लगभग 30 साल पहले लिखी एक रागनी
छियासी हिस्से खजाने ऊपर बीस उपरले कब्जा कररे सैं।।
खून पसीने की ये लूट कमाई आज सांड
मरखने पलरे सैं।।
1
एक गुना चीज म्हारे देश मैं वा आठ गुना अमेरिका मैं मिलती
उनकै फूलां के खिलैं सैं बगीचे म्हारै एक भी
कली नहीं खिलती
म्हारे मुकाबले बतावैं बिजली आज पैंतीस गुना
उड़ै जलती
तीन तीन सरड़क बनी उड़ै रै जिनपै उनकी जनता चलती
करकै खाली म्हारे माल खजाने जालिम घर अपना भररे सैं।।
खून पसीने की ये लूट कमाई आज सांड
मरखने पलरे सैं।।
2
किस किसका मैं जिक्र करूँ जितने उड़ै एशो आराम मिलैं ये
उनकी किस्मत वे मेहनत करते बात करते तमाम मिलैं ये
अपने देश के दरवाजे खोलो उनके हमनै पैगाम मिलैं ये
जै गोर तैं देखां दिमाग लगाकै इसतैं भुंडे नहीं काम मिलैं ये
म्हारे देश मैं क्यों काला अंधेरा उनकै क्यों घी के
दीवे बलरे सैं।।
खून पसीने की ये लूट कमाई आज सांड
मरखने पलरे सैं।।
3
के हाल म्हारे देश मैं बंटवारे का तम करकै थोड़ा ख्याल सुनो
चौदा फीसदी बचे संसाधन जो उनका के हुया ईब हाल सुनो
ऊपर के पांच लेगे सात फीसदी नै हुया किसा कमाल सुनो
पिचहत्तर धौरै बचया पांचवां हिस्सा ज्यां छिड़या यो बबाल सुनो
इसनै कहैं भगवान की माया झूठे प्रचार खूब ये चलरे सैं।।
खून पसीने की ये लूट कमाई आज सांड
मरखने पलरे सैं।।
4
ईब पिचहत्तर फीसदी का जागना बहोतै घना जरुरी सैं
जात पात मैं बांट दिए हम ज्यां बढ़गी म्हारे
बीच की दूरी सै
म्हारी सेहत की खराबी के कारण की समझ
म्हारी अधूरी सै
निदान म्हारा रहवै अधूरा जब ताहिं ना बणै समझ पूरी सै
कहै रणबीर सिंह बरोने आला ज्यां हम बिन आई मररे सैं।।
खून पसीने की ये लूट कमाई आज सांड
मरखने पलरे सैं।।
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