हर चीज बिकाऊ है दुनिया में
मजबूरी में तन बिकते
शौक में मन बिकते
मंदिरों में दर्शन बिकते
हर चीज बिकाऊ है दुनिया में
भूख में इंसान बिकता
धन में ईमान बिकता
मौके पर अहसान बिकता
हर चीज बिकाऊ है दुनिया में
गरीबी में घर बिकता
दहेज में वर बिकता
काम में नर बिकता
हर चीज बिकाऊ है दुनिया में
शराब में वोट बिकते
रसूख में खोट बिकते
राजनीति में कोट बिकते
हर चीज बिकाऊ है दुनिया में
कुर्सी खातिर खादी बिकती
सुर्खियों में बर्बादी बिकती
लालच में आजादी बिकती
हर चीज बिकाऊ है दुनिया में
पुरस्कार में कलम बिकती
फैशन में शर्म बिकती
वक़्त पर मरहम बिकती
हर चीज बिकाऊ है दुनिया में
नाम से धर्म के ठेकेदार बिकते
हालात से व्यवहार बिकते
चंद नोटों में विचार बिकते
हर चीज बिकाऊ है दुनिया में
सारे रिश्ते नाते भी बिकते
कसमें वादे भी बिकते
सुलक्षणा इरादे भी बिकते
हर चीज बिकाऊ है दुनिया में
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