KISSA FAUJI MEHAR SINGH
कहैं पैंतीस मैं गया फौज मैं कोण्या आया मुड़कै।।
आज बी मेरै धेखा सा लागै जणों लिकड़या हो जड़कै।।
जाइयो नाश गरीबी तेरा हाली फौजी बणा दिया
फौज मैं भरती होकै उसनै नाम अपणा जणा दिया
पैगाम सबतैं सुणा दिया था गया बाबू तै लड़कै।।
मन का भोला तन का उजला सारा ए गाम कहै
बख्त उठकै सब भाइयां नै अपणी रामै राम कहै
करता नहीं आराम कहै कदै सांझ सबेरी तड़कै।।
पक्का इरादा जिद्द का पूरा बहोत घणा तूं पाया
छोड़ डिगरग्या घर अपणा नहीं पिफरवैफ उल्टा आया
सिंघापुर मैं जावैफ गाया छन्द निराला घड़वैफ।।
एक दो बै छुट्टी आया वो आगै नाता तोड़ गया
देश प्रेम के गाणे गाकै लोगां का मन जोड़ गया
रणबीर सिंह दे मोड़ गया उड़ै मोर्चे उपर अड़कै।।
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