Wednesday, 26 July 2017

जमाना

देख लिया घूम जमाना गरीब का ना कोए खान्ना
अमीर मारते हें तान्ना, इस हरि के हरियाणे मैं।
अमीर गरीब की खाई रोजाना ही बढ़ती जावै
तरक्की का डूंडा पाड़ दिया दलाली रंग दिखावै
अस्सी भूखे मरते आज, बीस ऐष करते आज
जमा खुले चरते आज, इस हरि के हरियाण मैं।
यो कार बनाने मैं हरियाणा नम्बर वन होग्या
बासमती उगाने मैं हरियाणा नम्र वन होग्या
बासमती का व्यापारी यो,लूटै मेहनत सारी यो
किसान की मार मारी यो, इस हरि के हरियाणे मैं।
धागा और कम्बल मैं पानीपत मषहूर हुया सै
छंटनी का दौर आया मन्दा मैं मजबूर हुया सै
मानेसर मन्दी मैं आरया, उद्योग पति बी पुकारया
उद्योग तो डूबता जारया, इस हरि के हरियाणे मैं।
हरया भरया हरियाणा जित दूध दी का खाणा
खून की कमी बधती जा मुश्किल समझ पाणा
जितना पीस्सा ला दिया रै, एक तिहाई खालिया रै
ना तौड़ जमा पा लिया रै, इस हरि के हरियाणे मैं।