धन्ना सेठों और हिंदुत्व की दुग्गी देश मैं छाई रै।।
आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।।
1
बहु विविधता भाईचारे पै खतरा खूब बढ़ाया
संसद भारत देश की इसका मखौल उड़ाया
तर्क सत्य विवेक म्हारा भीड़ नै पढण बिठाया
गौरक्षा के नाम ऊपर उधम घणा सै मचाया
देश मैं अन्धविश्वसां की बाढ़ कसूती आई रै।।
आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।।
2
बेरोजगारी पै चुप्पी साधी नहीं चिंता किसानी की
जात धर्म पै बाँटे घृणा बढ़ाई बेउँमानी की
इलाज म्हारे की चिंता ना घणी चिंता अडाणी की
शिक्षा का भट्ठा बिठाया चांदी होरी आज अज्ञानी की
असली मुद्दे घुमा दिए रूलती हांडे भरपाई रै।।
आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।।
3
फासीवाद का हमला आग्या यो मनै तनै सालैगा
ज्यूकर पूंजीपति कहैगा हुक्म उसका पालैगा
जात धर्म पै लड़वाकै नै म्हारे पै जाल घालैगा
संविधान पाड़ बगाया जा हुक्म राजा का चालैगा
या काट फासीवाद की जनता का मोर्चा बताई रै।।
आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।।
4
छोड़ बाँट जात पात पै एक मंच पै आणा होगा
नबै दस की लड़ाई का नारा मिलकै लाणा होगा
पूंजीपति देशी बदेशी को सबक सिखाना होगा
सबनै इंक़लाब जिंदाबाद मिलकै गाणा होगा
कहै रणबीर समझो म्हारी असल लड़ाई रै।।
आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।।
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