Friday, 17 February 2023

843 से 852

: 843

दलित अत्याचार पर ,महिला के बलात्कार पर

फैल रहे भ्रष्टाचार पर, सही सही बताओ हमनै।।

1

आज भी दलित पै अत्याचार कम होते देवैं दिखाई ना

महिला का यौन शोषण ईसमैं कोए भी कमी बताई ना

महंगाई के उभार पर,रूढ़िवाद के प्रचार पर

काले धन की धार पर,सही सही बताओ हमनै।।

2

कालेज और स्कूलों मैं यो भगवाकरण क्यों फैलाया

सारे कै चहेते जावैं बिठाए ईतना ऊधम क्यों मचाया

पढाई के व्यापार पर,नकल की भरमार पर

नान अटैंडिंग कतार पर,सही सही बताओ हमनै।।

3

मुख्यमंत्री मुफ्त ईलाज स्कीम सब ताहिं ना पहोंच पाई

पीजीआई की सम्भाल ना घणी पोस्ट  खाली बताई

बीमारी के उभार पर, मरीजों के उपचार पर

डाकटरां के भ्रष्टाचार पर,सही सही बताओ हमनै।।

4

बेरोजगारी घणी बढादी, किसान क्यों फांसी खावै

महिला कितै महफूज ना किसनै वा दुखड़ा दिखावै

बेरोजगारी के प्रसार पर, पोरनोगराफी के बाजार पर,अमीरां की लूटमार पर,सही सही बताओ हमनै 

: 844

अन्धविश्वास

जनता नै अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 

देकै लालच और डर दिखाकै वोट लेकै नै राज मैं आवै ॥ 

मजदूर की मजदूरी खाज्यां ये लीला भगवान की बताते 

किसान की फसल मंडी बीच देखो लगाकै बोली उठाते 

जात धर्म पर अफवाह फ़ैलाकै आपस मैं खूब लड़वाते 

दोनों की म्हणत  की कमाई बैठके महलों अंदर खाते 

भगवान की लीला बता लुटेरा पत्थरों की पूजा करवावै॥

 जनता नै अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 

पूरी दुनिया मैं खेल धर्मों का पूंजीपति आज खेल रहे 

शोषण का सिस्टम पक्का आज मजदूर किसान झेल रहे

कितै अंधराष्ट्र वाद कितै  देखे आतंक वाद नै पेल रहे  

गरीब अमीर की खाई बढाक़ै काढ़ जनता का तेल रहे 

लूट नै मर्जी यो पूंजीपति अल्लाह ईशा राम की बतावै ॥ 

जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 

 सृष्टि जब तैं वजूद मैं आयी अग्नि और हवा देवता आया 

आगै चल्या समाज तो फेर मानस नै भगवान बनाया 

कुछ देशों मैं अल्लाह आग्या कुरान का पाठ पढ़ाया 

कुछ देशों  मैं ईशा मशीह नै फेर अंगद का पैर जमाया 

इस दुनिया मैं इतने धर्म क्यों सोचकै सिर यो चकरावै ॥ 

जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 

घरां बैठकै  ग्रन्थ बणाकै जमकै झूठ चलावन लागे रै 

जीभ चटोरे ऊत लूटेरे अन्धविश्वास फलावन लागे रै 

ब्रह्म पारासुर लड़की तैं देखो भोग करावन लागे रै 

आँख कान और नाक सींग मैं  पुत्र जमावन लागे रै 

रणबीर सिंह अपनी कलम अन्धविश्वास खिलाफ उठावै ॥ 

जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै

845

बेरोजगार युवक युवती दर दर भटकैं सैं।।

गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।।

1

धरती बाँटे आवै दो किले होता नहीं गुजारा

ब्याह होने हुए मुश्किल हांडे जावै सै कंवारा

इसे बख्त मात पिता की सलाह भी खटकैं सैं ।।

गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।।

2

खेत मजदूरी कम होगी और काम मिलता ना

बुसे बुसे मूंह होगे चेहरा कदे भी खिलता ना

हारी बीमारी के कर्जे सालां सिर पै लटकैं सैं।।

गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।।

3

सरकारी नौकरी कम होगी या छागी ठेकेदारी

मुश्किल होवै सै गुजारा वैश्यावृति की लाचारी

दर दर की ठोकर खाणी सुखी रोटी अटकैं सैं।।

गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।।

4

किसान फांसी खावैं सैं लुटग्या आज यो कमेरा

मुठ्ठी भर मौज करैं सैं म्हारी खातर घोर अँधेरा

रणबीर विरोध करां तो जेल मैं लेजा पटकैं सैं

गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।।

: 846

मतना लाओ वार सुणो , हो जाओ तैयार सुणो।

ले ऐके का हथियार सुणो , लड़नी आज लड़ाई रै।।

1. गांव, गली, शहर, कुचे मैं इज्जत म्हारी महफूज नहीं

  अत्याचार होते रोजाना करता कोए महसूस नहीं

  नहीं लड़ाई आसान सुणो चाहिए युद्ध घमासान सुणो

  मारे जावैं शैतान सुणो ,बची नहीं समाई रै ।।

2. रूढ़िवादी विचार क्यों देखो बनके ये दीवार खड़े

  कहने को होते देखो ये यहां बढ़िया प्रचार बड़े

  दुश्मन गेरता फूट सणो , ऐसे मचाए लूट सुणो

  अब तुम जाओ उठ सुणो , सही ना जा पिटाई रै।।

3. ये अन्नदाता कहने वाले आज कहां पर चले गए

  कर्म कर ना फल की चिंता,अरमान हमारे छले गए

  नहीं सहें अपमान सुणो , पायें हम सम्मान सणो

  चले ऐसा अभियान सुणो , डंके की चोट बताई रै।।

4. जीना है तो लड़ना होगा, संघर्ष हमारा नारा किसानों

  संगठन बना के कदम बढ़ाएं,दूर नहीं किनारा किसानों

  अब तो उंचा बोल भाई, झिझक ले अपनी खोल भाई

  जाए दुश्मन डोल भाई , रणबीर अलख जगाई रै।।

 847

अन्धविश्वासों का घेरा

भगवान मंदिर मैं बैठया खुद दीवा नहीं जला पावै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

1

पत्थर के शेर की पूजा दुर्गा की सवारी मान कै करते

जिन्दा शेर दीखज्या तै ज्याण बचाण नै भागे फिरते

पत्थर तैं इतना लगाव जीव हमनै क्यों नहीं भावै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

2

पत्थर का कुत्ता पूज्या जा शनिदेव की सवारी माणकै

जिन्दा नै कहते भागज्या उसकै डंडा मारते ताण कै

पत्थर पूजा छारी सारे कै या बात समझ नहीं आवै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

3

गणेश तैं दूध प्या दिया हजारों टन बताया जासै

मंदिर मैं करोड़ों का चढ़ावा हर साल  चढ़ाया जासै

मंदिर बाहर  बालक भूखा दो रोटियां पाया चाहवै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

4

धार्मिक ग्रंथ कितने पुराने कोये तो मनै बतादयो

ग्रन्थ पुराने एक इंसान आकै कोये तो समझादयो

लिपि इंसान नै बनायी रणबीर नहीं झूठ भकावै।।

म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।।

848

छब्बीस जनवरी का दिन लाखां क़ुरबानी देकै आया रै।।

आज हटकै  म्हारे देश पै गुलामी का बादल छाया रै।।

आजाद देश के सपने म्हारे सबनै मिलै पढाई या

बिना इलाज ना कोए मरै सबनै मिलै दवाई या 

भूखा कोए बी रहवै नहीं इसा हिन्दुस्तान चाहया रै।।

मजदूर किसान नै फेर उब्बड़ खाबड़ खेत संवारे 

सबको शिक्षा काम सबको पूरे करने चाहे ये नारे 

पब्लिक सैक्टर के कारखाने देश का आधार बनाया रै।।

साधनां मैं गरीब नहीं दरबरां की नियत खोटी होगी 

मेहनत लूट किसानां की पेट सहूकारां की मोटी होगी

अमीर घने अमीर होगे यो गरीब खड़या लखाया रै।।

अमीरी लूट छिपावन नै हम जात धर्म मैं बाँट दिए

सपने भगत सिंह के तोड़े गरीबाँ के पर काट दिए 

बिना फल की चिंता कर्म किया फल अम्बानी नै खाया रै।।

आर्थिक संकट छाग्या उदारीकरण का रह दिखाया

बदेशी पूँजी खातर देश का मूल आधार खिसकाया 

विश्व बैंक का रिमोट कण्ट्रोल गुलामी का जाल बिछाया रै।।

गरीबाँ नै दल कै नै सपना महाशक्ति बनन का देखैं

देशी बदेशी कारपोरेट परोंठे म्हारे दम पै सेंकै

कहै रणबीर बरोने आला ओबामा ज्यां करकै भाया रै।।

रणबीर~25 जनवरी 2015

छब्बीस जनवरी के मौके पर

: 849

*कैलेंडरां तैं मूर्ति हटाकै दिलां तैं क्युकर हटाओगे* 

*इसे बुरे कर्म करो सो बहोतै घणा पछताओगे*

1

इतनी घटिया हरकत पहलम कदे देखी कोण्या

दूज्यां के तवे ऊपर कदे लोगां नै रोटी सेकी कोण्या

*लोगां मैं इज्जत अपनी थाम घणी कम कराओगे।।*

2

रोज अफवाह फैला कै जनता घणी बेकूफ़ बनाई

बेरोजगारी महंगाई चाहो थाम इनकै पाछै छिपाई

*ओछी राजनीति करकै नै देश का भट्ठा बिठाओगे।।*

3

मूर्ति हटाकै नाम बदल कै कै दिन राज चलै थारा

जात धर्म पै जनता लड़ा कै कै दिन काज चलै थारा

*मनुवाद का जहर फैला कै अपना नाश कराओगे।।*

4

किसान आंदोलन नै थारे फेल करे ये हथियार रै

जनता जाग रही सै कहवै हो जाओ खबरदार रै

*रणबीर सिंह आज कहै अपनी तम भिद्द पिटवाओगे।।*

 850

*नेता की जागां पार्टी की नीति असल मैं बोल्या करै।।*

*या हिम्माती बैरी किसकी सबके भेद खोल्या करै।।*

1

स्वदेशी का नारा लाकै देश बेच्या म्हारा किसनै 

देश द्रोही सरकार कै यो लाया सै साहरा किसनै

*या रीजनल पार्टी न्योंए बीच के म्हां डोल्या करै।।*

2

पूंजीवादी सोच की पार्टी नीति एकसी अपनारी देखो

वैश्वीकरण और निजीकरण का ये झंडा ठारी देखो

*पूंजीपति के इशारे पै म्हारी चमड़ी छोल्या करै।।*

3

बदेशी कम्पनी सिर पै इन सबनै चढ़ाई देखो

देशी कम्पनी छोटी छोटी सारी पढ़ण बिठाई देखो

*इन बाताँ नै धर तराजू मैं वोटर नहीं तोल्या करै।।*

4

सीपीएम नै वैश्वीकरण का करकै विरोध दिखाया

अपने पाहयाँ खड़े होण का रास्ता नया बताया

*पूंजीवाद जात धर्म पै रणबीर जहर घोल्या करै।।*

: 851

*गरीबां की मर आगी मोदी थारे राज मैं।।*

1

रैहवण नै मकान कड़ै खावण नै नाज नहीं 

पीवण नै पाणी कड़ै बीमारां नै इलाज नहीं 

*या महंगाई जमा खागी मोदी थारे राज मैं।।*

2

कपास पीटी धान पीट दिया गिहूँ की बारी सै

जहर की गोली खा खा मरगे हुई घणी लाचारी सै

*किसान की धरती जागी मोदी थारे राज मैं।।*

3

बदेशी कम्पनी कब्जा करगी ये सारे हिंदुस्तान मैं

लाल कालीन बिछाये थामनै क्यों इनकी श्यान मैं

*इतनी घणी क्यों भागी मोदी थारे राज मैं।।*

4

महिला और दलित पै अत्याचार बढ़े आंख थारी मींचगी

मुसलमानों ईसाइयों पै नफरत की लाइन क्यों खींचगी

*रणबीर की छंद छागी मोदी थारे राज मैं।।*

[25/01, 3:51 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 851

*संदीप सिंह मंत्री तमनै अपमानित करी महिला खिलाड़ी।।*

*महिला नै दुखी होकै थारी सारी काली करतूत उघाड़ी।।*

1

चंडीगढ़ पुलिस नै मुश्किल तैं एफआईआर दर्ज करया

छेड़छाड़ के आरोपों बीच मंत्री साहब तू पाया घिरया

*पूरे हरियाणा के म्हं महिला संगठनों नै रोष मार्च लिकाड़ी।।*

2

कहती महिला खिलाड़ी मेरे को मंत्री नै अपने घर बुलाया

आफिस की बजाय उसनै न्यारे कमरे मैं लेजा कै बिठाया

*कैह खुश रैह खुश राख़ चाही करी यौन शोषण की जुगाड़ी।।*

3

महिला नै पुरजोर विरोध करया तो जबरदस्ती करनी चाही 

धक्का मार कै मंत्री के वा अपना पिंड छुटा कै घर नै आयी

*इसे करकै मंत्री नै कई तरियां चाही उंकि हालत बिगाड़ी।।*

4

नौकरी मिली फेर बी दुखी राखी तो प्रशासन को बताया

फेर प्रशासन भी नहीं उसकी मदद करण खातर आया

*पुलिस मैं दरखास्त दी सुणकै करी जनता नै करड़ी जाड़ी।।*

5

न्याय मिलना चाहिए खिलाड़ी नै जन संगठन आगै आये 

सरकार पै दबाव नै मंत्री के पुतले दहन करकै विरोध जताये

*रणबीर भी मदद मैं कलम ठाई मंत्री की सरकार भी लताड़ी।।*

852

852

हम दिए धरती कै मार, कसूते मोदी सरकार के वार, करने हाथ पड़ैं दो चार , सुणियो भारत के नर नारी।।

1

खेती पर काले बादल छाए कमर तोड़ कै धरदी 

धान कपास गेहूं पिटग्या जमा नाड़ मोड़ कै धरदी

या सब्सीडी खत्म करदी, क्यों हांडी पाप की भरदी, असली नहीं हमदर्दी, क्यों नीतियां की डांडी मारी।।

2

कारखाने लाखां बन्द होगे बच्या कितै रोजगार नहीं 

भ्रष्ट नेता अपराधी माफिया का खाली जाता वार नहीं

काला धन बाजार मैं आया, अमरीका नै जाल बिछाया, मध्यम वर्ग खूब भकाया, दिखा कै सपने बड़े भारी।।

3

मीडिया को काबू कर लिया अपनी खबर दिखाई जां

औरत दी एक चीज बना बाजार मैं बोली लगाई जां

महिला भी इंसान हो सै, क्यों उसका अपमान हो सै,ना हमनै उन्मान हो सै, पुरानी रीत घणी अत्याचारी।।

4

पढ़ाई लिखाई म्हंगी करदी, आम आदमी कित जावै

पढ़ लिख कै बिना सिफारिश दफ़्तरां के धक्के खावै

अनैतिकता पै पलै बढ़ै, वो नैतिकता के नारे गढ़ै,

रणबीर की छाती पै चढ़ै, छलनी करदी छाती सारी।।

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