चिड़िया चुगगी खेत चेत बिन आगी नींद रूखाले नै।।
म्हारा घेर लिया तन जन मकड़ी के पुरे होए जाले नै।।1
बढ़ै मंहगाई रोज सवाई यो गरीब आदमी तंग पाग्या
बदेशी पूंजी लूट की कुंजी लूटी म्हारी धन और माया
जूती म्हारी खाल उतारी घणा कसूता भ्रम फैलाया
राणी राजा बैजू बाज्या कोन्या म्हारा हाल सुणाया
लख्मी दादा रोया चभोया डंक पापी विष हर काले नै।।
2
अमीर गरीब दो जात बताई चालो सही पिछाण कै
इसतैं न्यारा जो झगड़ा ठारया खूब देखियो छाण कै
गाड्डी फूँकवाके हमनै लड़वाकै साहब बैठगे ताण कै
जात भूल कै जमात समझल्यां नहीं अड़ै भगवान कै
बारा बाट या टूटी खाट नहीं दीखै गावन आले नै।।
3
चारों कांहीं लपट उठ री रासा मोटा छिड़ग्या क्यों
निर्दोष मरैं सैं भारत मैं रक्षक भक्षक बणग्या क्यों
हमनै लूटण पीटण का यो खुला ठेका छुटग्या क्यों
फर्क गलत सही का यो हिंदुस्तान तैं मिटग्या क्यों
जात पात का भरम गरम करै चितरू के साले नै।।
4
बात साफ सुणल्यो आप असली बात छिपाई जा
देश डबोया कति ल्हकोया नकली बात बताई जा
धर्म की भांग करावै सांग तुरुप चाल चलाई जा
गरीब गरीब का गल काटै इसी प्लान बनाई जा
भाई भोले तूं खड़या होले रणबीर देश बचाले नै।।
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