आज का माणस किसा होग्या
आज का माणस किसा होग्या सारे सुणियो ध्यान लगाकै ।
स्वार्थ का कोए उनमान नहीं देख्या ज़िब नजर घुमाकै।।
2
चाट बिना भैंस हरियाणे की दूध जमा ना देवै देखो
इसका दूध पी हरियाणवी खुबै ए रिश्वत लेवै देखो
भगवान इणनै सेहवै देखो यो बैठया घर मैं आकै।।
स्वार्थ का कोए उनमान नहीं देख्या ज़िब नजर घुमाकै।।
2
और किसे की परवाह कोण्या अपने आप्पे मैं खोया
दूज्यां की खोज खबर ना हमेशा अपना रोना रोया
कमजोर कै ताकू चभोया बैठै ठाड्डे की गोदी जाकै।।
स्वार्थ का कोए उनमान नहीं देख्या ज़िब नजर घुमाकै।।
3
दूसरयाँ नै ख़त्म करकै अपना व्यापर बढ़ावै देखो
चुगली चाटी डांडी मारै सारे हथकण्डे अपनावै देखो
दगाबाज मौज उड़ावै देखो चौड़ै सट्टे की बाजी लाकै।।
स्वार्थ का कोए उनमान नहीं देख्या ज़िब नजर घुमाकै।।
4
मारो खाओ मौज उड़ाओ इस लाइन पै चाल पड़या
हाथ ना आवै जै आवै तो होवै रिश्वत कै तान खड़या
रणबीर सिंह नै छंद घड़या सच्चाई का पाळा पाकै।।
स्वार्थ का कोए उनमान नहीं देख्या ज़िब नजर घुमाकै।।
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