Wednesday, 8 February 2023

मुनीश्वर---200 ----

 कहैं सारे जहां से अच्छा है हिंदुस्तान हमारा

बेरोजगार कर्जदार फिरैं मांगणियां का लारा


दबे आधे लोग गरीबी की, रेखा कै नीचै रोवैं

बेघरबार करोड़ों लोग सड़कां पै पड़कै सोवैं

करोड़ों बच्चे पशु चरावैं ढ़ाब्यां पै बरतन धोवैं

ईलाज बिना बीमार करोड़ों तड़पै जीवन खोवैं

लाज बेच अबलाएं लाखों, रो रो कै करैं गुजारा


गांधी के चेल्यां नै देखो, या कैसी हवा चलादी

पाखण्ड रिश्वत फिरका परस्ती, की पूरी आजादी

दहेज थोड़ा ल्यावण पै बहू लाकै आग जळादी

रिश्वत के बिन जेळ काटरया थाणे मैं फरियादी

न्याय बिकता मोल यहां पै स्वार्थ का बजै नक्कारा


मुसलमान सिख हिंदू मर रहे आपस म्हं लड़कै

रही नंगी नाच बुराई सच्चाई रोवै घर म्हं बड़कै

चरित्रहीन हो गए मनिस्टर अय्यासी म्हं पड़कै

बदमाश भीरु बोळा होग्या सारा देश बिगड़कै

तुम्हीं बताओ कैसे “मुनीश्वर” यें दे दे झूठा नारा

कि सारे जहां से अच्छा है हिंदुस्तान हमारा

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