सीनियरिटी पढ़ण बिठाई, मैरिट ना फेर भाजी थ्यायी, शिफारस नै बिठाया जमाई, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
1डॉक्टर खत्री काट्या फेर सूबेदार सिंह काट दिया
तीजे नम्बर आला डॉक्टर इस औधे पै छांट दिया
प्रदीप गर्ग नै तगड़ी लाई, हिला दिया एक बै जमाई, कोर्ट नै थोड़ी रोक लगाई ,प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
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इस उठा पटक नै सारा सिस्टम उघाड़ा कर दिया रै
कायदे कानून तोड़ बागये,किसा पवाड़ा कर दिया रै
रोज तारीख पड़ण लाग़री, फैकल्टी सारी लड़ण लाग़री,इल्जाम झूठे धरण लाग़री , प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
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आज हवा मैं शक की बदबू सारे कै फैल रही देखो
टांग खिंचाई बिना बात हो डारेक्टर की गैल रही देखो
मौका परस्ती इब या छागी, कुणबा परस्ती सबनै खागी, मैरिट हमेशा पिटती जागी, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
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सर्जरी विभाग का भट्ठा बैठण मैं कोए कसर नहीं
इंसानियत रगड़ कै चाटगे इब्बी इनकै सबर नहीं
रणबीर की या कविताई, सदा साची लिखती आई,चाल कै पहोंचै सही राही, प्रोफेसर की कुर्सी पै।।
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