मिलावट
आज कोये भी चीज समाज मैं बिना मिलावट मिलती कोण्या।।
हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।।
1
दूध दही घी मखन खोया या सही मलाई मिलै कोण्या रै
मिर्च मशाला हल्दी आज या सही मिठाई मिलै कोण्या रै
नकली भरी बाजार मैं या असली दवाई मिलै कोण्या रै
इंसानी जज्बे आला कोये समाज मैं भाई मिलै कोण्या रै
अवैध रिश्ते बढ़ते जावैं असली चाहत दिखती कोण्या रै।।
हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।।
2
आटा दाल गुड़ शक्कर मैं मिलावट खूब पाती बताई
बनावटी दूध और दही या म्हारी जनता खाती बताई
महात्मा चेले गुरु बाबे की ना सारी लिखी जाती बताई
मानवता नै समाज म्हारी आज टांड पै बिठाती बताई
इन बिना मिलावट आळ्यां की समाज मैं पिलती कोण्या।।
हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।।
3
स्कूल कालेजों मैं आजकै दिन सारै नकल छागी देखो
पहरावे और श्रृंगार मैं भी घणी मिलावट आगी देखो
त्याग तपस्या और सेवा इणनै मिलावट खागी देखो
देशभक्ति भी नकली होगी असली कै कालस लागी देखो
राजनीति मैं तो या मिलावट हिलाये भी हिलती कोण्या ।।
हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।।
4
तेल और साबुन नहावण का बहोत मिलावट पाई जा
फीम चरस और जहर मैं भी फालतू की चीज मिलाई जा
ईब घणा बुरा जमाना आग्या कथा इतिहास बनाई जा
मीडिया आज बिकाऊ होग्या साच छिपावै झूठ दिखाई जा
रणबीर सिंह की कलम साच लिखने तैं टलती कोण्या ।।
हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।।
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