*ठण्डी बाल*
*तन ढक्कन नै चादर ना घणी ठण्डी बाल चलै।।*
*एक कून मैं पड़ रहना धरां सिर कै हाथ तलै।।*
1. फुटपाथ सै रैन बसेरा घणे सुन्दर मकान थारे
दो बख्त की रोटी मुश्किल रोज बनैं पकवान थारे
*दीखे इरादे बेइमान थारे सत्ते का जी बहोत जलै।।*
2. होटल मैं बरतन मांजैं करैं छोटी मोटी मजूरी
थारे घरां की करैं सफाई घर अपने मैं गन्द पूरी
*कद समझी या मजबूरी जाड़ी बाजैं ज्यों शाम ढलै।।*
3. थारे ठाठ-बाट देख निराले हूक उठे दिल म्हारे मैं
पुल कै नीचै लेटे देखां लैट चसै उड़ै चौबारे मैं
*गरम कमरे थारे मैं यो साहब मेम का प्यार पलै।।*
4. म्हारी एक नहीं सुनै राम थारे महलां बास करै
इसे राम नै के हम चाटां पूरी ना कोए आस करै
*रणबीर सब अहसास करै दिल मैं आग बलै।।*
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