ला तेरा यू थोड़ ठिकाना स।।
राँझे मेरी बात म्ह फर्क हरगज ना पावैगा,
जाणु थी साच सुनदे कालजा हाल जावैगा,
उस काणे के कर्मा म्ह मौज उड़ाना स।
अर तेरे कर्मा म्ह राँझे धक्के खाना स।।
के सोचै हीर तन्नै सारै जहान तै खोगी,
भूल तेरी मोहब्बत वा अक्खण की होगी,
धोखा करया उसकै आगै आना स।
झूठ नहीं थूकै उसनै सारा ज़माना स।।
मन म्ह शीलक हो बड़वासनी म्ह जा कै,
गुरु रणबीर सिंह तेरा दर्द सुना दें गा कै,
सुलक्षणा का काम राह बताना स।
दूसरे की गेल्याँ के होवै धिंगताना स।।
©® डॉ सुलक्षणा अहलावत
ऐ वक़्त जरा धीरे धीरे चल,
क्यों रहा है लोगों को छल,
कुछ पता नहीं चलता है तेरा,
कब आया कब गया निकल,
तेरी ये एक अदा अखरती है,
बड़े बड़ों को दे जाता है अक्ल,
बहुत से लोग पछताते रहते हैं,
उनके हाथों से तू गया फिसल,
तेरी ताकत का पता है सबको,
बड़े बड़ों का निकालता है बल,
जब वक़्त का पहिया घूमता है,
सब कुछ जाता है यहाँ बदल,
एक ही गति से चलता रहता है,
रुक नहीं सकता सत्य है अटल,
हर एक है तेरे हाथों खिलौना,
हर समस्या का है तेरे पास हल,
तेरी नब्ज को पकड़ लेता है जो,
वो होता नहीं जिंदगी में विफल,
तेरी गति से चलने वाला यहाँ,
हर एक इंसान हुआ है सफल,
तेरे साथ साथ यहाँ चलने को,
सुलक्षणा की कलम रही मचल,
©® डॉ सुलक्षणा अहलावत
बाकी रही ना गात म्ह आग लागी अंग अंग मै।
जब तै सुनी तू जावैगी ब्याही काणे के संग मै।।
मेरे तै मुँह मोड़ लिया बता के खता हुई मेरी,
हीर बता मन्नै कौन सी बात ना पुगाई तेरी,
डांगर चराये थारे मन्नै अर सही गाल भतेरी,
काणा भाई बता बनाया साजन करी डूबाढ़ेरी,
कितनी तौली बदल गयी देख कै रहग्या दंग मै।।
आँसू बी ना लिकड़ते गया सुख नैन नीर मेरा,
रह रह कै याद आवैगा वो खुवाणा खीर तेरा,
कितै का ना रहा मैं, बता के बिगड़ा हीर तेरा,
बुली की बात साची होई रोता रहग्या पीर तेरा,
हाथ काँगना पैर राखड़ी बाँध भरी तू उमंग मै।।
जिसी तन्नै करी हीरे र सारी तेरे आगै आवैगी,
अक्खण के संग म्ह तू बी सुख तै ना रह पावैगी,
दुनिया नै शक्ल आपणी किस ढालाँ दिखावैगी,
दुनिया ताने मार कै हीरे तन्नै बेवफा बतावैगी,
मैं तै चाल्या जाऊँगा गेरुं ना भंग तेरे रंग मै।।
छोड़ कै तेरा ढारा इब बड़वासनी नै जाऊँगा,
गुरु रणबीर सिंह नै जा कै सारा हाल बताऊंगा,
के बीती दिल मेरे प उन नै सारा दर्द सुनाऊँगा,
हीरे तेरी बेवफ़ाई मैं सुलक्षणा प लिखवाऊँगा,
हीरे तू बी जाणै स कितना पा रहा सूं तंग मै।।
©® डॉ सुलक्षणा अहलावत
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