कट्ठे होल्यां
बहोत दिन होगे पिटत्यां नै ईब कट्ठे होकै देख लियो।।
बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।।
1
करड़ी मार नई नीतियां की या सबपै पड़ती आवै सै
देश नै खरीदण नै देसी बदेशी कम्पनी बोली लावै सै
या ठेकेदारी प्रथा सारे कै बाहर भीतर छान्ती जावै सै
बदेशी कंपनी पै कमीशन यो नेता अफसर खावै सै
मन्दिर का छोड़ कै पैण्डा भूख गरीबी पै रोकै देख लियो।।
बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।।
2
जड़ै जनता की हुई एकता उड़ै की सत्ता घबराई सै
थोड़ा घणा जुगाड़ बिठाकै जनता बहकानी चाही सै
जड़ै अड़कै खड़ी होगी जनता लाठी गोली चलवाई सै
लैक्शनां पाछै कड़ तोड़ैंगे या सबकी समझ मैं आई सै
ये झूठे बरतन जितने पावैं ताम सबनै धोकै देख लियो।।
बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।।
3
हालात जटिल हुये दुनिया मैं समझणी होगी बात सारी
ईब ना समझे तो होज्या नुकसान म्हारा बहोतैए भारी
पैनी नजर बिना दीखै दुश्मन हमनै घणा समाज सुधारी
हम सब की सोच पिछड़ी नजर ना नये रास्ते पै जारी
भीतरले मैं अपणे भी दिल दिमाग मैं गोकै देख लियो।।
बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।।
4
जात धरम इलाके पै हम न्यारे-न्यारे बांट दिये रै
कुछ की करी पिटाई कुछ लालच देकै छांट लिये रै
म्हारी एकता तोड़ बगादी ये पैर जड़ तै काट दिये रै
ये देशी बदेशी लुटेरे म्हारे हकां नै आज नाट लिये रै
रणबीर सिंह दुख अपणे के ये छन्द पिरोकै देख लियो।।
बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।।
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