1****
खरखोदे धोरै सोनीपत मैं, बरोणा नाम सुण्या होगा।इसे गाम का रहणे आला, मेहरसिंह नाम सुण्या होगा।।
पैदा कद सी हुया मेहरसिंह, तारीख कोण्या याद मेरै
फौज के मां भरती होग्या, बणाण गाण का शोक करै
बुराई तै रहया दूर परै, यो किस्सा आम सुण्या होगा।।
गरीब किसान का बेटा था ओ गरीबी मैं जवान हुया
पढ़ लिख थोडा ए पाया ओ भोला सा इन्सान हुया
दुनिया के मां नाम हुया सबनै पैगाम सुण्या होगा।।
घर कुण्बे नै रोक लगाई नहीं रागनी गावैगा
ऐसे कर्म करैगा तै तूं नर्क बीच मैं जावैगा
तूं म्हारी नाक कटावैगा उसपै इल्जाम सुण्या होगा।।
नहीं हौसला कदे गिराया तान्ने सुणे गया रणबीर।
दिल मैं जो भी बात खटकी वाह घड़दी सही तसबीर
सरहद उपर लिखै था वीर उसका सलाम सुण्या होगा।।
2***
बन्धे उपर नागन काली डटगी फण नै ठाकै।
सिर तै उपर कस्सी ठाई मारी हांगा लाकै।।
नागन थी जहरीली वा फौजी का वार बचागी
दे फुफकारा खड़ी हुई आंख्यां मैं अन्धेर मचागी
दो मिनट मैं खेल रचागी चोट कसूती खाकै।।
हिम्मत कोण्या हारया फौजी हटकै उसनै वार किया
कुचल दिया फण लाठी गेल्यां नाका अपणा त्यार किया
चला अपणा वार लिया काली नागन दूर बगाकै।।
रात अन्ध्ेरी गादड़ बोलैे जाड्डा पड़ै कसाई
सुर सुर करता पानी चालै घणी खुमारी छाई
डोले उपर कड़ लाई वो सोग्या मुंह नै बाकै।।
बिल के मां पानी चूग्या सूकी रैहगी क्यारी
बाबू का सांटा दिख्या या तबीयत होगी खारी
मेहरसिंह जिसा लिखारी रोया मां धेरे जाकै।।
3****
सांटा ठा लिया बाबू नै कांपी मेहर सिंह की काया।।
तूं सांगी बणणा चाहवै कोण्या असली मां का जाया।।
तेरे गाणे और बजाणे नै मानै मेरा शरीर नहीं
बैंजू घड़वा किस्सा रागनी किसानां की तासीर नहीं
सांटा मारकै बोल्या मनै बणाणा तूं फकीर नहीं
मन की मन मैं पीग्या ना बोलकै कति सुणाया।।
चुपचाप देख कै बाबू बोल्या राह बांध्ूंगा तेरा
कै तो बात मान ले ना तो देखूं कुआं झेरा
धरती थोड़ी नहीं गुजारा क्यूकर बसज्या डेरा
छोड़ कै हल नै गावै रागनी हमनै पटज्या बेरा
खाल तार ल्यूंगा तेरी जो मनै कितै गांवता पाया।।
तेरी रागनी म्हारी गरीबी या क्यूकर दूर करैगी
खेत कमा कै फौज मैं जा ना दुनिया नाम धरैगी
एक दिन बरोने के मां तेरी भूखी मात मरैगी
कड़वी लागै बात मेरी मुश्किल तै आज जरैगी
फेर न्यों कैहगा मैं पहलम तै ना तनै समझाया।।
खाकै मार बैठग्या छोरा धरती नै कुरेदन लाग्या
बाबू नै छाती कै लाया फेर उसका छोह भाग्या
बोल्या आंख खोल बावले सारा जमाना जाग्या
रणबीर सिंह भी मेहर सिंह के राग सुरीले गाग्या
चिन्ता के मां घिरग्या छोरा कुछ ना पीया खाया।।
4*****
मेहर सिंह लखमी दादा एक बै सांपले मैं भिड़े बताये।।
लखमी दादा नै मेहरु धमकाया घणे कड़े षब्द सुनाए।।
सुण दिल होग्या बेचैन गात मैं रही समाई कोन्या रै
बोल का दरद सहया ना जावै या लगै दवाई कोन्या रै
सबकै साहमी डांट मारदी गल्ती उसतैं बताई कोन्या रै
दादा की बात कड़वी उस दिन मेहरु नै भाई कोन्या रै
सुणकै दादा की आच्दी भुन्डी उठकै दूर सी खरड़ बिछाये।।
इस ढाल का माहौल देख लोग एक बै दंग होगे थे
सोच समझ लोग उठ लिए दादा के माड़े ढंग होगे थे
लखमी दादा के उस दिन के सारे प्लान भंग होगे थे
लोगां ने सुन्या मेहर सिंह सारे उसके संग होगे थे
दादा लखमी अपनी बात पै बहोत घणा फेर पछताए ।।
उभरते मेहर सिंह कै एक न्यारा सा अहसास हुया
दुखी करकै दादा नै उसका दिल भी था उदास हुया
दोनूं जन्यां ने उस दिन न्यारे ढाल का आभास हुया
आहमा साहमी की टक्कर तैं पैदा नया इतिहास हुया
उस दिन पाछै एक स्टेज पै वे कदे नजर नहीं आये।।
गाया मेहर सिंग नै दूर के ढोल सुहाने हुया करैं सैं
बिना बिचार काम करें तैं घणे दुख ठाने हुया करैं सैं
सारा जगत हथेली पीटै ये लाख उल्हाने हुया करैं सैं
तुक बन्दी लय सुर चाहवै लोग रिझाने हुया करैं सैं
रणबीर सिंह बरोने आले नै सूझ बूझ कै छंद बनाये।।
5****
करुं बिनती हाथ जोड़ कै मतना फौज मैं जावै।।
मुष्किल तैं मैं भरती होया तूं मतना रोक लगावै।।
एक साल मैं छुटी आवै होवै मेरै समाई कोन्या
चार साल तैं घूम रहया आड़ै नौकरी थ्याई कोन्या
बनवास काटना दीखै सै कदे कसूर मैं आई कोन्या
बेरोज गारी का तनै बेरा मैं करता अंघाई कोन्या
आड़ै ए खा कमा ल्यांगे नहीं तेरी समझ मैं आवै।।
मैं के जाकै राजी सूं पेट की मजबूरी धक्का लावै।।
थोड़ा खरचा करल्यांगे म्हारा आसान गुजारा होज्यागा
बेगार करनी पड़ैगी हमनै म्हारा जी खारया होज्यागा
साझे बाधे पै ले ल्यांगे किमै और साहरा होज्यागा
सोच बिचार लिए सारी म्हारा जीना भारया होज्यागा
कोन्या चाहिये तेरी तिजूरी जी गैल रैहवणा चाहवै।।
मनै तान्ने दिया करैगी ना तूं बूजनी घड़ाकै ल्यावै।।
ठाडे पर ना बसावै हीणेे पर दाल गलै सै देखो
धनवानां की चान्दी होरी ना उनकी बात टलै देखो
बात इसी देख जी मेरा बहोत घणा जलै सै देखो
जो म्हारे बसकी ना उसपै के जोर चलै से देखो
दिल मेरा देवै सै गवाही जाकै तूं नहीं उल्टा लखावै।।
इसी फेर कदे ना सोचिए न्यों फौजी आज बतावै।।
तनै जाना लाजमी फौजी मेरी कोन्या पार बसाई
अंग्रेजां नै देष लूट लिया भगतसिंह कै फांसी लाई
उनके राज ना सूरज छिपता क्यों लागी तेरै अंघाई
सारे मिलकै जिब देवां घेरा ना टोहया पावै अन्याई
सारी बात सही सैं तेरी पर मेरा कौण धीर बंधावै।।
देखी जागी जो बीतैगी रणबीर ना घणी घबरावै।।
6****
रौवे मतना प्रेम कौर मैं तावल करकै आ ल्यूंगा।।
थोड़े दिन की बात से प्यारी फौज मैं तनै बुला ल्यूंगा।।
भेज्या करिये खबर बरोणे की, जरूरत नहीं तनै इब रोेणे की
सोचिये मतना जिन्दगी खोणे की, ना मैं भी फांसी खा ल्यूंगा।।
जिले रोहतक मैं खरखोदा सै, बरोणा गाम एक पौधा सै
फौजी ना इतना बोदा सै, घर का बोझ उठा ल्यूंगा।।
बीर मरद की रखैल नहीं सै, बराबरी बिन मेल नहीं सै
हो आच्छी धक्का पेल नहीं सै, मैं बाबू नै समझा ल्यूंगा।।
मेहनत करकै खाणा चाहिये, फिरंगी मार भजाणा चाहिये
रणबीर सुर मैं गाणा चाहिये, ध्यान देश पै ला ल्यूंगा।।
7*****
नल दमयन्ती की गावै तूं कद अपनी रानी की गावैगा।।
नल छोड़ गया दमयन्ती नै तूं कितना साथ निभावैगा।।
लखमीचन्द बाजे धनपत नल दमयन्ती नै गावैं क्यों
पूरणमल का किस्सा हमनै लाकै जोर सुणावैं क्यों
अपणी राणी बिसरावैं क्यों कद खोल कै भेद बतावैगा।।
द्रोपदी चीर हरण गाया जा पर तनै म्हारे चीर का फिकर नहीं
हजारां चीर हरण होरे आड़ै तेरे गीत मैं जिकर नहीं
आवै हमने सबर नहीं जो ना म्हारे गीत सुणावैगा।।
देश प्रेम के गीत बणाकै जनता नै जगाइये तूं
किसान की बिपता के बारे में बढ़िया छन्द बनाइये तूं
इतनी सुणता जाइये तूं कद फौज मैं मनै बुलावैगा।।
बाबू का ना बुरा मानिये करिये कला सवाई तूं
अच्छाई का पकड़ रास्ता ना गाइये जमा बुराई तूं
कर रणबीर की मन चाही तूं ना पाछै पछतावैगा।।
8****
हवा सिंह के लिखी हाथ की चिट्ठी तेरी आई रै।।
तम्बू के म्हां पढ़ी खोल कै खुशी गात मैं छाई रै।।
दुनिया गावै राजे रानी या तो मेरी मजबूरी सै
किसान और फौजी पै गाणा बहोतै घणा जरूरी सै
दुनिया कहती आई सै नहीं होती ठीक गरूरी सै
काम करने आल्यां की क्यों खाली पड़ी तिजूरी सै
भारत देश आजाद करावां मिलकै कसम उठाई रै।।
कां डंका खेलण खातर पेड़ गाम का भावै सै
याद आवै सै खेल कबड्डी बख्त शाम का खावै सै
शिखर दोफारी ईंख नुलाणा जलन घाम का सतावै से
लिखते लिखते ख्याल मनै तेरे नाम का आवै सै
फौज में रहना आसान नहीं साथी नै बात बताई रै।।
अंग्रेजां नै मार भगावां यो देश आजाद कराणा सै
सुभाष चन्द्र बोस बताग्या ना पाछै कदम हटाणा सै
तोड़ जंजीर गुलामी की यो भारत नया बणाणा सै
जिन्दा रहे तो फेर मिलांगे नहीं तनै घबराणा सै
भोलेपन के कारण हमनै चोट जगत मैं खाई रै।।
मित्र प्यारे सगे सम्बन्ध्ी मेरा सब तम प्रणाम लियो
कहियो फौजी याद करै सै थोड़ा दिल थाम लियो
आजादी नै कुर्बानी चाहिये सुन मेरा पैगाम लियो
भगतसिंह क्यों फांसी तोड्या बात समझ तमाम लियो
मेहरसिंह ने जवाब दियो रणबीर करै कविताई रै।।
9****
ध्यान लगाकै सुणिये बेटा कहै बाबू नन्दराम तेरा।।
लंदन आले राज करैं सैं हो लिया देश गुलाम तेरा।।
मास्टर धोरैे ईस्ट इन्डिया का तनै नाम सुण्या होगा।
इमदाद करैं व्यापार फैला कै उनका काम सुण्या होगा।
कारीगरां के हाथ कटा दिये किस्सा आम सुण्या होगा।
गद्दारां मैं मुरब्बे बांटे यो हाल तमाम सुण्या होगा
भगतसिंह फांसी तोड़या हे भारत माता जाम तेरा।।
जो बढ़िया थी चीज म्हारी ये लेगे लन्दन मैं ठाकै
राज के उपर कब्जा करगे हम देखैं मुंह नै बाकै
मलमल खादी खत्म करे म्हारे आपस मैं सिर फुड़वाकै
तुरत आंख फुड़ाई चले जो उनकी तरफ लखाकै
बन्दर बांट इसी मचाई कर दिया काम तमाम तेरा।।
फौज मैं बेटा डरिये मतना बनिये वीर सिपाही तूं
तोप चलाइये दुश्मन पै करिये गात समाई तूं
भारत मैं आजादी ल्याकै करिये सफल कमाई तूं
कदम बढ़ा मत उल्टा हटिये ना खाइये नरमाई तूं
घाल दिये घमशान सरहद पै, होज्या रोशन गाम तेरा।।
आजादी अनमोल चीज सै शहीदों को है मेरा सलाम
सुखदेव भगतसिंह राजगुरु ये देरे देख तनै पैगाम
तन मन धन दिये वार मेहरसिंह इतना करिये मेरा काम
रणबीर सिंह नै गीत बनाया दोनों का सै बरोना गाम
प्रेम कौर कै बस्या रहै सै हरदम दिल मैं नाम तेरा।।
10****
कांग्रेस क्यों छोडडी तनै इतना तो मनै बताईये तूं।।
गर्म दल क्यों बनाया था इतना मनै समझाईये तूं।।
के हालात बणे बोस इसे जो कांग्रेस छोड़नी पड़गी
सबतैं बडडी पार्टी तैं क्यों तनै बात मोड़नी पड़गी
एक एक बात आछी ढालां खोल कै दिखाईये तूं।।
माणस लड़ाकू और ज्ञानी कहते जनता नै लाग्या
तेरे प्रति मोह बहोत यो कहते जनता का जाग्या
सतो फतो सरतो साथ सैं मतना कति घबराईये तूं।।
न्यूं दिल कहता बोस मेरा तूं साच्चा लीडर म्हारा
कहते सारे हिन्दुस्तान मैं सबके दिल का तूं प्यारा
मनै दिल की बात कैहदी दिल की बात सुनाईये तूं।।
जय हिन्द जय हिन्द होरी यो पूरा भारत याद करै
बढ़ते जाओ बोस आगै रणबीर बी फरियाद करै
म्हारी जरुरत हो कदे तो सिंघापुर मैं बुलाईये तूं।।
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