व का मामला है यह! अमरीका किसी भी

कीमत पर इराक में सरकार परिवर्तन चाहता है। सन् 1991 से अन्तहीन युद्ध

इराक के खिलाफ चलाया जा रहा है। उस युद्ध में अमरीका के लड़ाकू

विमानों और मिसाइलों ने 1,10,000 हवाई उड़ानें भरी थी और 88,500 टन

बम गिराये थे। उस युद्ध में 1,50,000 इराकी मारे गये थे। घर, अस्पताल,

स्कूल कुछ भी नहीं बख्शा था। मामला अमरीका और इराक का नहीं है।

मसला ये है कि पूरी दुनिया में अमन बराबरी और मानवता वादी मूल्यों को

स्थापित करना है या अमरीका का गलबा कायम होना है। वापिस आते हुए

सरतो अपने मन-मन में नफेसिंह को याद करती है और क्या सोचती है भला

अमरीका मनै बतादे नै क्यों हुया इसा अन्याई तूं।।

इराक देश नै मिटाकै नै किसकी चाहवै भलाई तूं।।

खुद हथियार जखीरे लेरया ओरां पै रोक लगावै

दस साल तै पाबन्दी लाकै इराक नै भूखा मारना चाहवै

मतना इतने जुलम कमावै बणकै बकर कसाई तूं।।

जमीनी लड़ाई बिना तेरै इराक हाथ नहीं आणे का

इराक खतम करे बिना ना जमीनी कब्जा थ्याणे का

गाणा सही गाणे का क्यों दुश्मन बण्या जमाई तूं।।

खून मुंह कै लाग्या तेरै फिर अफगानिस्तान के मां

मानवता कती पढ़ण बिठादी तनै सारे जहान के मां

बची सै इन्सान के मां या खत्म करै अच्छाई तूं।।

सब देशां मैं नारे उठे जंग हमनै चाहिये ना

तेल की खातर ओ पापी लहू मानवता का बहाइये ना

आगै फौज बढ़ाइये ना बस करणी छोड़ बुराई तूं।।

पढ़ाई लिखाई व्यापार बणादी खट्टर साहब की सरकार 

 पढ़ाई लिखाई व्यापार बणादी खट्टर साहब की सरकार नै।

या फीस कई गुणा बधा दी मारे म्हंगाई की रफ्तार नै।।
1.
स्कूल बक्से ना बक्से कालेज इस बढ़ती फीस के जाल तैं
दस लाख साल की फीस यो मांस तार लिया सै खाल तै
हरियाणे मैं हाहाकार माचग्या इस आण्डी बाण्डी चाल तैं
जमा धरती कै मार दिये के सीएम वाकफ ना म्हारे हाल तै
दस लाख के बॉण्ड भराकै देखो लूटैं जनता लाचार नै।।
2.
सुप्रीमकोर्ट द्वारा बढ़ी फीस के कदम सही ना बताये जावैं
यूजीसी कटपुतली बणादी उल्टे नियम बणवाये जावैं
के थोड़ी फीस थी पहलम दस लाख के बांड भरवाये जावैं
एकला हरियाणा सै जित दस लाख  शुरू मैं धरवाये जावैं
बन्धुओ थारी बढ़ी फीस या लेगी खोस कै म्हारी बहार नै।।
3.
चार पांच सरकारी कालेज पूरे हरियाणा में बताये सैं
पीजीआईएमएस रोहतक ढाई सौ की संख्या
ल्याये सैं
इनको पढाने की खातिर नहीं और केन्सल्टेंट
बढ़ाये सैं
गरीब बालक माखी की ढालां काढ़ कै बाहर गेरे चाहे सैं
चौंतीस दिन होगे हड़ताल पै जुल्म ढाये म्हारी सरकार नै।।

4.
कारपोरेट के कहने पै बन्धुओ क्यों गोड्डे टेके तमनै
उनके फायदे खातर क्यों म्हारे फायदे नहीं देखे तमनै
सब्सिडी खत्म गरीबां की बर्बादी पै परोंठे सेके तमनै
जनता साथ फीस बढ़ा कै ईब फंसा लिये पेचे तमनै
रणबीर सिंह सफल बनाया चाहवै छात्रों की हुंकार नै।।

मोदी राज नै वायदे भुला कै किसान करे बेहाल, देखियो के होगा ।।

 देखियो के होगा

मोदी राज नै वायदे भुला कै किसान करे बेहाल,
देखियो के होगा ।।
खेत क्यार उजाड़ दिए और किसान मार दिया धरती कै
बिकवा खिड़की किवाड़ दिए दिवाला पिटग्या सरती कै
किसान छोडडे ना किसे दीन के इसी बिगाड़ी चाल, देखियो के होगा ।।
कमा कमा खेताँ मैं मर लिए लूटकै पेप्सी कोला लेग्या
पलंग निवारी देऊंगा कैहकै खोस म्हारा खटोला लेग्या
दो किल्ले आला जकड दिया बिछाकै चौगिरदें जाल,  देखियो के होगा ।।
भारत की सरकार पसार रही अमरीका आगै झोली रै
इसे चश्में चढ़ाये अमरीका नै ना दीखै उसकी रोली रै
मोदी थारी नीतियां नै पाड़ लिए सिर के सारे बाल, देखियो के होगा ।।
कपास पीटी धान पीट दिया गिंहूँ पिटण की बारी सै
नौकरी खोसी धंधे चौपट यो अग्निपथ किया जारी सै
रणबीर अडानी आगै गोडडे टेके बणगे जमा दलाल,  देखियो के होगा ।।
18/07/2022

दामिनी

 दामिनी

कलकता  हवाई अड्डे पर पता लगा की दामिनी ने

अपने संघर्ष की आखिरी साँस सिंघपुर में ली है तो

बहुत दुःख हुआ और यह रागनी वहीँ पर कल लिखी -----

याद रहैगा थारा  बलिदान दामिनी भारत देश जागैगा ।।

थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।।

सिंघापुर  मैं ले जा करकै  बी हम थामनै बचा नहीं पाये  

थारी इस कुर्बानी नै दामिनी आज ये सवाल घने ठाये  

गैंग रेप की कालस का यो अँधेरा भारत देश तैं भागैगा ।।

थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।।

पूरा देश थारी साथ यो पूरी तरियां खड्या हुया

जलूस विरोध प्रदर्शन कर समाज सारा अड़या हुया

फांसी तोड़े जावैंगे वे जालिम इसपै  हांगा पूरा लागैगा ।।

थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।।

महिला संघर्ष की थाम दामिनी आज एक प्रतीक उभरगी

दुनिया मैं थारी कुर्बानी की कोने कोनै सन्देश दिगर गी

इसमें शक नहीं बचर या कोर्ट जालिमों नैं फांसी टांग़ैगा।।

थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।।

लम्बा संघर्ष बदलन का सोच समझ आगै बढ़ ज्यांगे

मंजिल दूर साईं दामिनी हम राही सही पै चढ़ ज्यांगे

कहै रणबीर सिंह नए साल मैं जालिम जरूरी राम्भैगा ।।

थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।।

गोरयां नै जहरी बीज बोए जहरी फसल काटो भाई ।।

 गोरयां नै जहरी बीज बोए जहरी फसल काटो भाई ।।

हिंदुस्तान म्हारा सबका सै क्यों हिंदू मुस्लिम में बांटो भाई।।

1

 हिंदू मुस्लिम सिख इसाई बुध जैन सब इसके वासी 

बहु विविधता भारत की पहचान इसकी आच्छी खासी 

आतंकवाद की आंधी नै सारे रल मिलकै नै डाटो भाई ।।

हिंदुस्तान म्हारा सबका सै क्यों हिंदू मुस्लिम में बांटो भाई।।

2

युद्ध उन्माद धर्म उन्माद मानवता के बैरी बताए 

पूंजीवाद ने दुनिया में ये खतरनाक हथियार बनाए 

दो युद्ध हुए दुनिया मैं मारे लाखां कैसे नाटो भाई ।।

हिंदुस्तान म्हारा सबका सै क्यों हिंदू मुस्लिम में बांटो भाई।।

3

पूंजीवादी विकास नै आज असमानता खूब बढ़ाई सै

आतंक की जड़ याहे समानता आज बताइ सै

इसकी पोल खोल कै नै सब इसनै न्यारा छांटो भाई ।।

हिंदुस्तान म्हारा सबका सै क्यों हिंदू मुस्लिम में बांटो भाई।।

4

धर्म आधारित राष्ट्र नहीं कितै भी टिक पाया भाइयो

मानवता बची रहै म्हारी इस पै पूरा ध्यान लगाइयो

सारे मिलकै आतंकवाद नै जमकै  पीटो लातों भाई।।

हिंदुस्तान म्हारा सबका सै क्यों हिंदू मुस्लिम में बांटो भाई।।

आछे दिन लेकै आया मनै घणे काम कराये रै

 आछे दिन लेकै आया मनै घणे काम कराये रै

आधार कार्ड के साहरै सबकै साँस चढ़ाये रै

1

इंके बणावण मैं घपला पाया घणा भारया रै

खाते गेल्याँ लिंक करो यो आधार कार्ड थारा रै

मोबाइल भी लिंक करो छोड्या ना कोये चारा रै

एलपीजी की पूँछ नै इसकै बांध्या चाहरया रै

पार्क में छोरी छोरे ना मिलैं ये फरमान सुनाये रै।।8

आधार कार्ड के साहरै सबकै सांस चढ़ाये

2

जुलाई से पहले भरो रिटर्न यो हुक्म सुण्या रै

नोट बदलो जी एस टी यो सारा भारत तन्या रै

गरीब मानस नै बैंक आगै गर्मी मैं सिर धुन्या रै

गैस सिलेंडर खातर यो न्यारा राह चुण्या रै

रेल यात्रा कर महंगी ये अमीरां के घर भरवाये रै।।

आधार कार्ड के साहरै सबकै सांस चढ़ाये रै

3

ए टी एम खेल बनाया काढ़ण पै पाबंदी लाई

म्हारा पिसा फेर इसपै कितनी उल्टी स्कीम चलाई

बेरोजगारी दिन दोगुनी या पूरे भारत मैं बढ़वाई

नौजवानों ताहिं या कावड़ खूब गई पकड़ाई

लव जिहाद की मुहिम सारे कै लोग भड़काये रै।।

आधार कार्ड के साहरै सबकै सांस चढ़ाये रै

4

मेल्यां मैं ना बेचोगे डांगर यो फरमान सुनाया

पशुधन म्हारा फेर क्यों यो ईसा कानून बनाया

हवा मैं फैंकें जुमले यो सारा हिंदुस्तान बहकाया

देश दोबारा तोडण का हिंदूवाद नै ठेका ठाया

रणबीर कहै सुणल्यो ला हाँगा विचार बताये रै।।

आधार कार्ड के साहरै सबकै सांस चढ़ाये रै।।

बलात्कारी गुरमीत बाबा

 बलात्कारी गुरमीत बाबा आज ठहरा दिया हत्यारा रै।।

रामचन्द्र की शहादत काम आई नाम गूंज गया दोबारा रै।

1

डेरा सच्चा सौदा के बाबा की करतूत साहमी आगी रै

रामचन्द्र छत्रपति की कुर्बानी रहीम नै पाठ पढ़ागी रै

परिवार मैं खुशी छागी रै यो राम रहीम दोषी म्हारा रै।।

रामचन्द्र की शहादत काम आई नाम गूंज गया दोबारा रै।।

रूढ़िवाद के दम पै राम रहीम नै जनता खूब भकाई

अंधविश्वासों के झांसे देकै डेरे मैं साध्वी खूब सताई

दुराचारी नै छवि बनाई लेकै नै सेवा का साहरा रै।।

रामचन्द्र की शहादत काम आई नाम गूंज गया दोबारा रै।।

3

स्कूल अस्पताल खोल कै बाबा नै साख बनाई थी

गरीब लोगों नै अपनी बेटियां पढ़ण नै खंदाई थी

साध्वी घणी सताई थी कोण्या चाल्या कोये चारा रै।।

रामचन्द्र की शहादत काम आई नाम गूंज गया दोबारा रै।।

4

पूरा सच अखबार नै भांडा सच्चे सौदे का फोड़ दिया

खोल दिये भेद डेरे के घमंड रहीम का तोड़ दिया

रणबीर छन्द जोड़ दिया करकै नैबारा छह ठारा रै।।

रामचन्द्र की शहादत काम आई नाम गूंज गया दोबारा रै।

द्रोपदी चीर हरण 

 द्रोपदी चीर हरण  पै महा भारत संग्राम हुया सुनाया।।

आज लाखां द्रोपदी लूटी जां कृृष्णजी नहीं टोहया पाया।।

द्रोपदी को जुए पै लाणे की हमनै या संस्कृृति सिखावै सै

पांचां की एक बहू होगी या महाभारत हमनै समझावै सै

महाभारत महाकाव्य मैं द्रोपदी को न्याय नहीं दिलवाया।।

द्रोपदी चीर हरण  पै ..............................

महा भारत मैं द्रोपदी गेल्यां बहोत बुरा व्यवहार हुया

आज घणे अत्याचार बढ़े महिला विरोधी संसार हुया

धुर तैं महिला निशाने पै मनुवाद नै कहर घणा ढाया।।

द्रोपदी चीर हरण  पै.......................................

महिला विरोधी माहौल तैं आज लड़ना घणा जरुरी सै

मिलै बरोबर का दरजा कैसे क्यों सताई जावै नूरी सै

संघर्ष करकै हक पावांगे दूर करां अंधविश्वासी छाया।।

द्रोपदी चीर हरण  पै .............................................

सामाजिक न्याय का मसला आज पूरे भारत मैं उठावांगे

किसान मजदूर को सम्मान मिलै इसा राज हम ल्यावांगे 

महाकाव्य महाभारत आज किसनै यो सै इतिहास बताया।।

द्रोपदी चीर हरण  पै....................................................

कौनसी परम्परा रुढिवादी सै कौनसी सै जन हितकारी

इसपै बहस चलानी होगी ना तो नुकसान होवैगा भारी

रणबीर सिंह सोच समझ कै द्रोपदी का प्रसंग ल्याया।।

द्रोपदी चीर हरण  पै.....................................................

सिलगै बदन में आग

 बबीता-चमेली को मेडिकल जाकर अपना मेडिकल करवाने के लिए तैयार करती है। वहां सविता उनकी पूरी मदद करती है। मेडिकल मुआएना हो जाता है और सूरत सिंह के खिलाफ पुलिस को केस दर्ज करना पड़ता है। गांव में चमेली का चरित्र हनन करने की पूरी कोशिशें की जाती हैं। चमेली की मां और बबीता उसका पूरा साथ देती हैं। एक दिन चमेली क्या सोचती है, क्या बताया कवि ने:-

या चोट मनै, गई घोट मनै, गई फिरते जी पै लाग, मेरै तो सिलगै बदन में आग।।

1. चाला होग्या गाला होग्या, क्यूकर बात बताउं बेबे,

  इज्जत गवाई, चिन्ता लाई, क्यूकर ज्यान बचाउं बेबे

  सुरते बरगे फिरैं घनेरे, क्यूकर गात छिपाउं बेबे

  देख अकेली करी बदफेली, क्यूकर हाल छुपाउं बेबे

  ना पार बसाई, ना रोटी खाई, ना आच्छा लागै कोए राग

              मेरै तो सिलगै बदन में आग।।

2. जिस देश मैं नहीं होता हो सही सम्मान लुगाई का

  उस देश का नाश लाजमी, जड़ै अपमान लुगाई का

  सारी जिन्दगी राम भज्या सै, नहीं भुगतान दुहाई का

  घणा अष्टा बणा दिया सै, यो इम्तहान लुगाई का

  मैं तो मरली, दिल में जरली, लाउं नाश जले कै आग

              मेरै तो सिलगै बदन में आग।।

3. राम गाम सुणता हो तै, हाम कति ज्यान तै मरली

  औरत घणी सताई जागी, या मेरे दिल में जरली

  सबला लूटी अबला लूटी, दास बणाकै धरली

  इबै तो और सहणा होगा, के इतणे मैं सरली

  ना होठ सिउं ना जहर पिउं, तेरा करूं सामना निर्भाग

              मेरै तो सिलगै बदन में आग।।

4. डूबूं तिरूं मन होज्या सै, सोचूं कदे फांसी खावण की

  फेर सोचूं हिम्मत करकै, सजा कराद्यूं सुरते रावण की

  मां नै भी दिया बहुत सहारा, ऐसी मां ना पावण की

  कसर ना छोड़ी बबीता नै मेरा साथ निभावण की

  ना कदम हटावै ना केस ठावै न्यां रणबीर सिंह करै जाग

              मेरै तो सिलगै बदन में आग।

गुमनामी चंदे के दम पै पूंजीपति शासक पार्टियां पै छागे।।

 गुमनामी चंदे के दम पै पूंजीपति शासक पार्टियां पै छागे।।

बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।।

यो कानून इब लाजमी भ्रष्टाचार नै खूब बढावैगा भाइयो

पूंजीपति खेलैगा इब खुलकै म्हारै सांस चढ़ावैगा भाइयो

किसान मजदूर और जनता पै आज लगाम जोर की लागे।।

पाछले दो तीन सालां मैं योहे हमनै देवै सै दिखाई भाइयो

तेईस सौ करोड़ चंदे की भजपा नै करी सै उगाही भाइयो

पन्द्रा सौ करोड़ दो साल में ऐकले इलेक्ट्रोल बॉन्ड तैं पागे।।

जनतंत्र और गणतंत्र का जमाना इब चल्या गया भाइयो

आमजन तो कदम कदम पै कसूता छल्या गया भाइयो 

जनता नै भी जुमले इनके बेरा ना क्यों ईतने आज भागे ।।

किसान संकट देश मैं नौजवान घूमै आज बेरोजगार यो

ला और आर्डर की समस्या मच्या सै आज हाहाकार यो

कहै रणबीर सिंह बरोने आला म्हारे सारे सपने ये ढागे।।

दुनिया की वित्त पूंजी नै कसूता अंधेर मचाया।।--40 ---

 दुनिया की वित्त पूंजी नै कसूता अंधेर मचाया।।

सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।

1

जोंक बनकै लहू चूसै आज कारपोरेट साहूकार

कदेतैं हुक्म बजाती आयी सै केंद्र की सरकार 

देश भक्त जो असली उनको बताते आज गद्दार

नकली देश भक्त आज बनगे देश के   पहरेदार

राष्ट्रभक्ति के नाम पै तो अंध विश्वास फैलाया।।

सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।

2

कोटे परमट आले भेड़िए आज बनें सैं हितकारी

मजदूर किसान लूट लिए सबकी अक्कल मारी

मीठी मीठी बात करें पर भीतर तैं पूरे अत्याचारी

बकरी भेड़ समझैं हमनै आज के ये न्याकारी

कारपोरेट और वित्तपूंजी नै देश मैं धुम्मा ठाया।।

सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।

3

रिश्वतखोर मगरमच्छ पूरे हिन्दुस्तान मैं छागे

मजदूर किसान की कमाई चूट चूट कै नै खागे

अरबों के बने मालिक औधे घणे चौखे पागे

किसानी संकट के चलते ये किसान फांसी लागे

नये नये जुमले छोड़ कै यो हिन्दुस्तान भकाया।।

सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।

4

तीन मुंही नाग जहरी एकफन पै बड़ा व्यापारी

दूजे फन पै बैठी मारै भ्रष्टाचार की या थानेदारी

तीजे फन पै पूंजीपति करता कसूती मारा मारी

तीनों मिलकै देखो ये लूट घणी मचारे अत्याचारी

रणबीर सिंह नै यो टूटया फुटया छन्द बनाया।।

सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।

नौकरी

 नौकरी 

नौकरी घटा दई सरकारी,नौजवानों की अक्कल मारी

आरक्षण पै लड़ाई बढारी, धर्म का जाल बिछाया देखो।

1

कई लाख नौकरी देवांगे यो नारा खूब सुनाया भाई

पन्दरा लाख सबके खाते आम आदमी भकाया भाई

स्किल विकास करांगे भारी, पूरे देश मैं दी किलकारी,

रेहड़ी पकौड़े की छाती जारी, चौखा रोजगार दिवाया देखो।

2

ब्याह होता ना मिलै नौकरी आज दोनों खाली घूम रहे

सारे ताने तुड़ा कै देखे आखिर फांसी फंदा चूम रहे 

वैश्यावृति की मजबूरी होरी, सारे परिवार का जिम्मा ढोरी 

आज महिला दुखी घणी छोरी , रेपां नै यो कहर ढाया देखो।

3

रोजगार दिए कोन्या पर घर घर दारू पहोंचा दई 

हीरोइन फीम मैं जिंदगी नौजवानों की धका दई

पंजाब की करी खातर दारी, सै इबकै हरियाणे की बारी

जेलां मैं संख्या बढ़ती जारी,नैजवान घणा भरमाया देखो।

4

युवक युवती आज देखो ये बाजार व्यवस्था नै मारे

नशे और फ्री सेक्स के गर्क मैं बिछाकै जाल ये तारे

नौजवानों या म्हारी तसवीर, सुधारो लिख नई तहरीर

थारी साथ खड़्या रणबीर,संघर्ष का राह सुझाया देखो।

हरियाणे के वीरो जागो

 हरियाणे के वीरो जागो

हरियाणे के वीरो जागो तजो जात के बाणे नै।।

ढेरयां आला कुड़ता  सै समझो इसके ताणे नै।।

गरीब माणस नै मरज्याणी गरीब भाई तैं दूर करै

अमीर होज्यां एक थाली मैं यो गरीब मजबूर फिरै

अमीर इस्तेमाल भरपूर करै गरीबाँ नै बहकाणे नै।।

3

अमीरां का छोरा कोये बेरोजगार जमा ना पाणे का

पुलिस कचहरी सब उनके ख़ाली हुक्म ना जाणे का

गरीब लूट कै खाणे का टोहया सै राह मरज्याने नै।

3

मेहनत जात गरीबाँ की और कोये तो जात नहीं

जाट ब्राह्मण सिर फुड़वावें मिलै खान नै भात नहीं

जात मिटा सकै दुभांत नहीं बात कही सै स्याणे नै

4

जात के ठेकेदारां की बांदी या करै इनकी ताबेदारी

आम आदमी जकड़ लिया अमीर करै पूरी पहरेदारी

रणबीर करै नहीं चाटूकारी नहीं बेचै अपणे गाणे नै।

आज का जमाना 

 आज का जमाना 

देख कै उल्टी रीत जगत की दिल मेरा हुआ उदास ।।

भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।।

1

चोर जार ठग मौज उड़ाते शरीफ रहें दुःख भरते 

झूठे राज पाठ  के मालिक सचे फिरैं गुलामी करते 

देखे हिरन जंगलों मैं चरते गधे करैं गाम मैं वास ।।

भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।।

2

झूठे बरी जेल खानों मैं मनै सच्चे ठुकते देखे 

शर्म आले बेशर्म के आगै सर झुका लुह्क्ते देखे 

सच्चे मानस झुकते देखे दादा बनगे बदमास ।।

भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।।

3

झुठयाँ कै पल्लै धरती दौलत भले करैं पराई आशा 

म्हारे भारत देश मैं देखो दुनिया का अजब तमाशा 

गरीब नै भोजन का सांसा अमीरों के सब रंग रास ।।

भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।।

4

ये मजदूर ऊपर हुकम चलावें आज अफसर भूंडे 

घने दलाल पैदा होगे कई नेताअपने बरगे ढूंढें  

रणबीर सिंह बरग्याँ  नै ये गुंडे नहीं लेवन दें सांस ।।

भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।।

युद्ध हुया तो मरेंगे हिंदुस्तान पाकिस्तान के सिपाही ।।

 युद्ध हुया तो मरेंगे हिंदुस्तान पाकिस्तान के सिपाही ।।

अमरीका हथियार बेच कै करावै दोनों की तबाही।।

1

युद्ध उन्माद ठीक नहीं भावना मैं ये बहावैं सैं

दोनों कांहीं की सरकार भिड़ाये राखणा चाहवैं सैं 

कश्मीरी जनता दो पाटों बीच सालों तैं पिसती आई।।

अमरीका हथियार बेच कै करावै दोनों की तबाही।।

2

पुलवामा आतंकी हमले मैं कित चूक रही सरकार की 

 क्यों चुप्पी उसपै जो  बात गवर्नर नै भी स्वीकार की 

हजार तैं फालतू संख्या किसके हुकम तैं गई बढ़ाई।।

अमरीका हथियार बेच कै करावै दोनों की तबाही।।

3

कार उस हाई वे पै बीच में रोकी क्यूं ना बताओ रै

हवाई जहाज की फ़ाइल क्यों दाबी गई समझाओ रै

खुफिया एजेंसी की सूचना क्यो ना करी कार्यवाही।।

अमरीका हथियार बेच कै करावै दोनों की तबाही।।

4

इस आतंकी हमले पै सुरक्षा पै कई उठे सवाल ये

करकै नै पूरी इन्क्वारी बेरा पाड़ो कौन दलाल ये 

रणबीर कहै चौकस रहियो सोचो शांति की राही।।

अमरीका हथियार बेच कै करावै दोनों की तबाही।।