Friday, 17 February 2023

बारा बाट

 बारा बाट

 ईब होगे बारा बाट कसूते होती कितै सुनाई ना।

चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।

1

1 जिन सरमायेदारां नै गौरे झूठी चा पिलाया करते

जी हजूरी फितरत उनकी जमकै टहल बजाया करते

बड्डे चौधरी साँझ सबेरै ललकै पैर दबाया करते

राय साहब कोय सर की न्यों पदवी पाया करते

आज मालिक बने देश के समझी हमनै चतराई ना।।

चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।

2

कुल सौ बालक म्हारे देश के दो कालेज पढ़ण जावैं सैं

पेट भराई मिलै तीस नै सत्तर भूखे क्यों सो जावैं सैं

बिना नौकरी ये छोरे गाभरू आपस मैं नाड़ कटावैं सैं

काले जबर कानून बनाकै म्हारे होंठ सीमणा चाहवैं सैं

नब्बै की रेह रेह माटी देखी इसी तबाही ना।।

चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।

3

बेकारी महंगाई गरीबी तो कई गुणा बढ़ती जावैं रै

जब हक मांगें कट्ठे होकै हमनै  देश द्रोही बतावैं  रै

ये भाजपा आले बाँटण नै नई नई अटकल ल्यावैं रै

म्हारी जूती सिर भी म्हारा न्यों म्हारा बेकूफ बणावैं रै

थोथा थोथा पिछोड़ दे सारा छाज इसी अपनाई ना ।।

चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।

4

इतनी मैं नहीं पार पड़ी दस नै जुल्मी खेल रचाया यो

नब्बै की कड़ तोड़न खातर तीनमुहा नाग बिठाया यो

निरा देसी साहूकारा लूटै एक फण इसा बनाया यो

दूजा फन थोड़ा छोटा उसपै बड्डा जमींदार टिकाया यो

तीजे फन अमरीका  बैठ्या जिसकी कोय लम्बाई ना।।

चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।

5

इस तरियां इन लुटेरयां नै नब्बै हाथ न्यों बाँट दिए

लालच देकै सब जात्यां मैं अपने हिम्माती छांट लिए

उडारी क्यूकर भरै मैना धर्म की कैंची तैं पर काट दिए

हीर अर राँझयां बिचाळै देखो अखन्न काने डाट दिए

नब्बै आगै दस के करले इसकी नापी गहराई ना ।।

चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।

6

हजार भुजा की या व्यवस्था नहीं म्हारी समझ मैं आवै

एक हाथ तैं कड़ थेपड़ दे दूजे तैं गल घोटना चाहवै

करनी होगी जमकै पाले बंदी रणबीर बरोने मैं समझावै

नब्बै का जब डंका बाजै दस की ज्याण मरण मैं जावै

दस की पिछाण करे पाछै मुश्किल कति लड़ाई ना।।

चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।

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