फौजी मेहर सिंह की मुसलमानों में बहुत पक्की यारी दोस्ती थी। यह बात उनकी छोटी भाभी ने पाल में सबके सामने बताई थी। वह इसे फौजी के जीवन के अवगुण के रुप में देखती थी। फौजी मेहर सिंह ने हिन्दू लड़के और मुसलमान लड़की के प्यार और विवाह पर आधारित एक किस्सा कालीचरण भी लिखा था। इस किस्से की सब सीमाओं के बावजूद फौजी मेहर सिंह लड़के लड़की के प्यार को बड़ी अहमियत देते हैं और उन दोनों की शादी तक किस्से को पहुंचाते हैं। एक बार फौज में अन्र्तजातीय विवाह और हीर रांझा के किस्से को लेकर काफी बहस होती है। मेहर सिंह कई दिन तक सोचते हैं और फिर एक रागनी मन ही मन सोचते हैं। इस मौके के बारे में कवि ने क्या कल्पना की है भला-
सच्चा प्यार करणियां नै कदे पाछै कदम हटाये कोन्या।।
एक बर जो मन धार लिया मुड़कै फेर लखाये कोन्या।।
हीर रांझा नै अपने बख्तां मैं पूरा प्यार निभाया कहते
लीलो चमन हुए समाज मैं घणा लोड उठाया कहते
सोनी महिवाल सच्चे प्रेमी मौत को गले लगाया कहते
आज के लोग नहीं बेरा क्यूं प्रमियों को जा मराया कहते
सुण कै फरमान समाज के कदे प्रेमी घबराये कोन्या।।
नल दमयन्ती का किस्सा हम कदे कदीमी सुणते आवां
दमयन्ती नै वर माला घाली या सच्चाई कैसे भुलावां
अपना वर आपै चुण्या क्यों इस परम्परा नै छिपावां
खुद की मर्जी तै जो ब्याह करैं उनकै फांसी क्यों लावां
हरियाणा के प्रेमी जोड़े ये समाज कै काबू आये कोन्या।।
सत्यवान ओर सावि़त्री का किस्सा बाजे लख्मी गागे आड़ै
सावित्री लड़ी यमराज तैं कहते पिंड छुड़ाकै भागे आडै़
सावित्री तै इतनी आजादी देवणिया लेखक बी छागे आड़ै
हरयाणा के दो जात बीच के प्रेमी क्यों फांसी खागे आड़ै
हरियाणा नम्बर वन प्यार मैं इसे गाणे गाये कोन्या।।
दो जात्यां बीच प्रेम विवाह का चलन बढ़ता आवै सै
फांसी का फंदा दीखै साहमी पर प्यार पींग बढ़ावै सै
इसी चीज के हो प्यार मैं जो प्रेमी जोड़यां नै उकसावै सै
रणबीर सोचै पड़या खाट मैं बात समझ नहीं पावै सै
तहे दिल तैं साथ थारै सूं मनै झूठे छन्द बनाये कोन्या।।
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