म्हारा समाज
एकबै नजर घुमाकै देखां म्हारा समाज कड़ै जा लिया ।
आंधी गली मैं बड़गे लोग इस चिंता नै आज खा लिया।
घर घर देखां घणा कसूता माहौल हुया सै सारे कै
शहर गाम देश दुनिया ब्लड प्रेसर हुया हुशियारे कै
लग्या टपका चौबारे कै माणस घणा काल पा लिया।
एकबै नजर घुमाकै देखां म्हारा समाज कड़ै जा लिया ।
रोज माणस भित्तर तैं टूटै इसा जमाना आन्ता जावै
घरमैं बाहर भाण बेटी की इज्जत पै हाथ ठान्ता पावै
और तले नै जान्ता जावै बदमाशी नै कब्जा जमा लिया।
एकबै नजर घुमाकै देखां म्हारा समाज कड़ै जा लिया ।
दारू पीकै पड़े रहवाँ हमनै शर्म लिहाज ना कोये
ताशां पै बैठ करां मशखरी कहवाँ इलाज ना कोये
दीखै सही अंदाज ना कोये खापां नै मजाक बना लिया।
एकबै नजर घुमाकै देखां म्हारा समाज कड़ै जा लिया ।
रिश्वत की कमाई भूंडी फेर भी इसको स्वीकार लिया
दहेज नै बीमारी बतावैं सारे फेर बी क्यों चुचकार लिया
विरोध कर ना इंकार किया रणबीर फेर औड़ आ लिया।
एकबै नजर घुमाकै देखां म्हारा समाज कड़ै जा लिया ।
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