Monday, 24 July 2017

तीज

पहले तीज बड़े जोश खरोश के साथ मनाया करते मगर अब जोश काफी कम हो गया है |  कारण ? रोहतक से भालौठ तक  पिछले से पिछले साल  देखने गया बहुत कम झूल मिली | बात चलती है तो एक महिला क्या बताती है तीज के बारे में --
पींग घालकै खूब झूलते हम न्यों तीज मनाया करते ||
छोरी बहु सब कट्ठी होकै शिवाले ऊपर जाया करते ||
1
पहर सूट रंग बिरंगे सब झूलन जाया करती हे
हम मिलकै गीत साम्मण के खूब गाया करती हे
देवर ज्येठ भी आस पास डोलते नजर आया करते ||
छोरी बहु सब कट्ठी होकै शिवाले ऊपर जाया करते ||
2
दो दो छोरी पींघ बांध कै खूबै ए पींग बढान्ती  बेबे
ऊपर जा सर घूम जानता जिब तले नै लखांती बेबे
देवर ज्येठ देख नज़ारे खूबै ऐ मजाक उड़ाया करते ||
छोरी बहु सब कट्ठी होकै शिवाले ऊपर जाया करते ||
3
साँस सुखके इस ढालां हम थोड़ी देर ले लिया करती
एक दूजी के साहमी दिल अपना खोल दिया करती
मस्त साम्मण का मौसम बेबे हल्वा खीर बनाया करते ||
छोरी बहु सब कट्ठी होकै शिवाले ऊपर जाया करते ||
बेरा ना कड़ै गई वे तीज कर याद दिल भर आवै हे 
बाजार कै भेंट चढ़े त्यौहार म्हारी ना पार बसावै हे 
रणबीर मेहर सिंह हर न्यारे प्यारे छंद बनाया करते || 
छोरी बहु सब कट्ठी होकै शिवाले ऊपर जाया करते ||