Sunday, 2 October 2016

निचोड़ हो लिया

निचोड़ हो लिया
सफ़दर जी की हत्या से निचोड़  हो लिया
हुया  हड्खाया राजवर्ग यो तोड़ हो लिया
एक जनवरी साल नवासी मोटा चाला होग्या
हुया हमला सफ़दर ऊपर घायल कुढाला होग्या
हमलावर खुद राज करनीये खुल्ला पाला होग्या 
सफ़दर के नाटक का ढंग योतै  निराला होग्या  
यो राजनीती और हत्या का गठजोड़ हो लिया ||
चारों कूट मैं शोक फैलग्या कूकी दुनिया सारी 
गाँव गाँव और शहर शहर मैं  दुखी हुए नर नारी    
पैरिस लन्दन रोम के अन्दर सदमा था बड़ा भरी
कलाकार था जग मैं नामी थी संस्कृति प्यारी 
यो सरकारी चिलत्तर का भन्दा फोड़ हो लिया || 
 सफ़दर हाश्मी डस लिया सर्प राज का काला है
अभिव्यक्ति की आजादी का इब तक यो टाला है
राजवर्ग की भाषा बोलो वर्ना मुंह पर  ताला है
साच पर से जो पर्दा ठावै उसी ज्यान का गाला है
राजवर्ग सारी जगह का दीखे एक औड हो लिया ||
जल्दी संभलो रचना कारो कला पर यो हमला है
जन पक्ष की कला हमारी ना बिल्कुल ये अबला है  
रोंदना चाहते हो तुम  जैसे करता हाथी पगला है
हबीब भारती विचार करों  क्या कदम हमारा अगला है
वर्ग लुटेरा हत्यारा यो एक ठयोड़  हो लिया ||