Tuesday, 24 April 2018

चश्मा जात का --बैरी म्हारा

 
जिस दिन भाईयो यो जात का चश्मा टूटैगा।।
उस दिन पैंडा म्हारा जुल्मी शोषण तैं छूटैगा।।
1
हमनै बाँटन नै बैरी नै हथियार बनाई या
गेहूं के खेत मैं पैदा खरपतवार बताई या
दीवार जै नहीं ढाई या सिर म्हारा फूटैगा।।
उस दिन पैंडा म्हारा जुल्मी शोषण तैं छूटैगा।।
2
म्हारे देश के सब माणस जात्यां मैं बाँट दिए
नयों म्हारी एकता के लुटेरयाँ नै पर काट दिए
समझन तै नाट दिए तो यो लुटेरा हमनै चूटैगा ||
उस दिन पैंडा म्हारा जुल्मी शोषण तैं छूटैगा
3
लुटेरयाँ की जात मुनाफा आंख खोल देख्या ना
लुटेरे एकै बोली बोलें हमने बोल कै देख्या ना
नाप तोल कै देख्या ना मुनाफा खोर न्यूं लूटैगा ||
उस दिन पैंडा म्हारा जुल्मी शोषण तैं छूटैगा।।
4
रणबीर बरोने आला याहे बिनती आज करै सै
नए ज़माने मैं क्यों इसकी कुली आज भरै सै
इस्ते काम ना आज सरै सै इसतैं दूना गल घूंटैगा ||
उस दिन पैंडा म्हारा जुल्मी शोषण तैं छूटैगा।।

जीत गये --बल्ले बल्ले


टी वी ऊपर बैठ कै हमनै लंका भारत लड़े देखे ||
दोनों तरफ के ख़िलाड़ी मैदान के महँ अड़े देखे || 
1
लोग बैठे चारों कान्ही मैदान खचाखच भरया हुया
कोए घरमैं बैठ्या कोए ,एलसीडी साहमी धरया हुया
कोए चुप कोए डरया हुया कई निढाल खड़े देखे ||
दोनों तरफ के ख़िलाड़ी मैदान के महँ अड़े देखे ||
2
श्री लंका नै शुरू करया साँस म्हारी बंद करदी ये
दौ सौ चुहतर रन छः पै बना कै साहमी धरदी ये
असमंजस दिलों मैं भरदी ये चौके छके जड़े देखे ||
दोनों तरफ के ख़िलाड़ी मैदान के महँ अड़े देखे ||
3
जीतेंगे या हारेंगे हम चर्चा जौर की चाल पड़ी या
अपने अपने अंदाजे थे थी मुश्किल तत्काल घडी या
देखै जनता बेहाल खड़ी या कई मजबूत बड़े देखे ||
दोनों तरफ के ख़िलाड़ी मैदान के महँ अड़े देखे ||
4
सचिन और सहवाग गये मायूसी घनी छागी फेर
धोनी और गंभीर नै जंग थामन मैं ना लाई देर
लंका के ख़िलाड़ी करे ढेर मूंधे मूंह कई पड़े देखे ||
दोनों तरफ के ख़िलाड़ी मैदान के महँ अड़े देखे ||
5
भारत की देख इसी एकता धयान दिल मैं आया यो
भ्रष्टाचार ख़त्म होज्या जै इतना ऐका करकै भजाया यो
रणबीर सिंह गीत बनाया यो छंद तुरत घड़े देखे ||
दोनों तरफ के ख़िलाड़ी मैदान के महँ अड़े देखे ||

औ दिन कद आवैगा

घर मैं सुनायी हो म्हारी औ दिन कद आवैगा ॥ 
मार पिटाई बंद हो सारी औ दिन कद आवैगा ||
1
रोटी कपडा किताब कापी नहीं घाट दिखाई देंगे 
चेहरे की त्योरी मिटजयां सब ठाठ दिखाई देंगे
काम करण के फेर पूरे घंटे आठ दिखाई देंगे
म्हारे बालक बने हुए मुल्की लाठ दिखाई देंगे
कूकै कोयल बागां मैं प्यारी औ दिन कद आवैगा ||
मार पिटाई बंद हो सारी औ दिन कद आवैगा ||
2
दूध दही का खाना हो बालकां नै मौज रहैगी
छोरी माँ बापां नै फेर कति ना बोझ रहैगी
तांगा तुलसी नहीं रहै दिवाली सी रोज रहैगी
बढ़िया व्यव्हार हो ज्यागा ना सिर पै फ़ौज रहैगी
ना हो औरत नै लाचारी औ दिन कद आवैगा ||
मार पिटाई बंद हो सारी औ दिन कद आवैगा ||
3
सुल्फा चरस फ़ीम का ना कोए भी अमली पावै
माणस डांगर जिसा ना रहै ना कोए जंगली पावै
दान दहेज़ करकै नै दुःख ना कोए बी बबली पावै
पीस्सा ईमान नहीं रहै ना कोए नकली पावै
होवें बराबर नर और नारी औ दिन कद आवैगा ||
मार पिटाई बंद हो सारी औ दिन कद आवैगा ||
4
माणस के गल नै माणस नहीं कदे बी काटैगा
गाम बरोना रणबीर का असली सुर नै छाँटैगा
लिख कै बात बबिता की सब दुःख सुख बांटैगा
वोह तो पापी होगा जो इसा सुनने तै नाटैगा
राड़ ख़तम हों म्हारी थारी औ दिन कद आवैगा ||
मार पिटाई बंद हो सारी औ दिन कद आवैगा ||

फ्लोरेंस नाइ टिनगेल


फ्लोरेंस नाइटिनगेल नै दुखिया का दुःख बांट्या हे 
वा अपना दर्द भूल गयी दुज्याँ का दर्द काट्या हे
1
वर्ल्ड वार मैं घायल फ़ौजी उनकी सेवा खूब करी 
दिन रात कदे ना देखे हथेली उप्पर ज्यान धरी
जितने फ़ौजी अस्पताल मैं सबका ए दिल डाट्या हे
वा अपना दर्द भूल गयी दुज्याँ का दर्द काट्या हे
2
दवा पट्टी और देख भाल दिल लगा करी उसनै
निराश फौजियाँ मैं फेर जीने की आश भरी उसनै
लालटेन आली नाइ टिनगेल का सबनै बेरा पाट्या हे
वा अपना दर्द भूल गयी दुज्याँ का दर्द काट्या हे
3
मानव सेवा मरीज की सेवा रास्ता उन्नै दिखाया हे
मानव प्रेम का सन्देश यो दुनिया के मैं पोंह्चाया हे
लालटेन तै करी रोशनी अँधेरा जग का छानट्या हे
वा अपना दर्द भूल गयी दुज्याँ का दर्द काट्या हे
4
नर्सिंग प्रोफेशन को भी दुनिया मैं सम्मान दिवाया
अवरोध घने पार करे यो करकै नै कमाल दिखाया
मानव सेवा तै रणबीर नहीं दिल उसका नाट्या हे ||
वा अपना दर्द भूल गयी दुज्याँ का दर्द काट्या हे

नक्सलवाद कितै पाकिस्तान

नक्सलवाद कितै पाकिस्तान ये जवान म्हारे झोंक दिए 
अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए 
1
शासक तंत्र का खेल दखे नहीं म्हारी समझ मैं आया रै
देश भक्ति के नाम पै जवान फ्रंट उप्पर लड़वाया रै
खेत मैं किसान दोफारे के मां यो पस्सीने पोंछता पाया रै
सरहद की रुखाली कराई खेत मैं हाँगा लगवाया रै
हक मांगे जिब जिब जनता नै चढ़ा सूली की नोक दिए।
2
दोनूंआं की देश सेवा तैं देखो अम्बानी का पेट फुलवाया
हमनै आवाज उठाई तो दोनूं फ्रण्टों पै हमें धमकाया
या किसी देशभक्ति जिसनै आज गरीब संकट बढ़ाया
सोचो जवानों और किसानों तमनै किसका राज बचाया
जिब हम बोलैं तो कहते ये कौन देशद्रोही भोंक दिए।
3
बेरा ना कितने किसान म्हारे ज्यान अनसमझी मैं खोगे
म्हारे देश के भक्त बेरा ना आज कित तान कै सोगे
हक मांगैं वे देशद्रोही देश लूटैं वे देश प्रेमी होगे
जात पात पै बांट दिए कमेरे ये बीज बिघ्न के बोगे
म्हारे संघर्षों के सारे रास्ते बांट बांट कै देखो रोक दिए।
4
देश द्रोह करणीये वे सैं जो हक छीन रहे किसानों के
देश द्रोही भक्त बणे हांडै आज हिमाती लुटेरे शैतानों के
म्हारे देश प्रेमी किसान क्यों आज शिकार अपमानों के
मुट्ठी भर शैतान क्यों बणे शासक देश मैं इंसानों के
कहै रणबीर छंद बनाकै ये समझा सही श्लोक दिए ।।

जेब कतरे

जेब कतरे धर्मात्मा
इब भूरा बण्या भूरसिंह , उसकै मोहर लगी सरकारी।
ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी।

पल  मैं तोला पल मैं माशा, कदे टाडै कदे छेरै खासा
चित बी मेरी पिट बी मेरी ना पड़ै कदे उल्टा पासा
ठाडे आगै होज्या म्याऊं पर हीने नै धमकावै खासा
घर मैं रहवै गऊ की ढालाँ बाहर करै यो पूरा तमाशा
पहरावे का नहीं ठिकाना हो पेंट कदे हो खद्दर धारी।

पूरा ज्ञानी ध्यानी बनै आरती हनुमान की तारै देखो
पिस्से नै भगवान मानै शेखी दिन रात बघारै देखो
दया धर्म दिखावे ताहिं पराई बीर पै तान्ने मारै देखो
बिना टूम धरें उधार दे ना ब्याज मैं खाल उतारै देखो
चुगली मैं बाप नारद का इनै लोगाँ की अक्कल मारी।

नीत डिगादे एक पैग पै हुया बिन पैंदे का लौटा रै
यार  का बनै यारी बख्त पै बिन बख्त मारै सौटा रै
बात घड़दे तुरत फुरत टोहले कोए बाहणा मौटा रै
अपने मुँह मियाँ मिठू कहै मैं सूँ सिक्का खौटा रै
यारे प्यारे उप्पर चलै उसकी भाई या तलवार दुधारी।

माखी भिंणकैं छिकमा सिनकै जब सत्ता तैं दूरी होज्या
पड़या खाट मैं रहै बाट मैं खत्म सारी गरूरी होज्या
हो बुरा हाल जनों सूने ताल मछली सी मजबूरी होज्या
ना चमक रहे ना दमक रहै झूऱ सिंह तैं यो झूरी होज्या
लिखै रणबीर जब झूरे पै उसकी आंख्यां मैं चिंगारी।

पीजीआई एमएस

कुछ समय पहले की हालत बयान की है। हो सकता है 
अब कुछ नर्स , डॉक्टर और मशीन आ गए हों। हालात 
खराब ही चल रहे हैं सरकार की नीतियों के चलते । क्या बताया भला---
पीजीआई एमएस की सुनियो कथा सुनाऊँ देखो।।
लाम्बी तै लाम्बी लाइन उड़ै ओपीडी मैं दिखाऊँ देखो।।
1
सर्जरी विभाग की हालत सुनकै झटके खाये रै
सीनियर रेजिडेंट बीस चाहियें पर पांच  बताये रै
ये तीन काम करते बीस का नहीं झूठ भकाऊँ देखो।।
लाम्बी तै लाम्बी लाइन उड़ै -------------
2
सात सौ स्टाफ नर्स आज मैडीकल मैं करती काम
नर्स काम नहीं करती मरीज रोज लगावैं इल्जाम
तीन हजार नर्स चाहियें राज की बात बताऊँ देखो।।
लाम्बी तै लाम्बी लाइन उड़ै----
3
बेहोशी विभाग मैं यो टोटा मशीनों का चलता आवै
कम होगी टेबल सर्जन की मरीज लाम्बी डेट पावै
ऑर्डर कर राखे सैं नयूं सालां तैं सुणता आऊं देखो।।
लाम्बी तै लाम्बी लाइन----
4
एक दिन मैं डॉक्टर आड़े डेढ़ सौ मरीज झेलता रै
दूजे देश का डॉक्टर उड़ै पन्दरा मरीज देखता रै
डॉक्टर मरीज भिड़ें आड़े कितनी भिड़ंत गिनाऊँ मैं।।
लाम्बी तै लाम्बी लाइन --------
5
मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना बेरा ना कित पड़ी सै
इसके लागू करने मैं चीज कुणसी या आण अड़ी सै
डिमांड सप्लाई का गैप यो किसकै जिम्मे लगाऊँ देखो।।
लाम्बी तैं लाम्बी लाइन---------
6
राष्ट्रीय बीमा योजना क्यों बन्द करदी पीजीआई मैं
पेशेंट वेलफेयर कमेटी क्यों ढीली होरी कार्यवाही मैं
गरीब का ना और ठिकाना दिल की बात सुनाऊँ देखो।।
लाम्बी तैं लाम्बी लाइन ---------

तोड़ की बात


स्वास्थ्य और शिक्षा का यो सरकार नै बजट घटाया रै
स्वामीनाथन रिपोर्ट नाटगे किसान फांसी पै चढ़ाया रै
1
विश्व बैंक मुद्रा कोष गेट की तिग्गी मार गहरी करती
बदेशी पूंजी देशी कारपोरेट म्हारी कष्ट कमाई चरती
पन्दरा लाख काले धन तैं म्हारी गौज क्यों नहीं भरती
महंगाई तैं ध्यान हटाणे नै दंगे करवाने तैं नहीं डरती 
मेल देशी बदेशी पूंजी का साम्प्रदायिकता तैं बिठाया रै
स्वास्थ्य और शिक्षा का यो सरकार नै बजट घटाया रै
2
पब्लिक सेक्टर ऊपर इसका हमला घणा भारी देखो
प्राइवेट सैक्टर की चाँदी सरकार बणी महतारी देखो 
42 लाख करोड़ बारा साल मैं सब्सिडी जारी देखो
अम्बानी के तलवे चाटते मजदूरां पै धरी आरी देखो 
सातवें वेतन आयोग का कर्मचारी पै तीर चलाया रै
स्वास्थ्य और शिक्षा का यो सरकार नै बजट घटाया रै
3
हरियाणे मैं भी अपणे वायदे भाजपा जमा भूल गई
राज नशे मैं कसूती ढालां देखो सरकार टूहल गई
पढ़ाई की शर्त का चुनाव पै बणा छाकटा रूल गई
आरक्षण पै खेल खेलकै पकड़ा तबाही नै तूल गई
जाट गैर जाट का जाणकै यो जहर कसूत फैलाया रै
स्वास्थ्य और शिक्षा का यो सरकार नै बजट घटाया रै
4
स्कूली शिक्षा हो चाहे उच्च शिक्षा सारै फीस बधाई सै
सरकारी अस्पतालों मैं भी बिन डॉक्टर इलाज चाही सै
सरकारी नौकरियां पै आज या कसूती कटार चलाई सै
किसान मजदूर मारे धरती कै महिला की भ्यां बुलाई सै
रणबीर लेल्यो सम्भाला विकास नहीं विनास कराया रै
स्वास्थ्य और शिक्षा का यो सरकार नै बजट घटाया रै

लव जिहाद

बीफ गऊ भारत माता आगे असली मुद्दे फैंक बगाये।।
लव जिहाद देश द्रोही गैल कब्रिस्तान नै ठाकै ल्याये।।
1
कितने करोड़ युवाओं को रोजगार दिया बताते कोण्या
गंगा मैया कितनी साफ़ हुई जिकरा कति चलाते कोण्या
बुल्लेट ट्रेन के कोच कितने तैयार करे दिखाते कोण्या
मेक इन इंडिया का के नतीजे लिखे कितै पाते कोण्या
दलित विरोध बढाँते जावैं दलित राष्ट्रपति भी बनाये।।
लव जिहाद देश द्रोही गैल कब्रिस्तान नै ठाकै ल्याये।।
2
कितने दागी नेता जेल गए नहीं कोये हिसाब बताया 
पन्दरा लाख म्हारे खातयाँ मैं आज तलक कोन्या आया
कश्मीर का हाल बुरा करया पीडीएफ तैं हाथ मिलाया
जवानों के खाण पीण मैं यो सुधार थोड़ा बी ना पाया
झूठे इतने वायदे करकै देखो फ़ौज के जवान बहकाये।।
लव जिहाद देश द्रोही गैल कब्रिस्तान नै ठाकै ल्याये।।
3
किसान आमदनी दुगणी करांगे जोर के नारे लगाये थे
डीजल पैट्रोल करांगे सस्ते घणे सब्ज बाग़ दिखाये थे
फांसी नहीं खावण देवांगे जुमले बहोत घणे सुनाये थे
स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करांगे ये सन्देश पहोंचाये थे
गरीबी कति टोही नहीं पावैगी सपन्यां मैं खूब घुमाये।।

ईमानदारों के खाते मैं यो म्हारा भारत देश आया कोण्या
रूपये के मुकाबले यो डॉलर नीचे नै आता पाया कोण्या
स्मार्ट सिटी का नक्शा थारा इस जनता नै भाया कोण्या
बहुविविधता पढ़न बिठा दी यो भाईचारा भाया कोण्या
कहै रणबीर बरोने आला दिमाग लगा मनै छंद रचाये ।।
लव जिहाद देश द्रोही गैल कब्रिस्तान नै ठाकै ल्याये।।

SMART CITY




सम्राट सिटी बण्या तो कौन बसै कौन उजड़ज्यागा ॥ 
किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा ॥
1
म्हारे गाम की धरती नै सरकार कब्जाना चाहवै सै 
बिकै तीस लाख मैं किल्ला किसान बाधु पाया चाहवै सै 
बिन किल्ले आले लोगों का यो पीतलिया लिकड़ज्यागा ॥ 
किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा ॥
राजस्थान मैं जाकै खरीदैं चौधरी बीस किल्ले धरती के 
बिना बिसवे आला भटकै हाल बुरे होये सैं सरती के 
किसा बुरा जमाना आया यो गरीब जमा पिछड़ज्यागा ॥ 
किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा॥ 
पुराने गाम मैं म्हारे पै थोड़ा ए घणा सै रोजगार देखो 
हाल बढ़िया नहीं सैं मुश्किल मैं जीवै परिवार देखो 
नए शहर मैं कून बड़न दे यो असल उड़ै उघड़ज्यागा ॥
किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा॥ 
4
खेत मजूरी बचै नहीं नए शहर मैं काम मिलै ना भाई 
घरबार रूल ज्यांगे म्हारे यो चेहरा कदे खिलै ना भाई 
रणबीर सिंह की कविताई यो घेरा घणा जकड़ ज्यागा ॥ 

किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा॥ 

बहुविविधता

बहुविविधता
बहुविविधता म्हारे देश की सुनियो आज सुणाऊं मैं ॥ 
इसपै हमला भारी सै इसनै आज बचाना चाहूँ मैं।।
जिस पत्थर की मूर्ती के पाहयों के मां पड़ते देख 
उन मूर्तियों को मुसलमान कारीगर ही घड़ते देख 
किस कारण फेर ये दोनूं क्यों आपस मैं भिड़ते देख 
मिलजुल पहले की ढालां क्यों ना बीमारी तैं लड़ते देख
म्हारी गंगा जमनी परम्परा हटकै याद दिलाऊं मैं।।
इसपै हमला भारी सै इसनै आज बचाना चाहूँ मैं।।
हिन्दू देवी देवताओं का मुसलमान ही व्यापर करते 
हर सिंगार मूर्तियों का सब मुसलमान तैयार करते 
ताजा ताजा फूल तोड़कै तैयार गले का हार करते 
और भी कई तरियां के ये बढ़िया व्यवहार करते
कदे कदीमी चलती आयी या कारोबार दिखाऊं मैं ॥ 
इसपै हमला भारी सै इसनै आज बचाना चाहूँ मैं ।।
देवी देवताओं उप्पर हिन्दू जो प्रसाद चढ़ाते देखो 
खील पतासे बूरा मखाने मुस्लिम भाई बनाते देखो 
भोग लगाकै देवता का इणनै सारे हिन्दू खाते देखो 
इस तरियां दोनूं मिलकै जीवन सही चलाते देखो 
कोए भावना नहीं सै द्वेष की कोण्या झूठ भकाऊं मैं ।।
इसपै हमला भारी सै इसनै आज बचाना चाहूँ मैं ।।
कदे यात्रा करी सै तमनै कैलाश मानसरोवर जाकै 
हिन्दू यात्रियों का बोझा मुस्लिम ढोता सिर पै ठाकै 
हिन्दू मुस्लिम रहे सैं मिलकै देखल्यो पाछे नै लखाकै 
चूड़ी सिंदूर ये बनाते हैं खुश होती महिला लगा कै
रणबीर विविधता का हुया खूब आदर समझाऊँ मैं ।।
इसपै हमला भारी सै इसनै आज बचाना चाहूँ मैं ।।
ranbir dahiya