Tuesday, 26 April 2016

हर चीज बिकाऊ है दुनिया में

हर चीज बिकाऊ है दुनिया में मजबूरी में तन बिकते शौक में मन बिकते मंदिरों में दर्शन बिकते हर चीज बिकाऊ है दुनिया में भूख में इंसान बिकता धन में ईमान बिकता मौके पर अहसान बिकता हर चीज बिकाऊ है दुनिया में गरीबी में घर बिकता दहेज में वर बिकता काम में नर बिकता हर चीज बिकाऊ है दुनिया में शराब में वोट बिकते रसूख में खोट बिकते राजनीति में कोट बिकते हर चीज बिकाऊ है दुनिया में कुर्सी खातिर खादी बिकती सुर्खियों में बर्बादी बिकती लालच में आजादी बिकती हर चीज बिकाऊ है दुनिया में पुरस्कार में कलम बिकती फैशन में शर्म बिकती वक़्त पर मरहम बिकती हर चीज बिकाऊ है दुनिया में नाम से धर्म के ठेकेदार बिकते हालात से व्यवहार बिकते चंद नोटों में विचार बिकते हर चीज बिकाऊ है दुनिया में सारे रिश्ते नाते भी बिकते कसमें वादे भी बिकते सुलक्षणा इरादे भी बिकते हर चीज बिकाऊ है दुनिया में

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